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प्रोजैस्टिन ओनली इनजैक्टेबलस क्या होते हैं?

इन इंजैक्शनों को प्रोजैक्ट्रोन डालकर तैयार किया जाता है। दो प्रकार के उपलब्ध है- डी एम पी ए - वे डिप्पो जो हर तीसरे महीने लगाये जाते हैं और नेट इन (नरेथिडरोन एननथेट) जो हर दूसरे महीने लगाये जाते हैं।

प्रौजेस्टिन ओनली इनजैक्टेबल कैसे काम करते हैं?
प्रौजेस्टिन ओनली इनजैक्टेबल इंजैक्शन

  • (1) अण्डों के बनने को रोककर
  • (2) ग्रीवा परक ग्युकस को गाढ़ा करते हैं ताकि वीर्य ऊपर के मार्ग मंन प्रवेश ने करे - इस तरह काम करते हैं।

डी एम पी ए के उपयोग के क्या लाभ हैं?
लाभ निम्नलिखित हैं -

  • ये बहुत प्रभावशाली हैं।
  • लम्बे समय तक गर्भधारण से सुरक्षा देता है और इसे बदला जा सकता है।
  • उपयोग में सरल प्रतिदिन पिल्स लेने के झमेले को दूर करता है।
  • यह इंजैक्शन के सह प्रभावों से मुक्त है जैसे कि धमनियों में रक्त के थक्के बनना।
  • इक्टोपिक गर्भ से बचाता है (गर्भाशय के बाहर का गर्भ) और अण्डकोश के कैंसर से बचाता है।

डी एम पी ए के क्या कोई सह प्रभाव होते हैं?
डी एम पी ए का प्रयोग करते हुए कुछ महिलाओँ के माहवारी पीरियड्स में कुछ बदलाव आ जाता है –

  • अनियमित और असंभावित रक्त स्राव या धब्बे लगना।
  • माहवारी रक्त स्राव में बढ़ाव या घटाव या बिल्कुल बन्द। अन्य सम्भावित सह प्रभाव है -वजन बढना, सिर दर्द, घबराहट, पेट में खराबी, चक्कर आना, कमजोरी या थकावट।पीरियडस न होने में कोई नुकसान नहीं है और सामान्यतः पीरियडस डेपो प्रोवेश के बन्द करने पर पुनः स्वाभाविक हो जाते हैं यद असामान्य रूप से भारी या लगातार रक्त स्राव हो तो डाक्टर से मिलें।

डी एम पी ए कितना प्रभावशाली है?
डी एम पी ए उतना ही प्रभावशाली है जितना कि अपनी ट्यूबों को बंधवाना और गर्भनिरोध के कई अन्य साधनों की अपेक्षा अधिक प्रभावशाली है जसमें गर्भनिरोधक गोलिआं, कंडोंम और डॉयफ्राग्मस शामिल हैं पर यह एड्स या एसटीडी से सुरक्षा प्रदान नहीं करता।

क्या डी एम पी ए का प्रभाव स्थायी है?
नहीं, डी एप पी ए का प्रभाव लगभग तीन महीने तक रहता है। गर्भ से बचने के लिए इसे तीन महीने के बाद दोहराना जरूरी है। डी एम पी ए के प्रयोग को छोड़ते ही अण्डाशय अपने प्राकृतिक कार्यों को जल्द ही करने लगता है। अन्तिम बार लेने के बाद औसतान 9से 10 महीने के बाद गर्भ धारण किया जा सकता है।

डी एम पी ए किस प्रकार दिया जाता है?
डीएम पी ए का इंजैक्शन नितम्बों में या भुजबली में हर तीसरे महीने दिया जाता दै।

डी एम पी ए कब शुरू करना चाहिए?

  • परिस्थिति कब शुरू करें।
  • माहवारी चक्र नियमित है। बच्चे के जन्म के बाद यदि माहवारी के बाद पहले सात दिनों में कभी भी
  • स्तन पान करा रही है।
  • बच्चे के जन्म के छह सप्ताह के बाद
  • बच्चे के जन्म के बाद, यदि स्तनपान नहीं करा रही
  • तुरन्त या बच्चे के जन्म के पहले छह हफ्तों के दैरान कभी भी।
  • गर्भपात या गर्भ गिरवाने पर पहले या दूसरे करवाए गए गर्भपात या गर्भधारण न करने के पहले सात दिन के अन्दर

डी एम पी ए के उपयोग के लिए कौन उपयुक्त है?
इसका उपयोग उन महिलाओं के लिए सुरक्षित है जो

  • स्तनपान करवा रही हैं
  • सिगरेट पीती हैं।
  • कोई बच्चा नहीं है।
  • किशोरावस्था से लेकर 40 वर्ष की आयु तक कभी भी
  • स्तनों में सुसाध्य रोग
  • हल्के से माध्यम स्तर तक का उच्चरक्तचाप।

डी एम पी ए का उपयोग किन्हें नहीं करना चाहिए?
जिन औरतों को निम्नलिखित कोई समस्या हो उन्हें डी एम पी ए का उपयोग नहीं करना चाहिए - पीलिया रह चुका हो, रक्त के थक्के, अनजाने कारण से योनिपरक रक्त स्राव स्तनों का कैंसर य प्रजननन अंगों का कैंसर, गर्भधारण अथवा आशंका या डेपो-प्रोवेश की दवाओं से एलर्जी।

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