मोबाइल फोन के आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में शामिल होने के साथ ही अब आप अपने मोबाइल फोन नंबर को अपने बैंक खाते का नंबर भी बना सकते हैं। आप अपने उस मोबाइल फोन खाते से हर तरह के लेनदेन तथा खरीद बगैर धोखाधड़ी और बगैर बैंक गए कर सकते हैं।
वित्तीय सेवा प्रदान करने वाली निजी क्षेत्र की एक कंपनी ने देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक के साथ मिलकर शाखा मुक्त मोबाइल फोन बैंकिंग की शुरुआत की है। इस खाते का नाम भारतीय स्टेट बैंक मिनी बचत खाता दिया गया है।
इस निजी कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अभिषेक सिन्हा ने यहाँ बताया कि उनकी कंपनी भारतीय स्टेट बैंक का नेशनल बिजनेस कॉरेसपोंडेट है। उनकी कंपनी ऐसे लोगों को बैंकिंग सुविधाएँ प्रदान करने की कोशिश कर रही है जो अब तक उससे दूर हैं। वे बैंकों की कागजी परेशानियों में नहीं पड़ना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि इसी अवधारणा को ध्यान में रखते हुए वैसे लोगों के लिए इसकी शुरुआत की गई है जो बैंक तक नहीं पहुँच पाते हैं।
उन्होंने बताया कि इसके लिए स्मार्ट या हाई-फाई मोबाइल की आवश्यकता नहीं है। कोई भी साधारण मोबाइल हैंडसेट के माध्यम से इस खाते का संचालन किया जा सकता है। इसके लिए मोबाइल सेवा प्रदान करने वाली कंपनी को किसी तरह का शुल्क नहीं देना पड़ता है।
उन्होंने बताया कि कंपनी दूरदराज के क्षेत्रों में किराना, राशन, दवा, मोबाइल रिचार्ज कूपन बेचने वाले दुकानदारों को अपना एजेंट नियुक्त करती है और वे ही दुकानदार मोबाइल खाते में धनराशि जमा करने या निकालने के लिए रुपए का लेनदेन करते हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, एनसीआर, बिहार और झारखंड में कुल मिलाकर ५५ हजार खाते खुल चुके हैं और इस वर्ष के अंत तक इसकी संख्या १० लाख तक पहुँचाने की योजना है। श्री सिन्हा ने बताया कि एनसीआर में उनके चार सौ एजेंट हैं।
- इस खाते का परिचालन मात्र एक रुपए में किया जा रहा है।
- इसके लिए खाते में निश्चित राशि रखने की बाध्यता भी नहीं है।
- इस बचत खाता में १० रुपए तक की न्यूनतम राशि भी जमा की जा सकती है।
- इतनी ही राशि निकाली भी जा सकती है।
- इसके जरिए दुकानदारों को भुगतान भी किया जा सकता है।
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