हाई हील्स और आप

हील्स को लेकर महिलाओं में डायमंड का जितना ही क्रेज है और वे इसे पहनने का कोई मौका नहीं छोड़तीं। हालांकि एक्सर्पट्स इन्हें हेल्थ को नुकसान पहुंचाने वाला मानते हैं और जहां तक हो सके, इन्हें अवॉइड करने की बात कहते हैं। 

इसमें कोई दो राय नहीं है कि स्टिलटोज का एक सेक्सी पेयर आपके लुक्स का स्टाइल फैक्टर कई गुणा बढ़ा देता है। अगर आपकी टांगे टोन्ड लुक वाली हैं, तो बेशक इनसे बेहतर आपके लिए कोई और ऑप्शन नहीं है। हालांकि यह बात और है कि इन्हें पहनकर सभी का ध्यान खींचने की आपको एक खास कीमत चुकानी पड़ती है और इसमें आपकी हेल्थ भी शामिल है। 

दुनिया भर के हेल्थ एक्सर्पट्स मानते हैं कि स्टिलटोज हील्स हेल्थ को बहुत नुकसान पहुंचा सकती हैं। अगर आप करीना कपूर या दीपिका पादुकोण नहीं हैं, जो बस कभी-कभी खास मौकों पर ही हील्स पहनती हैं, तो आने वाले समय में आपको पैरों, कमर, घुटनों वगैरह की प्रॉब्लम्स हो सकती हैं। हाई हील्स पहनने से आपके पैरों के अंगूठों पर दबाव पड़ता है, जिससे नाखूनों की इनग्रोथ, ब्लिसटर्स और इंफेक्शन जैसी प्रॉब्लम्स हो जाती हैं। इसलिए मार्केट जाते हुए, बच्चों को स्कूल छोड़ने जाते हुए जैसे मौकों पर आप इन्हें अवॉइड ही करें। वैसे, ग्लैमर इंडस्ट्री की एक बड़ी सिलेब्रिटी भी इस चीज से बच नहीं पाई और हील्स की वजह से हुई पैरों की तकलीफ दूर करने के लिए उन्हें सर्जरी तक करवानी पड़ी है। 

पोडिएट्रिस्ट डॉ. फलक खान कहती हैं, 'पैर एक खास तरीके से चलने के लिए ढले होते हैं। हाई हील्स पहनने पर आप अपने पैरों के किनारों के सपोर्ट से चलती हैं और आराम से खड़े होने के दौरान ही आपका वजन एड़ी पर पड़ता है। आपके पैरों के आर्क्स इस इंपैक्ट के लिए तैयार नहीं होते, इसलिए हील्स पहनने की थकान आपको कुछ घंटों बाद महसूस होती है। ज्यादा हील्स पहनने की वजह से धीरे-धीरे आपके पैरों के टेंडंस छोटे होने लगते हैं, जिसकी वजह से आप हील्स के अलावा कुछ और पहन ही नहीं पातीं।' 

वैसे, डॉ. फलक का यह भी कहना है कि टीन एज में या फिर 25-26 साल की उम्र तक इन्हें पहनने से ज्यादा तकलीफ नहीं होती, लेकिन जैसे-जैसे उम्र 30 पार करने लगती है, उसी के साथ हील्स पहनने से जुड़ी तमाम परेशानियां सिर उठाने लगती हैं। इसमें कमर, पैरों, टांगों, जॉइंट्स में वगैरह में दर्द के साथ सेंसेशन की फीलिंग भी खत्म होने लगती है। यही नहीं, एक समय के बाद ज्यादा देर तक खड़े होने में भी परेशानी होने लगती है। 

डॉ. जयदीप मेहता भी हील पहनने से जुड़ी इन परेशानियों की बात कहते हैं। बकौल डॉ. मेहता, 'हील वाले तमाम फुटवियर्स में से पॉइंटेड स्टिलटोज सबसे ज्यादा खराब होते हैं और इन्हें लंबे समय तक पहनने से आपकी कमर व पीठ पर असर पड़ता है। दरअसल, इन्हें पहनने पर आपकी बॉडी को बैलेंस बनाने के लिए पूरा प्रेशर बनाना पड़ता है। लेकिन ज्यादातर महिलाएं लुक्स को दर्द से बचने से ज्यादा प्रिफरेंस देती हैं। गौर करने की बात यह है कि अगर आप ज्यादा समय तक खराब फिटिंग वाले हाई हील्स वाले शूज पहनती हैं, तो आपको पैरों के अंगूठे में बनियन की प्रॉब्लम हो सकती है। इसमें बड़े अंगूठे की हड्डी में सूजन आ जाती है।' 

डॉक्टर्स का कहना है कि हाई हील वाले शूज आपके पैरों पर प्रेशर डालते हैं, जिससे चलते समय पैर नीचे की ओर मुड़ता है। इससे बैलेंस बनाने के लिए आपकी बॉडी को ज्यादा जोर लगाना पड़ता है और खासतौर पर यह प्रेशर हिप मसल्स पर पड़ता है। यही नहीं, इससे घुटनों पर भी ज्यादा जोर पड़ता है और ये मुड़ने लगते हैं। ऑर्थोपैडिक सर्जन डॉ. संजय सिंह बताते हैं कि पिछले कुछ समय से यंग महिलाओं में भी पैरों, घुटनों व एडि़यों से जुड़ी प्रॉब्लम्स बढ़ रही हैं। यही नहीं, कई केसेज में तो इम्बैलेंस्ड वॉक व पोस्चर के साथ सेट होने में पैरों शेप तक बिगड़ चुकी होती है, क्योंकि बोन्स इस सबके साथ ढलने लगती हैं।  

डॉ. फलक कहती हैं, 'जब आप हील्स वाले फुटवियर्स पहनती हैं, तो आपकी बॉडी इसकी हाइट के साथ बैलेंस बनाने की कोशिश करती है और इससे आपके पोस्चर पर स्ट्रेन पड़ता है। अगर आप लंबे समय तक हील्स पहनती हैं, तो आपकी बैक की मसल्स पर स्ट्रेन पड़ने लगता है और इस वजह से आप सीधी नहीं बैठ पाती हैं।'

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