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Mehandi Design Fort Wedding 02

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Mehandi Design For Wedding 01

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Mehandi Design For Wedding

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Delicious Indian Drink For Summer : Thandai (ठण्डाई )

ठण्डाई 
अगर  गर्मी के दिनों में थोड़ीसी ताजगी चाहते है तो ठंडाई पिए गर्मी के दिनों में इसे पीने का मजा़ ही अलग है। यदि आप इसे रोज सुबह पियें तो यह आपको लू और नकसीर से होने वाली तकलीफों से बचाती है। यह बेहद स्वादिष्ट तो होती ही है, साथ ही साथ हमारे शरीर को ऊर्जा व ताज़गी भी देती है। वैसे तो आजकल बाजा़र में रेडीमेड ठंडाई भी मिल जाती है, लेकिन कुछ मिलावट और प्रिजरवेटिव्स के होने की भी संभावना रहती है। इसलिये घर की बनी ठंडाई ही सही मायने में फायदेमंद होती है। तो आइये आज हम घर पर ही ठंडाई बना लेते हैं।

आवश्यक सामग्री:
चीनी - 5 कप
पानी - 2.1/2 कप
बादाम - 1/2 कप से थोड़े ज्यादा
सौंफ - 1/2 कप
काली मिर्च - 2 छोटी चम्मच
खसखस - 1/2 कप
खरबूजे के बीज - 1/2 कप
छोटी इलाइची - 30-35 (छील कर बीज निकाल लें)
गुलाब जल - 2 टेबल स्पून (यदि आप चाहें तो)

विधि:
  • ठंडाई बनाने के लिये सबसे पहले एक बर्तन में चीनी व पानी मिला कर उबाल लगा लीजिये और उसके बाद 5 -6 मिनट पका कर ठंडा कर लीजिये। चाशनी तैयार है।
  • अब सौंफ, काली मिर्च, बादाम, खरबूजे के बीज, इलाइची के दाने और खसखस को साफ कीजिये और धोकर अलग-अलग कटोरियों में 1 घंटे के लिये पानी में भिगो कर रख दीजिये (रात भर के लिये भी भिगो कर रखा जा सकता है)।
  • अब पानी निकाल कर बादाम को छील लीजिये और मिक्सी में ये छिले हुए बादाम, 2 टेबल स्पून चीनी का घोल और बाकी सारे मेवा-मसाले डाल कर बारीक पीस लीजिये।
  • अब इस मिश्रण को चीनी के घोल में मिला कर छान लीजिये और बचे हुए मोटे मिश्रण में घोल मिला कर फिर से बारीक होने तक पीस कर छान लीजिये।
  • ठंडाई तैयार है। अब इसे किसी एअर टाइट बोतल में भर कर फ्रिज में रख दीजिये और जब भी मन करे इसमें आवश्यक्तानुसार बर्फ और दूध मिला कर पी जाइये। बोतल में भरी गई यह ठंडाई यदि फ्रिज में रखी रहे तो 1महिने से भी ज्यादा दिन चल सकती है।

Everything You Need To Know About Male Condoms : पुरूष कंडोम क्या होता है?



पुरूष कंडोम क्या होता है?
पुरूष कंडोम वह थैली है जो कि पुरूष के खड़े लिंग पर चढ़ाने के लिए बनाई जाती है।

यह किस चीज से बनाई जाती है?
अधिकतर कंडोम लेटैक्स रबर से बनाए जाते है।

कंडोम के उपयोग के क्या लाभ होते हैं?
कंडोम के उपयोग के निम्नलिखित लाभ हो सकते हैं -

  1. जब नियमित रूप से और सही रूप से कंडोम का इस्तेमाल किया जाता है तो वह सबसे अधिक भरोसे की विधियों में से एक है जिनसे जन्म पर नियन्त्रण बनता है। 
  2. इनका उपयोग उपभोक्ता के लिए सरल है। थोड़े से अभ्यास से वे इसका उपयोग करके सम्भोग के आनन्द से आत्मविश्वास पा सकते हैं। 
  3. कंडोम की जरूरत तभी पड़ती है जबकि आप सम्भोग करना चाहते हैं जबकि अन्य गर्भनिरोधक आपको हर समय लेने पड़ते हैं या धारण करने पड़ते हैं।
  4. कंडोम एकमात्र ऐसा साधन है जो कि यौन सम्बन्धों से फैलने वाले रोगों को फैलने से रोकता है इनमें एच आई वी भी शामिल हैं जब उनका नियमित और सही इस्तेमाल हो। 
  5. किसी भी उम्र के पुरूष इसे धारण कर सकते हैं। 
  6. सरलता से उपलब्ध होते हैं और सभी जगह मिलते हैं।

एक कंडोम के उपयोग की हानियां क्या हो सकती हैं?
कंडोम के उपयोग की हानियां निम्नलिखित हैं -

  1. जिन लोगों को लेटैक्स से अलर्जी होती है उन्हें खुजली दे सकता है। 
  2. सम्भोग के समय कंडोंम के फट जाने या खिसक जाने की आशंका रह सकती है। 
  3. यदि वैसलीन या तेल से चिकना करके इस्तेमाल किया जाए तो कंडोम कमजोर पड़ सकता है या टूट सकता है।

गर्भ से सुरक्षा देने में कंडोम कितना प्रभावशाली है?
यदि 100 महिलाओं के साथी नियमित रूप से और सही रूप से कंडोम का उपयोग शुरू करते हैं तो पहले वर्ष में 100 में से 3 गर्भधारण होते हैं। यदि उपयोग अनियमित हो या सही न हो तो 14 गर्भधारण की सम्भावना हो सकती है।

गलत या अनुचित उपयोग के क्या सम्भावित कारण हो सकते हैं?
निम्नलिखित कारणों से इसका गलत या अनुचित उपयोग हो सकता है - लिंग के पूरी तरह खड़े होने से पहले ही कंडोम पहन लेने के कारण या कंडोम को पूरा ऊपर तक न पहनने के कारण आदि।

कंडोम के उपयोग को सही करने की क्या तकनीक है?
कंडोम के सही उपयोग की विधि इस प्रकार है -

  • सुनिश्चित करें कि पैकेट और कंडोम अच्छी स्थिति में हैं, यदि उस पर समाप्ति की तारीख दी हो तो ध्यान दें कि कहीं तारीख निकल तो नहीं चुकी।
  • पैकेट को एक कौने से खोलें, ध्यान दें कि अपने नाखूनों, दांत से या बड़ी बरूखी से कंडोंम को साथ में न काट दें। 
  • रोल किए हुए कंडोम को अपने खड़े लिंग के टिप पर रखें।
  • उसे नीचे की ओर लिंग के मूल आधार तक पूरा खोल दें, अगर कोई हवा के बब्बल आ गए हैं तो उन्हें निकालें (हवा के बबूले कंडोंम को तोड़ सकते हैं)
  • ऊपर कंडोम के टिप पर कम से कम आधा इंच जगह छोड़ दें ताकि विर्य उसमें एकत्रित हो सके।
  • यदि आपको कुछ चिकनापन चाहिए तो उसे कंडोम के बाहर लगाएं। परन्तु हमेशा जल आधारित चिकनाई का प्रयोग करें (जैसे कि 'के वाई' जैली जो कि दवा की दुकान पर आमतौर पर मिल जाती है) तेल आधारित चिकनाई जैसे वैसलीन/बेबी ऑयल। नारियल तेल का उपयोग न करें क्योंकि इससे लेटैक्स टूट सकता है।
यदि रोल किया हुआ कंडोम खुले न तो क्या करना चाहिए?
कंडोम को लिंग के ऊपरी भाग पर रिम से रोल करते हुए सरलता से और कोमलता से खोलना चाहिए। यदि आपको उससे जुझना पड़े तो या कुछ सैकेन्ड से अधिक समय लगे तो सम्भवतः इसका अर्थ है कि आप उसे उल्टा चढ़ा रहे हैं। कंडोम को उतारने के लिए उसे ऊपर तक वापिस रोल नहीं करना है। रिम से उसे पकड़ो और खींच लो और फिर दूसरा नया कंडोम चढाओ।

कंडोम को कब हटाना चाहिए?
लिंग के ढीले पड़ने से पहले उस खींचना है और कंडोम को लिंग के अन्त में रोको, ध्यान पूर्वक खोंचो कि वीर्य बाहर की ओर बिखरे नहीं।

कंडोम को फेंकना कैसे चाहिए?
कंडोम को सही तरीके से फेंकना चाहिए - उदाहरणतः किसी कागज या टिशू में लपेट कर फेंकना चाहिए। उसे टॉयलेट मे डालना उचित नहीं - यह प्राकृतिक रूप से घुलता नहीं इसलिए सीवर को बन्द कर सकता है।

यदि सम्भोग करते हुए कंडोम फट जाए तो क्या करना चाहिए?
यदि सम्भोग करते समय कंडोम फट जाए, तो जल्दी से उसे उतारें और दूसरा लगायें। सम्भोग करते हुए, समय-समय पर कंडोम को देखते रहें कि कहीं वह खिसक न जाए या फट न जाए। यदि कंडोम फट जाए या आप को लगे कि सम्भोग के दौरान वीर्य बाहर निकल गया है तो आपातकालीन गर्भनिरोधक लेने पर विचार करें जैसे कि सुबह उठते ही गोली ले लेना।

क्या एक की अपेक्षा दो कंडोम अधिक प्रभावशाली रहते है?
एक ही समय में दो कंडोम का उपयोग न करें, क्योंकि जब दो लेटैक्स आपस में पगड़ खायेंगे तो फट जायेंगे।

कंडोम की देखभाल से सम्बन्धित कुछ टिप्स :

  1. सम्भव हो सके तो कंडोम को ठन्डे अंधेरे स्थान पर रखें।
  2. कंडोम को अतिरिक्त गर्मी, रोशनी और हुमस से बचायें।
  3. सावधानी से पकड़ें। नाखून और अंगूठी उसे हानि पहुंचा सकते हैं।
  4. उपयोग से पहले उसे खोले नहीं, इससे वे कमजोर हो जाते हैं और खोले बिना भी चढ़ाना कठिन है।

यदि कंडोम अथवा चिकनाई से जननेन्द्रिय मे खुजली या रैश हो जाए तो क्या करना चाहिए?
यदि कंडोम अथवा चिकनाई से जननेन्द्रिय में खुजली या रैश हो जाए तो निम्नलिखित उपचार करें -

  • पानी को चिकनाई की तरह इस्तेमाल करने का प्रयास करें
  • खुजली और एलर्जी तो नहीं है इसके लिए डाक्टर के पास जायें।
यदि कंडोम चढाते हुए या उसका उपयोग करते समय किसी पुरूष का लिंग खड़ा नही रह पाता तो क्या करना चाहिए?
ऐसी स्थिति मे निम्नलिखित करें -

  • स्परमिसिड के बिना वाले सूखे कंडोम का उपयोग करने का प्रयास करें।
  • अपनी साथी महिला साथी से उसे चढ़ाने के लिए कहें जिससे उसके प्रयोग से ज्यादा मजा आयेगा।
  • लिंग पर अधिक पानी जल आधारित चिकनाई जैसे कि के वाई जैली का प्रयोग करें और कंडोम चढे लिंग पर बाहर से अधिक चिकनाई लगायें।

Contraceptive Methods For Women and Men (महिलाओं व पुरूषों के लिए क्या गर्भनिरोधक विकल्प उपलब्ध हैं?)

पुरूषों के लिए क्या गर्भनिरोधक विकल्प उपलब्ध हैं?
पुरूषों के लिए गर्भ निरोधक विकल्प है -

  1. अस्थायी सुरक्षा के लिए कंडोम और
  2. स्थायी सुरक्षा के लिए नसबन्दी।

महिलाओं के लिए गर्भ निरोधक विकल्प क्या-क्या है?
महिलाओं के लिए उपलब्ध गर्भ निरोधक विकल्प हैं -

  1. जनाना कंडोम
  2. स्पर्मिसाइडस
  3. मौखिक गोलियां
  4. इंजैक्शन द्वारा दिए जाने वाले गर्भ निरोधक
  5. इन्टरा युटरीन डिवाइज
  6. ट्यूब को बन्द करना (ट्यूबक्टोमी)

जरूरत के आधार पर उपलब्ध गर्भ निरोधकों की पहुंच कहां तक है?

जरूरत के आधार पर उपलब्ध गर्भनिरोधकों की पहुंच निम्न प्रकार से हैः

स्थितिगर्भनिरोधक विकल्प
किशोर/युवा विवाहित दम्पत्ति - जिन की कोई सन्तान न हो।
  • स्त्री/पुरुष के कंडोम
  • संयुक्त हॉरमोन गर्भनिरोधक गोलियां
  • प्रोजेस्ट्रीन की गोलियां
  • सेन्टकरोमन (सहेली)
  • प्राकृतिक परिवार-नियोजन
विवाहित दम्पत्ति - /जिनके बच्चे हैं, बच्चों में अन्तराल चाहते हैं।
  • स्त्री/पुरूष के कंडोम
  • संयुक्त हारमोनल गर्भ निरोधक गोलियां
  • आई यू डी
विवाहित दम्पत्ति - जिनके परिवार परिपूर्ण हैं।
  • प्रोजेस्टीन केवल गोलियां
  • डैपो - प्रोवेरा
  • आई यू डी
  • स्त्री/पुरूष नसबन्दी
स्तनपान कराने वाली माताएं
  • स्त्री/पुरूष कंडोम
  • प्रोजेस्टीन की केवल गोलियां
  • डैपो - प्रोवेरा
  • आई यू डी

बेबीमून क्या है ?



एक माँ के लिए गर्भधारण  करना एक विशेष अनुभव होता है, चाहे  माँ अपने पहले बच्चे की उम्मीद से हो या फिर चौथे बच्चे की । एक गर्भवती माँ के लिए उसके शरीर के भीतर पलने वाले जीवन को पोषण देना, कभी भी न भूले जाने वाली अनुभूति होती है और इस अनुभूति को यादगार क्षणों में तब्दील किया जा सकता है "बेबीमून " कि प्लानिंग करके ।

बेबीमून क्या है ?
"बेबीमून" शब्द सबसे पहले नब्बे के दशक में सामने आया। उस वक्त बच्चे के जन्म के बाद मां-बाप जो वक्त एक साथ बिताते थे। उसे बेबीमून कहा जाता था। इसके लिए वे बाकायदा प्लानिंग करते थे और अपनी पसंदीदा जगह पर न्यू-बॉर्न बेबी के साथ कपल्स वक्त बिताते थे।

इसके बाद 2006 के बाद बेबीमून का स्वरूप बदला। अब कपल्स बेबी के होने से पहले जो छुट्टियां साथ बिताने लगे उसे बेबीमून कहा जाने लगा। इस वक्त यह खूब प्रचलन में है। मां-बाप बनने वाले कपल्स बच्चे के जन्म से पहले कुछ दिन साथ बिताते हैं। इन दिनों में वो अपनी पसंदीदा जगह की ट्रैवलिंग करते हैं। बच्चे के लिए प्लानिंग करते हैं। इसके अलावा, आने वाली जिम्मेदारियों के ऊपर बातचीत करते हैं।

सही समय का चुनाव 
बेबीमून के लिए परफेक्ट टाइमिंग 18 से लेकर 24 वें सप्ताह के बीच मानी जाती है। इसके अलावा आप गर्भावस्था के मिड पीरियड में भी बेबीमून पर जा सकते हैं। बेबीमून को लेकर अलग-अलग राय है कई लोग कहते हैं कि 14 से लेकर 28वें सप्ताह के बीच बेबीमून पर जाना उपयुक्त रहता है।

 The Mongan Method: A Natural Approach to a Safe, Easier, More Comfortable Birthing with CD (Audio)

बेबीमून पर जाते वक्त इस बात का विशेष ध्यान रखें कि जिस एयरलाइन में आप जा रहे हैं कहीं उसमें डिलीवरी के कुछ सप्ताह पहले फ्लाइनिंग प्रतिबंधित न हो। कई ऐसी एयरलाइन हैं जो डिलीवरी के कुछ हफ्ते पहले फ्लाइनिंग नहीं करने देती हैं। बुकिंग से पहले इस बात को चेक कर लें, ताकि आपका टिकट बर्बाद न जाए।

डेस्टिनेशन का चुनाव
बेबीमून पर जाने से पहले डेस्टिनेशन तय कर लें। ध्यान रहे कि डेस्टिनेशन पति-पत्नी दोनों की रजामंदी का होना चाहिए। अगर आप पहले से ही तय डेस्टिनेशन पर बेबीमून मनाने जाएंगे तो खूब मस्ती भी कर पाएंगे और बिना किसी परेशानी और आपसी मनमुटाव के रिलेक्स भी करेंगे।

बेबीमून के लिए ऐसी जगह का चुनाव करें जहां आप दोनों आसानी से जा सकें। वहां जाने में किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। अगर आप कार से बेबीमून के लिए जा रहे हैं तो ध्यान रखें कि 9-10 घंटे से ज़्यादा का सफर न हो।

सीट बैल्ट हल्के बांधे
बेबीमून के लिए प्लाइंग करते वक्त गर्भवती महिला को अपनी सीट बैल्ट हल्के बांधनी चाहिए। इसके अलावा पेट के नीचे को सीट बैल्ट बांधे। पेट के बीचो-बीच सीट बैल्ट बांधने से बचें।

डॉक्टर से सलाह लें
बेबीमून पर जाते वक्त अपने डॉक्टर से सलाह लें। जहां आप बेबीमून के लिए जा रहे हैं वहां आस-पास डॉक्टर की उचित व्यवस्था हो इस बात का विशेष ध्यान रखें।

अंडरआर्म की डार्कनेस दूर करने के कुछ घरेलू उपाय


लड़कियां स्लीवलेस कपड़े पहना बेहद पसंद करती हैं, लेकिन अंडरआर्म की डार्कनेस उन्हें ऐसा करने से कई बार रोक देती है। इसकी वजह से शादी-पार्टी में उनको अपना मन मार कर फुल स्लिव कपड़े पहनने पड़ते हैं। इस आर्टिकल में हम लड़कियों को अंडरआर्म की डार्कनेस दूर करने के कुछ घरेलू उपाय बता रहे हैं।

1. नींबू
नीबू के छिलके से अंडरआर्म की डार्कनेस दूर होती है।10 से 15 मिनट तक अंडरआर्म पर नींबू के छिलके से मसाज करें और उसके बाद ठंडे पानी से धो लें। 2-3 दिन तक लगातार ऐसा करते रहें। इसके बाद आपको फर्क खुद महसूस होने लगेगा। आप नींबू के साथ चीनी मिक्‍स कर भी मसाज कर सकती हैं।

2. चीनी
डार्क रंग की स्किन से छुटकारा पाने के लिये चीनी और पानी का यूज करें। इसके मिश्रण को अंडरआर्म पर लगाएं। आप चाहें तो दिन में दो बार इस मिश्रण को अंडरआर्म पर लगा सकती हैं। इससे अंडरआर्म की डार्कनेस दूर होने लगती है और स्किन में चमक आती है।

3. बेकिंग सोडा
बेकिंग सोडा और पानी के पेस्‍ट से अंडरआर्म की मसाज करें। इससे अंडरआर्म की डार्कनेस हल्की पड़ती है और स्किन चमकने लगती है। जल्दी रिजल्ट के लिए बेकिंग सोडा के साथ गुलाब जल का यूज करें।

4. दूध
दूध के साथ केसर का पेस्ट बनाकर उसे अंडरआर्म पर लगाने से वहां की डार्कनेस खत्म हो जाती है।

Astrology



ज्योतिष शास्त्र एक बहुत ही वृहद ज्ञान है। इसे सीखना आसान नहीं है। ज्योतिष शास्त्र को सीखने से पहले इस शास्त्र को समझना आवश्यक है। सामान्य भाषा में कहें तो ज्योतिष माने वह विद्या या शास्त्र जिसके द्वारा आकाश स्थित ग्रहों, नक्षत्रों आदि की गति, परिमाप, दूरी इत्या‍दि का निश्चय किया जाता है।
ज्योतिष शास्त्र भी एक विद्या है. आपको इस विद्या का मंत्र बताते हैं, जिसके द्वारा ज्योतिषी आपके मन की बात का पता कर लेते है. आप किसी जानकार ज्योतिषी से समय के अनुसार लग्न बनाना सीख लीजिये. आजकल तो कम्प्यूटर पर काफी बेवसाइट समय के अनुसार चलने वाले लगनों को वैदिक या पश्चिमी तरीके से बना देतीं हैं. जैसे ही आप लगन बनाना सीख गये, समझो आपको ज्योतिष के जादू का पता चल गया. अब आपको बताते हैं कि इस लगन के द्वारा किस तरह से मन की बात को जान सकते हैं.

लगन से बायीं तरफ ऊपर के खाने से गिनना शुरु कर दीजिये,जो लगन में सबसे ऊपर का खाना है वो पहला भाव कहलाता है. बायीं तरफ का दूसरा खाना दूसरा भाव और फिर नीचे की ओर देखते हैं तो तीसरा खाना ये तीसरा भाव है. इसी प्रकार से हर खाने को गिनते जाइये और खाने के हिसाब से भाव बनाते जाइये. सभी खाने बारह होते हैं और बारह खाने ही बारह भाव होते हैं. इन सभी खानों में किसी में सूर्य किसी में चन्द्र किसी में मंगल किसी में बुध और किसी में बृहस्पति शुक्र शनि और राहु केतु ग्रह बैठे होते है. जैसे लगन के पहले खाने से सूर्य सातवें खाने में बैठा है तो कहा जायेगा कि सूर्य सातवें भाव में विराजमान है, इसी तरह से सभी ग्रहों की स्थिति को एक कागज पर लिख लीजिये.

अब समस्या आती है कि कौन से ग्रह के किस भाव में होने से क्या चिन्ता मिलती है? अब आपको बताते हैं कि ग्रह और ग्रह के भाव में होने से कैसी चिन्ता होती है. अब जैसे ही ग्रह भाव को छोडेगा, उस व्यक्ति की चिन्ता का अन्त हो जायेगा.

सूर्य का प्रभाव
सबसे पहले सूर्य के बारे में बताते हैं कि वो किस भाव में क्या चिन्ता देता है. सूर्य पहले भाव में हो तो किसी के द्वारा कपट करने और छल करने की चिन्ता है,किसी ने झूठ कहकर बदनाम किया है. सूर्य के दूसरे भाव में होने से जो कार्य किया जा रहा है उसके अन्दर लगने वाले धनबल, बाहुबल या भाग्यबल की चिन्ता है. तीसरे भाव में किसी के द्वारा किये जाने वाले झगडे की चिन्ता है. चौथे भाव में किसी के प्रति जलन चल रही है. पांचवें भाव में सन्तान या शिक्षा या खेल की हार-जीत की चिन्ता है. छठे भाव में रास्ते में जाते वक्त या आते वक्त कोई काम किया जाना था उसकी चिन्ता है. सातवें भाव में होने पर जीवन साथी या साझेदार के अहम भरे शब्द कहने की चिन्ता है. आठवें भाव में ह्रदय की बीमारी या नौकर के द्वारा काम नहीं करने की चिन्ता है. नवें भाव से विदेश में रहने वाले व्यक्ति की चिन्ता है. दसवें भाव में राज्य या सरकार द्वारा परेशान किये जाने की चिन्ता है. ग्यारहवें भाव में सरकार से या पुत्र या पिता के धन की चिन्ता है. बारहवें भाव में आने जाने वाले रास्ते और शत्रु द्वारा परेशान किये जाने की चिन्ता है.

चन्द्रमा का प्रभाव
अब चन्द्रमा के बारे में बताते हैं,कि वो किस भाव में किस प्रकार की चिन्ता देता है. चन्द्रमा पहले भाव में अपने निवास की चिन्ता देता है. दूसरे भाव में धन और विदेश के व्यक्ति या काम की चिन्ता देता है. तीसरे भाव में घर से दूर रहने की चिन्ता और किसी प्रकार के धार्मिक प्रयोजन करने की चिन्ता है. चौथे भाव में कैरियर और मकान या माता या पानी की परेशानी है. पांचवे भाव में संतान या जल्दी से पैसा वाला बनने की चिन्ता है. छठे भाव में किये जाने वाले प्रयासों में असफलता की चिंता है. सातवें भाव में जीवन साथी या साझेदार के द्वारा किये जाने वाले कपट की चिन्ता है. आठवें भाव में मुफ्त में प्राप्त होने वाले धन और पिता के परिवार से मिलने वाली सम्पत्ति की चिन्ता है. नवें भाव में लम्बी दूरी की यात्रा करने या किसी के द्वारा किये गये कपट की कानूनी सहायता प्राप्त नहीं होने की चिंता है. दसवें भाव में वादा खिलाफी की चिन्ता है. ग्यारहवें भाव में मित्र द्वारा धोखा देने की चिन्ता है. बारहवें भाव से चोरी गया या खोयी चीज की चिन्ता होती है.

Homemade facepack for glowing skin



नींबू के कई फायदे हैं। लड़कियां इसका यूज फेस पैक के रूप में करती हैं। नींबू में विटामिन सी होता है। यह स्किन टिश्यू को साफ करता है। इससे स्किन में निखार आता है। इसके अलावा, नींबू में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो स्किन को हेल्थी रखते हैं।
नींबू से घर में ही फेसियल तैयार किया जाता है। इसके अलावा घरों में नींबू और शहद पिया जाता है। यह स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।
इस आर्टिकल में हम आपको बता रहे हैं कि नींबू का यूज फेस पैक बनाने में कैसे करें...
नींबू और दही का फेसपैक
एक कटोरी में आधा कप दही लेकर उसमें नींबू निचोड़ें। दोनों को अच्छी तरह मिला लें।  इस पेस्ट को फेस और गर्दन पर लगाएं। आप नीबू के  रस की जगह पर नीबू के तेल का भी यूज कर सकती हैं। दस-पंद्रह मिनट के बाद फेस पैक को ठंडे पानी से धो लें। यह मास्क स्किन को चमकदार बनाता है। नींबू स्किन को साफ करता है और दही उसे कोमल बनाती है।
नींबू और शहद का फेस पैक 
एक कटोरी में एक चम्मच नीबू का रस लें। उसमें एक चम्मच शहद मिलाएं। दोनों को अच्छी तरह मिला लें। इसके बाद तैयार फेशियल को चेहरे पर लगाएं। 10  मिनट सुखाने के बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो लें।
यह फेस पैक चेहरे से मुंहासों को दूर करता है।
नींबू और  मुल्तानी मिट्टी का फेस पैक
दो चम्मच मुल्तानी मिट्टी लें। उसमें एक चम्मच नींबू का रस मिलाएं। दोनों को अच्छी तरह से मिला लें। अब इस फेस पैक को पूरे चेहरे पर अच्छी तरह से लगा लें। 10 से 15 मिनट बाद इसे गुनगुन पानी से धो लें।
ऑयली स्किन के लिए यह फेस पैक बहुत लाभकारी होता है।
नींबू और  टमाटर का फेस पैक
तीन-चार चम्मच टमाटर का रस लें। उसमें  दो चम्मच नीबू का रस और तीन चम्मच ओटमील पाउडर मिलाएं। सभी को एक कटोरी में अच्छे से घोलें और पेस्ट तैयार करें।
इस पेस्ट को पूरे चेहरे पर ठीक से लगायें। 10 मिनट तक इस लगा रहने दें फिर ठंडे पानी से धो दें। यह फेस पैक चेहरे को दाग- धब्बों से मुक्त करने में मददगार सिद्ध होता है।
नींबू और  खीरे का फेस पैक
एक-एक चम्मच ताजे खीरे और नींबू का रस लेकर, दोनों को अच्छी तरह मिला लें। इसे चेहरे पर लगाएं। आप तीन से चार बार इस मिश्रण को चेहरे पर लगाएं।इसके बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो लें।

सर्दियो में खाई जाने वाली पारम्परिक पौष्टिक मिठाई अलसी की पिन्नी (Alsi Ladoo Recipe)


सर्दियों के मौसम ने दस्तक दे दी है. इस मौसम में आपके परिवार को अधिक केयर की जरूरत है. अलसी (Linseeds or Flax Seeds) से बने खाद्य पदार्थ (Alsi Recipes) आपके परिवार को सर्दी जुकाम खांसी आदि से लड़ने की प्रतिरोधात्मक शक्ति देते हैं.

अलसी में ओमेगा-3 और ओमेगा-6 नाम के अम्ल होते हैं जो आपके शरीर के कोलोस्ट्रोल को संतुलित करते हैं. अपने पदार्थ गुण में अलसी के बीज अखरोट और बादाम को मात देते हैं लेकिन मूल्य में बहुत सस्ते. आयुर्वेद के अनुसार अलसी के बीज (Linseed or Flax Seeds) वात, पित्त और कफ को संतुलित करते हैं

अलसी की पिन्नी (Alsi Pinni) सर्दियो में खाई जाने वाली पारम्परिक पौष्टिक मिठाई है. अलसी की पिन्नी सर्दियों में बनाकर रख लीजिये, रोजाना 1-2 अलसी की पिन्नी (Alsi Ki Pinni) खाइये, सर्दी, जुकाम, खासी, जोड़ों के दर्द सभी में फायदा पहुंचाती है., तो आइये अलसी की पिन्नी बनाना (Alsi Ladoo or Alsi Ki Barfi) शुरू करें.

आवश्यक सामग्री – Ingredients for Alsi Ki Pinni

  • अलसी – 500 ग्राम ( 4 कप)
  • गेहूं का आटा – 500 ग्राम ( 4 कप)
  • देशी घी – 500 ग्राम ( 2/1/2 कप)
  • गुड़ या चीनी – 800 ग्राम ( 4 कप)
  • काजू – 100 ग्राम
  • बादाम – 100 ग्राम
  • पिस्ता – 1 टेबल स्पून
  • किशमिश – 1 टेबल स्पून
  • गोंद – 100 ग्राम
  • इलाइची – 15 (छील कर कूट लीजिये)

विधि – How to make Alsi Ki Pinni

  • अलसी (Linseeds or Flax Seeds) को थाली में डालकर अच्छी तरह छान बीन कर साफ कर लीजिये.
  • अलसी को सूखी कढ़ाई में डालिये, रोस्ट कीजिये (अलसी रोस्ट करते समय चट चट की आवाज करती है) और मिक्सी से पीस लीजिये. इन्हें थोड़े दरदरे पीसिये, एकदम बारीक मत कीजिये.
  • गेंहू के आटे को आधा घी डाल कर ब्राउन होने तक और अच्छी महक आने तक भून लीजिये. भुने आटे को किसी थाली या ट्रे में निकाल कर रख लीजिये.
  • गोंद को बारीक तोड़ कर बचे हुये घी में तलिये, गरम घी में थोड़ा गोंद डालिये, गोंद फूल जाता है, हल्का ब्राउन होने पर थाली में निकालिये और सारा गोंद इसी तरह तल कर निकाल लीजिये. ठंडा होने पर तले हुये गोंद को चकले पर या किसी थाली में बेलन की सहायता से दबा दबा और बारीक कर लीजिये.
  • गोद तलने के बाद जो घी बचा हुआ है उसमें पिसी हुई अलसी को डालिये और कलछी से चला चला कर मीडियम और धीमी आग पर अच्छी महक आने तक भूनिये और थाली में निकाल लीजिये.
  • काजू, बादाम और पिस्ते छोटा छोटा काट लीजिये.
  • गुड़ या चीनी चीनी की मात्रा का आधा पानी मिलाकर कढ़ाई में डालिये और चाशनी बनने के लिये रखिये. चीनी घुलने तक चमचे से चलाइये और 1 तार की चाशनी तैयार कर लीजिये(चाशनी के टैस्ट के लिये चमचे से 1 बूंद चाशनी प्याली में गिरायें और ऊंगली अंगूठे के बीच चिपका कर देंखें कि जब ऊंगली और अंगूठे को अलग करें तो चाशनी से तार निकलना चाहिये). आग बन्द कर दीजिये. 
  • चाशनी में भुना आटा, भुनी अलसी, काटे हुये मेवे, गोंद और इलाइची डाल कर अच्छी तरह मिला दीजिये. हल्का गरम रहने पर हाथ से थोड़ा थोड़ा (एक नीबू के बराबर) मिश्रण निकाल कर लड्डू बनाकर थाली में रखिये. सारे मिश्रण से लड्डू बनाकर तैयार कर लीजिये या हाथ से चौकोर आकार देते हुये बरफी बना लीजिये.
  • अगर आप बरफी जमाना चाहते हैं तब आप गरम मिश्रण को घी से की चिकनी की गई थाली में डालिये और एकसार करके जमा दीजिये. आधा घंटे या बरफी के जमने के बाद अपने मन पसन्द टुकड़ों में काट लीजिये.


अलसी की पिन्नी तैयार है, अलसी की पिन्नी को खाइये और बची हुई पिन्नी किसी एअर टाइट कन्टेनर में भर कर रख लीजिये और 1 महिने तक रोजाना अलसी की पिन्नी (Alsi Ki Pinni) खाइये.

सावधानियां
  • गोंद को तलते समय आग धीमी और मीडियम ही रखें, तेज आग पर गोंद अच्छा नहीं फूलता, ऊपर से भुनता है और अन्दर से कच्चा निकल आता है.
  • पिसी अलसी को मीडियम और धीमी आग पर ही भूनें (तेज आग पर भूनने से जलने का खतरा है).
  • चाशनी बनाते समय ध्यान रखें कि वह सही बने, चीनी पानी में घुलने के बाद ही चाशनी का टैस्ट कीजिये और 1 तार की चाशनी बना लीजिये, चाशनी ज्यादा होने पर, वह तुरन्त जमने लगेगी और पिन्नी नहीं बन सकेगी, अगर चाशनी में तार नहीं बन रहा हो तो वह जमेगी ही नहीं और पिन्नी नरम रहेगी.
  • सूखे मेवे आप अपने पसन्द से कम ज्यादा कर सकते हैं, आपको जो मेवा पसन्द हो वह डाल सकते हैं और जो मेवा न पसन्द हो वह हटा सकते हैं.

अपने पति से इन बातों का जिक्र न करें...

अगर आप एक अच्छा और कामयाब रिलेशन चाहती हैं तो कभी भी अपने पति से इन बातों का जिक्र न करें...

कुछ बातें छिपी ही अच्छी
सच स्वीकारना अच्छा होता है, लेकिन हमेशा नहीं! यदि आप अपने पार्टनर के साथ खुश रहना चाहती हैं, तो कुछ बातों को दबा ही रहने दें। भरोसा रखें, जो वह नहीं जानते उससे वह दुखी भी नहीं होंगे। इससे आप अपने पार्टनर के साथ उन बातों की वजह से झगड़े की संभावना से बची भी रहेंगी।


वाह क्या सेक्स था!
आपने अपने एक्स बॉयफ्रेंड के साथ कहीं भी, किसी भी जगह सेक्स किया हो, गलती से भी उसका जिक्र अपने पति से न करें। आपकी पास्ट सेक्स लाइफ के बारे में सुनना आपके पार्टनर को बिलकुल गवारा नहीं होगा, इसलिए इन बातों को अपनी आज की जिंदगी से दूर ही रखें, इससे पहले कि ये आपको मुश्किल में डाल दें। यहां तक कि अगर आपका पार्टनर आपकी सेक्स-टेल्स आसानी से सुन रहा है, तो भी यह दिमाग में रखें कि कभी आप भी उस जगह हो सकती हैं। इसीलिए इन बातों को कभी भूल कर भी अपने और अपने पार्टनर के बीच में न आने दें।


उसने फोन किया था!
आपका एक्स बॉयफ्रेंड शहर में वापस आ गया है या फिर कोई नया प्रॉजेक्ट शुरू कर रहा है। हम जानते हैं कि आपके पार्टनर को इसमें जरा भी इंटरेस्ट नहीं होगा। इसलिए ये सब बातें आप अपने तक ही रखें। आपकी सहेलियों को शायद इन बातों पर गॉसिप करना पसंद आए।


उसने भी यही कहा था!
रोमांस में कई चीजें आप बार-बार ट्राई करते हैं। लेकिन फिर भी सामने वाले को हर बार नया सा ही अहसास करना जरूरी है। इसलिए अगर आपने अपने पार्टनर से ऐसा कुछ भी सुना हो जो आप अपने एक्स बॉयफ्रेंड से भी सुन चुकी हैं तो तुरंत एक्साइटेड होकर यह न बोल पड़ें कि 'हां', यह सच है। 'वो' भी ऐसा ही कहता था। मान लीजिए आपका पार्टनर आपकी आंखों की तारीफ करता है तो अब आप गलती से भी यह न कहें दे कि हां 'वह भी' (एक्स बॉयफ्रेंड) यही कहता था।


मैंने उसे धोखा दिया!
आपका एक्स बॉयफ्रेंड एकदम बोरिंग था और आपने उसे उसके बेस्ट फ्रेंड या फिर किसी और के लिए उसे छोड़ा दिया था। जाने-अंजाने भूलकर भी इन बातों का जिक्र अपने पार्टनर से बिलकुल न करें। आपके पुराने धोखे की कहानी सुनकर कहीं वह आपके पीछे जासूस न लगा दे और हमेशा आपको लेकर शंका में रहे कि कहीं आप उसे भी तो धोखा नहीं दे रहीं।


'वो' लम्हा बहुत खास था!
हम जानते हैं, ज्यादातर रोमांटिक लम्हें खास ही होते हैं, लेकिन अच्छा होगा अगर आप उन्हें अपने पार्टनर से उन 'पुराने खास दिनों' को छिपाकर ही रखें। उन्हें इससे ज्यादा और कुछ बुरा नहीं लगेगा, अगर आप उन्हें कहेंगे, 'वह लम्हा बहुत खास था।'


बेस्ट कपल थे हम!
जब भी आपने अपने एक्स बॉयफ्रेंड के साथ फोटो खिंचवाई हो, हो सकता है, लोगों ने कहा हो, wow... क्यूट! हम इस बात से इनकार नहीं कर रहे कि आपका बेस्ट कपल रहे हों और लोग आप दोनों को साथ देखकर जलते हों, लेकिन इस बात का जिक्र अपने करंट पार्टनर से हरगिज न करें। शायद आप सोचती हों कि आपका पार्टनर इसे गलत नहीं समझेगा। उसे कोई कॉम्प्लेक्स नहीं फील होगा और वह हमेशा आपके साथ खुश रहेगा। लेकिन ऐसा नहीं है!