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Romance in office



आज का युवा वर्ग अपना अधिकांश समय ऑफिस में व्यतीत करता है और ऐसे में वर्किग प्लेस उनका दूसरा घर बन जाता है, क्योंकि कामकाजी युवा ऑफिस में 9 से 10 घंटे अपना समय देते हैं।

सामान्यत: ऑफिस में रोमांस होना कोई नई बात नहीं है, लेकिन ऐसे में आपको अपने दायित्वों को ठीक से निभाना जरूरी हो जाता है।

नीचे दी गई कुछ बातें उन लोगों की मदद कर सकती है जिन्हें ऑफिस में अपने किसी साथी से प्यार हो गया है।

ऐसे रिश्ते की शुरुआत में यह महत्वपूर्ण है कि सामने वाला भी आप में दिलचस्पी ले रहा या नहीं। कोशिश करें कि समाने वाले की तरफ से भी ऐसा कोई इशारा आपको मिले।

अगर कॉफी हाऊस में बैठे हैं और वह किसी प्लान पर आपके विचार जानने के लिए कहता है तो इसका मतलब है कि आपके विचार उसके लिए महत्वपूर्ण है।

ऑफिस रोमांस को समझने के भी कुछ नुस्खे...


  • जब दो लोग हर घंटे बाद कॉफी ब्रेक की जरूरत महसूस करें तो समझ लें कि दोनों के बीच कुछ हो रहा है।
  • जब कर्मचारी कपड़े लैटेस्ट डिजाइन के और नए-नए पहनकर दफ्तर आने लगें और दिवाली या ईद आसपास न हो तो समझो प्रेम पर बहार आई हुई है।
  • जब दो लोग साथ आते हों और साथ जाते हों तो यह महज इत्तेफाक नहीं है भले ही वे यह दिखाने की कोशिश कर रहे हों कि वे आपस में अजनबी हैं।
  • जब बार-बार मोबाइल पर एसएमएस आने लगें या हर आधा घंटे बाद मैसेंजर एलर्ट ई-मेल का संकेत देता हो तो समझ लें दो दिल धड़क रहे हैं।

रात में लड़कियों को अकेले बाहर क्यों न जाने दे?

सामान्यत: ऐसी मान्यता है कि रात के समय किसी लड़की को अकेले घर से बाहर नहीं भेजना चाहिए। पुराने समय में इस बात का सख्ती से पालन कराया जाता था। साथ ही अमावस की रात को तो खासतौर पर लड़की को अकेले घर से बाहर निकलना मना किया जाता था।


ऐसा माना जाता है कि अमावस की रात को नकारात्मक शक्तियां अधिक सक्रिय रहती हैं जो कि लड़कियों को बहुत ही जल्द अपने प्रभाव में ले लेती हैं। यहां नकारात्मक शक्ति से अभिप्राय है कि आसुरी प्रवृत्तियां। अमावस की रात बुरी शक्तियां अपने पूरे बल में होती हैं। इन शक्तियों को लड़कियां पूरी तरह प्रभावित करती हैं। जिससे वे उन्हें अपने प्रभाव में लेने की कोशिश करती हैं। इन शक्तियों के प्रभाव में आने के बाद लड़कियों का मानसिक स्तर व्यवस्थित नहीं रह पाता और उनके पागल होने का खतरा बढ़ जाता है।

विज्ञान के अनुसार अमावस और हमारे शरीर का गहरा संबंध है। अमावस का संबंध चंद्रमा से है। हमारे शरीर में 70 प्रतिशत पानी है जिसे चंद्रमा सीधे-सीधे प्रभावित करता है। ज्योतिष में चंद्र को मन का देवता माना गया है। अमावस के दिन चंद्र दिखाई नहीं ऐसे में जो लोग अति भावुक होते हैं उन पर इस बात का सर्वाधिक प्रभाव पड़ता है।

लड़कियां मन से बहुत ही भावुक होती है। जब चंद्र नहीं दिखाई देता तो ऐसे में हमारे शरीर के पानी में हलचल अधिक बढ़ जाती है। जो व्यक्ति नकारात्मक सोच वाला होता है उसे नकारात्मक शक्ति अपने प्रभाव में ले लेती है। इन्हीं कारणों से अमावस की रात को लड़कियों को अकेले बाहर जाने के लिए मना किया जाता था।

चंद्रमा हमारे शरीर के जल को किस प्रकार प्रभावित करता है इस बात का प्रमाण है समुद्र का ज्वारभाटा। पूर्णिमा और अमावस के दिन ही समुद्र में सबसे अधिक हलचल दिखाई देती है क्योंकि चंद्रमा जल को शत-प्रतिशत प्रभावित करता है।

देश के सबसे अमीर घराने की गृहलक्ष्मी....

नीता अंबानी देश के सबसे अमीर घराने की बड़ी बहू और सबसे अमीर व्यक्ति की पत्नी हैं। क्या हैं नीता अंबानी होने के मायने? उन्होंने परिवार को किस तरह प्यार और संस्कार दिए हैं? गृहलक्ष्मी होने के नाते परिवार को सुखी बनाने के साथ वे देशभर के वंचित और असहाय लोगों के बारे में भी सोचती हैं, क्या है इसका सुख..

सोशल एक्टिविस्ट और एजुकेशनलिस्ट नीता अंबानी रोजाना अलग-अलग तरह के ढेरों काम करती हैं और हर काम को पूरी सहजता व सफलता के साथ। उनके हाथ में हमेशा ढेर सारे काम होते हैं। जाहिर है, वे हर पल हाई टेंशन और प्रेशर की परिस्थितियों में रहती होंगी। बावजूद इसके, हमेशा उनके चेहरे पर शांति और हल्की-सी मुस्कराहट बनी रहती है। जब उनसे पूछा जाता है कि वे पर्सनल व प्रोफेशनल लाइफ़ में संतुलन कैसे साधे रखती हैं, तो वे उतनी ही सहजता से बताती हैं, ‘मैंने हमेशा वही पाने की कोशिश की, जो लगता है कि मुझे पसंद है। 

मैंने जो भी किया, वह पूरी सिंसेरिटी और मेहनत के साथ किया।’ नीता, भारत के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी की गृहलक्ष्मी हैं। यह पूछे जाने पर मिसेज नीता अंबानी होने में सबसे अच्छी बात क्या है, वे बिना एक पल गंवाए कहती हैं, ‘मुकेश की वाइफ़ होना सबसे प्यारा एहसास है।’ नीता भारत के सबसे Êयादा पावरफुल व्यक्तियों में से एक, मुकेश अंबानी के बारे में जितनी गर्मजोशी से बात करती हैं, वह एकदम साफ़ नजर आता है, ‘वे मेरे सोल मेट हैं। उनके बच्चों की मां होना और उनकी पत्नी के नाते वह हर भूमिका निभाना, सबकुछ मेरे लिए प्यारा एहसास है।’

इस दिसंबर में वे और मुकेश अपने साथ के 27 बरस पूरे कर लेंगे। यह पूछे जाने पर कि अफेयर्स और डाइवोर्स के इस जमाने में वे दोनों इतना लंबा साथ कैसे मैनेज कर पाए, तो वे राज खोलती हैं, ‘सबसे पहली और सबसे महत्वपूर्ण बात, हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त हैं। हम दोनों के काम करने का ढंग एकदम अलग है, लेकिन हम एक-दूसरे की राय को महत्व देते हैं। हम दोनों ही एक-दूसरे की बात सुनने के लिए इच्छुक रहते हैं। मेरे ख्याल से किसी भी रिश्ते में यह बहुत अहम है।’
  


  



नीता बताती हैं कि मुकेश उनके भरतनाट्यम को ख़ूब एंजॉय करते हैं। ‘कुछ अरसे पहले मेरी सासू मां (कोकिलाबेन अंबानी) के जन्मदिन पर मेरा परफॉर्मेस उन्हें बहुत पसंद आया। मुकेश को जो भी पसंद है, मुझे वह सब करना बहुत भाता है। वे भारतीय कला और संस्कृति के प्रशंसक हैं और मैंने ख़ुद के लिए सुनिश्चित किया है कि मैं उन बातों में दिलचस्पी जरूर लूं।

’और जहां तक दिलचस्पी की बात है, तो शायद आपको हैरानी हो कि कुछेक चीजों में नीता की दिलचस्पी मुकेश से भी आगे बढ़ गई है। मसलन क्रिकेट को ही लें। हर कोई जानता है कि पूरा अंबानी परिवार क्रिकेट का बहुत बड़ा फ़ैन है, जो आईपीएल में पूरे जोश के साथ शामिल होता है। लेकिन बकौल नीता, क्रिकेट के प्रति दीवानगी के मामले में वे अपने पति मुकेश को भी पीछे छोड़ चुकी हैं। वे मुस्कराते हुए कहती हैं, ‘अगर आप पिछले साल मुझसे पूछते, तो मैं कहती कि मुकेश बड़े क्रिकेट फ़ैन हैं, पर अब मैं उन्हें पीछे छोड़ चुकी हूं। दरअसल, मैंने इस मामले में सबको पीछे कर दिया है।’ 

उन्हें अपनी सामाजिक प्रतिबद्धताओं की भी पूरी परवाह है। उनका लक्ष्य देश के हर बच्चे को शिक्षा उपलब्ध कराना है- चाहे वह सुदूर गांव में क्यों न रहता हो। जैसा कि नीता कहती हैं, ‘हर बच्चे को लिखना और पढ़ना आना ही चाहिए- और भारत को फिलहाल इसी की Êारूरत है। मेरे मन में यही लक्ष्य है।’ नीता धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल की हेड हैं। 

वे महसूस करती हैं कि बच्चों पर कुछ भी हासिल करने का दबाव नहीं होना चाहिए, ‘शिक्षा बग़ैर तनाव के ही होनी चाहिए। ज्ञान की खोज ही बच्चों की असल प्रेरणा होनी चाहिए। अपने स्कूल में मैं इस तरह का माहौल रखती हूं कि बच्चे ज्ञान की खोज को एंजॉय करें। बच्चे ख़ुशी-ख़ुशी स्कूल आएं और अकादमिक रिजल्ट भी अच्छे हों, लेकिन हम नतीजों के लिए दबाव न डालें। उन्हें श्रेष्ठता के लिए कोशिश करनी चाहिए।’

वैसे, नीता का मानना है कि चैरिटी घर से ही शुरू होती है। इसीलिए उन्होंने अपने बच्चों को भी सेवा के संस्कार दिए हैं। वे अपने तीनों बच्चों के बारे में बताती हैं, ‘ईशा साधनहीन बच्चों को शिक्षा दिलाने की इच्छुक है। आकाश वंचित बच्चों के लिए स्पोर्टिग एक्टिविटीज में मदद करता है। अनंत एनिमल लवर है और घायल पशु-पक्षियों के लिए एक आश्रयस्थल चलाता है। हमें गर्व है कि हमारे बच्चों में यह सेवा भावना है।’ वे यह भी बताती हैं कि उनके तीनों बच्चों में ख़ास स्किल्स भी हैं। आकाश वाइल्डलाइफ़ फोटोग्राफ़ी करता है, तो ईशा पेंटिंग करती है और अनंत नेचरलिस्ट है। नीता यह भी जोड़ती हैं कि वे हमेशा अपने बच्चों को भारतीय पारंपरिक मूल्यों की शिक्षा देने की कोशिश करती रही हैं। 

उनका माना है कि बच्चे अपनी जड़ों से जुड़े रहेंगे, तो यह उनके व्यक्तित्व में भी नजर आएगा। बहरहाल, बच्चों समेत पूरे परिवार को क्रिकेट के साथ ही वाइल्डलाइफ़ से भी प्यार है। उनकी जामनगर प्रॉपर्टी में 100 से भी Êयादा कुत्ते हैं और मुंबई के कफ़ परेड स्थित घर में दो सांपों सहित कुछ अन्य पालतू पशु भी हैं। उनके सारे वैकेशंस जंगल की खाक छानते बीतते हैं। 

संडे अंबानी होम में फैमिली टाइम होता है। वे लोग गुजराती खाना खाते हैं और शाम को पालतू कुत्तों को गोद में लिए यूएस क्लब में चहलक़दमी करते हैं। और हां, नीता की भी सुन लीजिए, ‘और बच्चों के साथ ढेर सारा होमवर्क।’ मुंबई के माटुंगा में मैसूर कैफ़े की ट्रिप भी अक्सर हो ही जाती है। नीता बताती हैं, ‘मुकेश और बच्चों के लिए वहां जाना ट्रीट की तरह होता है। मुकेश उनके बहुत पुराने ग्राहकों में से हैं..वे एट्टीज में अपने कैमिकल इंजीनियरिंग के दिनों से वहां जा रहे हैं। उन्होंने अपने मेनु में मुकेश की एक तस्वीर लगा रखी है। बच्चे यह देख रोमांचित हो उठते हैं।’

यादगार पल :
  • शादी के सात बरसों बाद जुड़वां बच्चों आकाश और ईशा का जन्म, सबसे छोटे बच्चे अनंत का जन्म, उनके पहले बड़े प्रोजेक्ट जामनगर रिफायनरी की शुरुआत, धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल का प्रारंभ, आईपीएल में मुंबई इंडियन टीम का स्वामित्व।
देश के लिए स्वप्न :
  • भारत का हर बच्च लिख और पढ़ सके, बालक और बालिकाओं, दोनों के लिए बराबर मौक़े, महिलाओं व बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा।
शादी के मंत्र
  • पति-पत्नी अच्छे दोस्त की तरह हों।
  • कामकाज के अलग ढंग के बावजूद दोनों एक-दूसरे को सुनने के इच्छुक हों और एक-दूसरे की राय को महत्व दें।
  • पत्नी की विशेष योग्यताओं पर पति ख़ुश हो।
  • पत्नी, पति की रुचियों के हिसाब से अपनी दिलचस्पी विकसित करे।बच्चों को अच्छे संस्कार दें।
  • स्त्री पत्नी होने से संबंधित तमाम भूमिकाएं निभाने को सहर्ष इच्छुक हो।

पत्नी का रेप करने पर 15 साल की जेल

एक व्यक्ति को अपनी ही पत्नी के साथ ज्यादती करने और बेल्ट से उसका गला घोटने की कोशिश के आरोप में 15 साल की सजा सुनाई गई । इस अत्याचारी पुरुष ने महिला को प्रताड़ित कर स्वय को मालिक कहने पर भी मजबूर किया था।

दक्षिण आस्ट्रेलिया में इस 37 वर्षीय पुरुष को जब उसके जुर्म की सजा सुनाई जा रही थी तो उसके चेहरे पर पछतावे का कोई भाव नहीं था। एक समय तो इस व्यक्ति ने अपने दो महीने के बच्चे को भी मारने की कोशिश की थी।

अदालत ने इस व्यक्ति को 1992 से 2002 के बीच ज्यादती और हत्या की कोशिश के दो मामलों का दोषी पाया।

सजा सुनाते हुए जज ने कहा कि- यह एक ऐसा रिश्ता था जिसमें तुमने हमेशा अपनी पत्नी पर हावी होने की कोशिश की और जब भी तुमने सही समझा उसे अपनी मर्जी के हिसाब से चलाया, डराया धमकाया, अपमानित किया, जबरदस्ती की और ज्यादती करते हुए उससे दुर्व्यावहार किया।

जज ने कहा कि यह व्यक्ति समझता था कि अत्याचार करने पर उसे कुछ नहीं होगा क्योंकि उसका अत्याचार सहने वाली महिला उसकी पत्नी है।


दुनिया की सबसे SEXY महिला

क्या आपको पता है दुनिया की सबसे सेक्सी महिला कौन है। जरा सा दिमाग पर जोड़ डालिए। नहीं लगा पाए अंदाजा? चलिए हम ही बता देते हैं। दुनिया की सबसे सेक्सी महिला का खिताब गया है मारिसा मिलर को। अब आप पूछेंगे..भईया ये मिलर कौन है? मिलर कैलोफोनिया की सुपर मॉडल हैं। प्रतिष्ठित पत्रिका एफएचएम के अनुसार, बीस देशों के लोगों ने मिलकर उन्हें सबसे अधिक वोट किया। जो कि अन्य महिलाओं को मिले वोटों में सबसे अधिक हैं। मेगान फॉक्स के अलावा इस जंग में चार्ली कोली जैसी दिग्गज हॉलीवुड एक्ट्रेस भी शामिल थीं। मेगान को वोट करने वालों में भारत, फ्रांस, दक्षिण अफ्रीका, चीन, ऑस्ट्रेलिया, यूके, यूएसए के भी नागरिक शामिल थे।

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पेट चीरकर बच्चा चुराने की कोशिश

बच्चा पाने के लिए महिलाएं किसी भी हद तक जा सकती हैं। हांगकांग में एक मामले की सुनवाई में दौरान सामने आया कि एक महिला ने एक अन्य गर्भवति महिला का पेट चीरकर बच्चा चुराने की कोशिश की। इस हमलें का शिकार गर्भवती महिला तो बच गई लेकिन उसके शिशु को नहीं बचाया जा सका।

लींग सिन टिंग नाम की इस 27 वर्षीय महिला को पेट चीरकर बच्चा चुराने के आरोप में कोर्ट ने 10 साल कैद की सजा सुनाई।

मामला 2008 का है, सिन टिंग दो बार गर्भपात होने के बाद परिवार से बच्चे की मांग के बाद काफी परेशान चल रही थी। गर्भवती न हो पाने के मानसिक तनाव और बच्चे के लिए परिवार के बढ़ते दबाब में सिन टिंग ने किसी अन्य गर्भवती महिला का बच्चा चुराने की योजना बनाई।

इसके लिए सिन टिंग ने एक वेबसाइट के जरिए एक गर्भवती महिला से दोस्ती की और स्वयं भी गर्भवती होने का नाटक किया। सिन टिंग ने अपनी योजना को सफल बनाने के लिए एक डॉक्टर से प्रेग्नेंसी का फर्जी प्रमाण पत्र भी बनवा लिया और मातृत्व छुट्टिया भी प्राप्त कर ली।

उसने अपने आप को गर्भवती दिखाने के लिए पेट के उपर तौलिया पहनना शुरु किया। अपनी इसी योजना को अंजाम तक पहुंचाने के लिए उसने वेबसाइट के जरिए अपनी दोस्त बनी महिला ली को अपने घर उपहार लेने के लिए बुलाया और फिर उसका पेट चीरकर बच्चा निकालने की कोशिश की।

इसी बीच सिन टिंग का पति घर आ गया और उसने अपनी पत्नि को बेहोश गर्भवती महिला के साथ अपने किचन में देखा।

बाद में हमले का शिकार हुई महिला ली को अस्पताल में भर्ती कराया गया और ऑपरेशन के जरिए उसके बच्चे का जन्म हुआ जो 6 महीने बाद मर गया।

अब मोबाइल फोन नंबर बनेगा आपका बचत खाता नंबर

मोबाइल फोन के आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में शामिल होने के साथ ही अब आप अपने मोबाइल फोन नंबर को अपने बैंक खाते का नंबर भी बना सकते हैं। आप अपने उस मोबाइल फोन खाते से हर तरह के लेनदेन तथा खरीद बगैर धोखाधड़ी और बगैर बैंक गए कर सकते हैं। 

वित्तीय सेवा प्रदान करने वाली निजी क्षेत्र की एक कंपनी ने देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक के साथ मिलकर शाखा मुक्त मोबाइल फोन बैंकिंग की शुरुआत की है। इस खाते का नाम भारतीय स्टेट बैंक मिनी बचत खाता दिया गया है। 

इस निजी कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अभिषेक सिन्हा ने यहाँ बताया कि उनकी कंपनी भारतीय स्टेट बैंक का नेशनल बिजनेस कॉरेसपोंडेट है। उनकी कंपनी ऐसे लोगों को बैंकिंग सुविधाएँ प्रदान करने की कोशिश कर रही है जो अब तक उससे दूर हैं। वे बैंकों की कागजी परेशानियों में नहीं पड़ना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि इसी अवधारणा को ध्यान में रखते हुए वैसे लोगों के लिए इसकी शुरुआत की गई है जो बैंक तक नहीं पहुँच पाते हैं।

उन्होंने बताया कि इसके लिए स्मार्ट या हाई-फाई मोबाइल की आवश्यकता नहीं है। कोई भी साधारण मोबाइल हैंडसेट के माध्यम से इस खाते का संचालन किया जा सकता है। इसके लिए मोबाइल सेवा प्रदान करने वाली कंपनी को किसी तरह का शुल्क नहीं देना पड़ता है। 

उन्होंने बताया कि कंपनी दूरदराज के क्षेत्रों में किराना, राशन, दवा, मोबाइल रिचार्ज कूपन बेचने वाले दुकानदारों को अपना एजेंट नियुक्त करती है और वे ही दुकानदार मोबाइल खाते में धनराशि जमा करने या निकालने के लिए रुपए का लेनदेन करते हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, एनसीआर, बिहार और झारखंड में कुल मिलाकर ५५ हजार खाते खुल चुके हैं और इस वर्ष के अंत तक इसकी संख्या १० लाख तक पहुँचाने की योजना है। श्री सिन्हा ने बताया कि एनसीआर में उनके चार सौ एजेंट हैं। 
  • इस खाते का परिचालन मात्र एक रुपए में किया जा रहा है।
  • इसके लिए खाते में निश्चित राशि रखने की बाध्यता भी नहीं है। 
  • इस बचत खाता में १० रुपए तक की न्यूनतम राशि भी जमा की जा सकती है।
  • इतनी ही राशि निकाली भी जा सकती है। 
  • इसके जरिए दुकानदारों को भुगतान भी किया जा सकता है।