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Amazing helpful Regular Habits for Loose Weight


हम सभी अपना वजन कम करना तो चाहते है लेकिन कुछ ऐसे फैक्ट है जिनसे अनभिग्य होने के कारण इसे बहुत मुश्किल टास्क मान लेते है । यहाँ ऐसे कुछ रूटीन हैबिट्स के बारे में बात करते है जिनको जानकर आसानी से बढ़ा हुआ वजन काम किया जा सकता है । 

शरीर का वजन घटाने के लिए बॉडी का मेटाबॉलिज्म अच्छा होना जरूरी है। शरीर का मेटाबॉलिज्म बढ़ाकर आप आसानी से वजन कंट्रोल कर सकते हैं। मेटाबोलिजम अच्छा होने पर शरीर अच्छे से कैलोरी खर्च कर पाता है, जिससे बॉडी में एक्स्ट्रा फैट नहीं जमता। अगर मेटाबॉलिज्म स्लो है तो खूब एक्सरसाइज और डायटिंग करने के बाद भी वजन कम नहीं हो पाएगा। 

आइए समझे कि कैसे मेटाबॉलिज्म को बढ़ाया जा सकता है ?



  1. सुबह जब भी आप बिस्तर छोड़ते है, एक गिलास गुनगुना पानी नित्य पिने की आदत डाले क्योंकि इससे शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स बाहर निकल जाते है जो की शरीर का फैट कम करने के लिए जरूरी है । 
  2. अगर आप रेगुलर पी जाने वाली चाय लेते है तो इसकी जगह ग्रीन टी, हर्बल टी, या लेमन टी का सेवन करे। इस चाय में मौजूद एंटी ओक्सिडेंट की वजह से आपके मेटाबोलिजम में सुधार होगा । 
  3. अगर सम्भव हो तो डेली कम से कम १५ मिनट सुबह की धुप का सेवन करे इश्स शरीर का सनलाइट बॉडी क्लॉक दुरुस्त होता है और मेटाबोलिजम में सुधर होता है । 
  4. दिन भर की भागदौड़ और तनाव भरी रूटीन लाईफ में से अपने १० मिनुत निकल के मेडिटेसन की आदत डाले इससे आपका बॉडी वेट अपने आप नियंत्रित होगा । 
  5. सुबह नाश्ते में स्प्राउट्स (अंकुरित दाल ), दूध, ऑट्स, पनीर, बीन्स आदि ले, और यदि आप अंडा पसंद करते है तो वह भी नाश्ते में लिया जा सकता है । 
  6. दोपहर के लंच में भी तेल, शुगर आदि के सेवन को अवॉइड करे व अधिक से अधिक मात्रा में स्प्राउट्स (अंकुरित दाल ), पनीर, बीन्स, भुने हुए चने, दही आदि का सेवन करे । 
  7. जब भी आपको मौका मिले तो पैदल चले, और यदि सम्भव हो तो दिन में कभी भी ३० मिनट की वाक करने की आदत डाले । 
  8. लिफ्ट का कम से कम यूज करे और सीढ़ियों से चढे उतरे । इससे जल्दी फैट बर्न होगा । 
  9. सादा निम्बू पानी का सेवन कभी भी किया जा सकता है, इससे डायजेसन में सुधर आता है और जल्दी फैट बर्न होता है । 

टैक्स बचाने के नुस्खे

अगर महिलाएं काम कर रही है तो परिवार को कुछ फायदे जरूर मिलते हैं। चलिए ऐसे ही कुछ प्रावधानों पर बात करते हैं जो उनकी कर-बचत में सहायक हो सकते हैं।

शिक्षा संबंधी खर्च
आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत एक व्यक्ति किसी विश्वविद्यालय, स्कूल और शैक्षिक संस्थान में किए गए खर्च पर टैक्स छूट का फायदा उठा सकता है। इसके लिए भारत में फुल टाइम शिक्षा पर एक लाख रुपये तक छूट का फायदा मिलता है। इसमें पीपीएफ, जीवन बीमा और पीएफ जैसी चीजें शामिल हैं।


हालांकि, यह छूट केवल दो बच्चों के लिए ही उपलब्ध है। तो अगर दो से ज्यादा बच्चे हों तो कामकाजी पत्नी टैक्स छूट का फायदा क्लेम कर सकती है क्योंकि बच्चों की सीमा प्रति करदाता पर निर्भर करती है न की प्रति परिवार पर। यहां तक कि अगर परिवार में दो ही बच्चे हों और शिक्षा का खर्च सालाना एक लाख रुपये से ज्यादा हो तो एक लाख रुपये की सीमा बनाए रखने के लिए इसे पति-पत्नी दोनों के बीच बांटा जा सकता है।


मेडिकल इंश्योरेंस
आयकर अधिनियम की धारा 80डी के मुताबिक एक करदाता मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम के भुगतान पर 15,000 रुपये तक की टैक्स छूट का फायदा उठा सकता है। हालांकि, आजकल स्वास्थ्य संबंधी खर्चों को देखते हुए मेडिकल इंश्योरेंस पर 15,000 रुपये की टैक्स छूट की सीमा पर्याप्त नहीं है। इतना ही नहीं 15,000 रुपये की छूट में से 5,000 रुपये की छूट प्रिवेंटिव हेल्थ चेकअप पर मिलती है।


तो व्यक्ति को वास्तविक टैक्स छूट केवल 10,000 रुपये की ही मिल रही है। अगर पति ही एकमात्र करदाता है तो धारा 80डी के तहत 15,000 रुपये से अधिक राशि पर हेल्थ इंश्योरेंस के टैक्स छूट का फायदा क्लेम नहीं किया जा सकता है। हालांकि अगर पत्नी भी नौकरीपेशा हो तो पॉलिसी की खरीदारी और प्रीमियम का भुगतान इस तरह से किया जा सकता है जिससे पत्नी और पति दोनों को ही टैक्स छूट का पूरा फायदा मिले।


लोन रिपेमेंट के फायदे
धारा 80सी के तहत एक करदाता कई आइटम पर टैक्स छूट का फायदा क्लेम कर सकता है। इसके अंतर्गत लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम, प्रोविडेंट फंड, हाउसिंग लोन के रीपेमेंट पर जरूरी छूट का फायदा उठाया जा सकता है। प्रॉपर्टी की कीमतों में काफी इजाफा हुआ है। ऐसे में होम लोन के रिपेमेंट के ज्यादातर मामलों में मूलधन एक लाख रुपये से ज्यादा ही होता है।


यही कारण है कि होम लोन लेने वाले ज्यादातर कर्जदार धारा 80सी के तहत लोन रिपेमेंट पर पूरा फायदा क्लेम नहीं कर पाते हैं। इस तरह की स्थिति में अगर केवल पति ही नौकरीपेशा है तो इसका फायदा ठीक तरह से मिल नहीं पता है। अगर पत्नी भी नौकरीपेशा हो और प्रॉपर्टी में को-ओनर भी हो तो होम लोन पर टैक्स छूट का फायदा मिलकर उठाया जा सकता है।


हाउस प्रॉपर्टी के संबंध में फायदे
घर के संबंध में टैक्स छूट के फायदे के लिए मौजूदा योजना के मुताबिक व्यक्ति के पास अपने इस्तेमाल के लिए एक प्रॉपर्टी हो सकती है जिस पर कोई टैक्स नहीं चुकाना पड़ेगा। अगर किसी स्थिति में व्यक्ति एक से ज्यादा प्रॉपर्टी का इस्तेमाल करता है तो भी उसे टैक्स नोशनल रेंट के आधार पर देना होगा चाहे उसे कुछ भी किराया न मिला हो।


ऐसे में अगर पत्नी भी नौकरीपेशा हो तो दूसरी प्रॉपर्टी को पत्नी के नाम किया जा सकता है। पति और पत्नी के बीच दो प्रॉपर्टी को सेल्फ ओक्यूपाइड प्रॉपर्टी की श्रेणी में डाला जा सकता है और इस पर कोई नोशनल रेंट भी नहीं देना पड़ेगा।
ठीक उसी तरह टैक्स कानून के अंतर्गत एक रेजीडेंशियल प्रॉपर्टी पर वेल्थ टैक्स नहीं चुकाना पड़ता है। अगर करदाता एक से ज्यादा रेजीडेंशियल प्रॉपर्टी हासिल कर लेता है तो उसे दूसरे घर के मूल्य पर वेल्थ टैक्स अधिनियम के तरह ाना होगा।


तो अब तक की बातों से एक चीज साफ हो गई कि महिलाओं के लिए अलग से टैक्स छूट का कोई प्रावधान नहीं है। हालांकि, वह मौजूदा टैक्स प्रावधानों के तहत ही टैक्स छूट का फायदा उठा सकती हैं और अपने परिवार की टैक्स देनदारी कम कर सकती हैं।

वह (आप) लिख सकती है ? प्रतियोगिता

अपने अन्दर छुपे हुए राईटर को दुनिया के सामने लाने का इससे अच्छा मौका और क्या मिलेगा । माइक्रोसोफ्ट ने अपने भारतीय MSN Special पेज पे भारतीय लेखिकाओ के लिए एक कांटेस्ट शुरू की है,  जिसके लिए -
1. आपका भारतीय होना जरूरी है ।
2. कम से कम 18 वर्ष की उम्र 01.01.2012 को होना आवश्यक है ।
3. अंग्रेजी भाषा का ज्ञान होना आवश्यक है ।
  
सर्वश्रेष्ट 12 कहानियों को "Random House India in autumn 2012" में प्रकशित किया जावेगा । यदि आप भी इस कांटेस्ट में शिरकत करना चाहती है तो निचे लिखे किसी भी टोपिक पे एक बढ़िया सी कहानी लिखे और भेज दे माइक्रौसौफ़्ट को । ध्यान रखे की कहानी 5000 शब्दों से ज्यादा की ना हो पाए ।
कहानी लिखने के टोपिक -

a. Woman in the City
'Frankly my dear, I don't give a damn' - Gone With the Wind

b. Growing up in India
'Experience is the name every one gives to their mistakes' - Oscar Wilde

c. The Man in my Life
'Being with him made her feel as though her soul had escaped from the narrow confines of her island country into the vast, extravagant spaces of his.' - The God of Small Things

तो इंतज़ार किस बात का ! शुरू हो जाए और तुरन्त भेजे अपनी के प्यारी सी रजनात्मक कृति 12 जून 2012 से पहले ।

कहानी लिखने एवं भेजने के लिए यहाँ क्लिक करे 
Presented by : Microsoft India


अकेलापन वही फील करते हैं , जो सोशलाइजेशन में इंटरेस्ट नहीं लेते



एक्सपर्ट्स की मानें तो , अकेलापन वही फील करते हैं , जो सोशलाइजेशन में इंटरेस्ट नहीं लेते। ऐसे में आप इसे स्थायी स्टेज मानने की बजाय , सोशल होने के लिए मोटिवेशन समझकर चलें।

थोड़ी तकलीफ भी
जब आप खुले दिल से मिलेंगे - जुलेंगे , तो गारंटी के साथ आपको थोड़ी तकलीफ भी मिलेगी। हर छोटी - बड़ी रिलेशनशिप में चुभन और टूटन के पल आते ही हैं। लेकिन दूसरों से कनेक्ट रहने के लिए यह भी झेलना ही होगा। क्योंकि इन्हीं से गुजरकर रिलेशनशिप में गहराई भी आती है। इसलिए गप्पें मारना शुरू कर दें। लास्ट वीकेंड आपने क्या किया , कौन - सी मूवी देखी , क्या पढ़ा ...! - जैसे टॉपिक्स पर बातें कर सकते हैं।

चीयरफुलनेस
अपने लुक्स में थोड़ा एक्सपेरिमेंट करें। लुक्स बोले तो , आपकी बॉडी लैंग्वेज। दरअसल , जो लोग खुद में खोए - खोए और उलझे - उलझे से दिखाई देते हैं , उनसे आस - पास वाले भी कन्नी काटने लगते हैं। जबकि चीयरफुलनेस सबको अट्रैक्ट करती है। जरूरी नहीं कि हैपीनेस के नाम पर आप बत्तीसियां दिखाते रहें। जब आप शांत और संतुष्ट दिखाई देते हैं , तब भी पर्सनैलिटी आकर्षक लगती है।

' ना ' कहें
कई बार फील होता है कि बार - बार आप इस्तेमाल किए जाते हैं। अगर आप दूसरों की बातें गौर से सुन लेते हैं , तो खामियाजे के तौर पर दूसरे अपना रोना रोने के लिए आपके करीब चले आते हैं। लेकिन जब अपने दुख - दर्द बांटने की बारी आती है , तब आपका मखौल बना दिया जाता है। जाहिर है कि ऐसे में चोट तो पहुंचेगी ही। तो फिर अगली बार जब कोई अपनी प्रॉब्लम शेयर करने आए , तो आप खुलकर ' ना ' कहें। सुनने में यह थोड़ा बुरा लग सकता है , लेकिन ऐसा करके आप खुद को फेवर कर रहे हैं। और ऐसे फ्रेंड्स से पीछा छुड़ा रहे हैं , जो केवल अपना दिल हल्का करने के लिए आपके पास आते हैं। दरअसल , आपकी लाइफ में ऐसे लोगों की जरूरत है , जो आपकी परवाह करते हों।

भुला दें बीता हुआ
हो सकता है कि आप जिन लोगों को अपने दिल के करीब मानते रहे हों , उन्होंने आपको इग्नोर किया हो। जरूरत पड़ने पर दोस्तों ने साथ छोड़ दिया हो। आप किसी फिजिकल या मेंटल डिसएबिलिटी से गुजर रहे हों। सोशल बैकग्राउंड आपको परेशान करता हो। लेकिन दिलचस्प यह है कि अपने आप को ऐसे हालातों में घिरा हुआ पाने वाले आप अकेले नहीं हैं। फर्क बस इतना है कि सोशल सर्कल में खुशमिजाज होकर रहने वाले लोग बीती बातों को भुलाना जानते हैं। इसलिए आप भी ऐसा ही करें।

क्वॉलिटी को यस कहें
आपका फ्रेंड - सर्कल कितना बड़ा है , यह मैटर नहीं करता। बल्कि आपके फ्रेंड्स आपको कितना समझ पाते हैं , यह मायने रखता है। अगर कोई नई दोस्ती हुई है , तो उसका आपको जानने - समझने में इंटरेस्ट है भी या नहीं , इस पर गौर करें। याद रखें , अगर किसी रिश्ते में म्यूचुअल अंडरस्टैंडिंग है , तो फिर समय बड़ी खूबसूरती के साथ कटता है।

गृहलक्ष्मी ओक्टुबर 2010 का ऑनलाइन संस्करण

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