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अकेलापन वही फील करते हैं , जो सोशलाइजेशन में इंटरेस्ट नहीं लेते



एक्सपर्ट्स की मानें तो , अकेलापन वही फील करते हैं , जो सोशलाइजेशन में इंटरेस्ट नहीं लेते। ऐसे में आप इसे स्थायी स्टेज मानने की बजाय , सोशल होने के लिए मोटिवेशन समझकर चलें।

थोड़ी तकलीफ भी
जब आप खुले दिल से मिलेंगे - जुलेंगे , तो गारंटी के साथ आपको थोड़ी तकलीफ भी मिलेगी। हर छोटी - बड़ी रिलेशनशिप में चुभन और टूटन के पल आते ही हैं। लेकिन दूसरों से कनेक्ट रहने के लिए यह भी झेलना ही होगा। क्योंकि इन्हीं से गुजरकर रिलेशनशिप में गहराई भी आती है। इसलिए गप्पें मारना शुरू कर दें। लास्ट वीकेंड आपने क्या किया , कौन - सी मूवी देखी , क्या पढ़ा ...! - जैसे टॉपिक्स पर बातें कर सकते हैं।

चीयरफुलनेस
अपने लुक्स में थोड़ा एक्सपेरिमेंट करें। लुक्स बोले तो , आपकी बॉडी लैंग्वेज। दरअसल , जो लोग खुद में खोए - खोए और उलझे - उलझे से दिखाई देते हैं , उनसे आस - पास वाले भी कन्नी काटने लगते हैं। जबकि चीयरफुलनेस सबको अट्रैक्ट करती है। जरूरी नहीं कि हैपीनेस के नाम पर आप बत्तीसियां दिखाते रहें। जब आप शांत और संतुष्ट दिखाई देते हैं , तब भी पर्सनैलिटी आकर्षक लगती है।

' ना ' कहें
कई बार फील होता है कि बार - बार आप इस्तेमाल किए जाते हैं। अगर आप दूसरों की बातें गौर से सुन लेते हैं , तो खामियाजे के तौर पर दूसरे अपना रोना रोने के लिए आपके करीब चले आते हैं। लेकिन जब अपने दुख - दर्द बांटने की बारी आती है , तब आपका मखौल बना दिया जाता है। जाहिर है कि ऐसे में चोट तो पहुंचेगी ही। तो फिर अगली बार जब कोई अपनी प्रॉब्लम शेयर करने आए , तो आप खुलकर ' ना ' कहें। सुनने में यह थोड़ा बुरा लग सकता है , लेकिन ऐसा करके आप खुद को फेवर कर रहे हैं। और ऐसे फ्रेंड्स से पीछा छुड़ा रहे हैं , जो केवल अपना दिल हल्का करने के लिए आपके पास आते हैं। दरअसल , आपकी लाइफ में ऐसे लोगों की जरूरत है , जो आपकी परवाह करते हों।

भुला दें बीता हुआ
हो सकता है कि आप जिन लोगों को अपने दिल के करीब मानते रहे हों , उन्होंने आपको इग्नोर किया हो। जरूरत पड़ने पर दोस्तों ने साथ छोड़ दिया हो। आप किसी फिजिकल या मेंटल डिसएबिलिटी से गुजर रहे हों। सोशल बैकग्राउंड आपको परेशान करता हो। लेकिन दिलचस्प यह है कि अपने आप को ऐसे हालातों में घिरा हुआ पाने वाले आप अकेले नहीं हैं। फर्क बस इतना है कि सोशल सर्कल में खुशमिजाज होकर रहने वाले लोग बीती बातों को भुलाना जानते हैं। इसलिए आप भी ऐसा ही करें।

क्वॉलिटी को यस कहें
आपका फ्रेंड - सर्कल कितना बड़ा है , यह मैटर नहीं करता। बल्कि आपके फ्रेंड्स आपको कितना समझ पाते हैं , यह मायने रखता है। अगर कोई नई दोस्ती हुई है , तो उसका आपको जानने - समझने में इंटरेस्ट है भी या नहीं , इस पर गौर करें। याद रखें , अगर किसी रिश्ते में म्यूचुअल अंडरस्टैंडिंग है , तो फिर समय बड़ी खूबसूरती के साथ कटता है।