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स्त्री और पुरूष की चरमस्थिति में क्या अन्तर होता है?

यौनपरक अभिविन्यास क्या होता है?
यौनपरक अभिविन्यास का अभिप्राय है किसी व्यक्ति का जेन्डर (स्त्री-पुरूष) के प्रति आकर्षण। सामान्यतः अनेक प्रकार के यौनपरक अभिविन्यास का वर्णन मिलता है -

  • हीटिरोसैक्सुअल - विषमलिंगकामी - विषमलिंगकामी व्यक्ति भावुकता एवं शारीरिक रूप से विषम लिंग वाले व्यक्ति के प्रति आकर्षित होते हैं। विषमलिंग पुरूष स्त्री के प्रति और स्त्रियां पुरूष के आकर्षित होती हैं। इन्हें कभी कभी 'सीधा' भी कहा जाता है।
  • होमोसैक्सुअल - समलिंगी - होमोसैक्सुअल लोगों का भावपूर्ण एवं शारीरिक आकर्षण अपने ही जेन्डर के लोगों के प्रति होता है। जो औरतें दूसरी औरतों के प्रति आकर्षिक होती हैं उन्हें लेसबियन कहते हैं, जो पुरूष दूसरे पुरूषों के प्रति आकर्षित होते हैं उन्हें 'गे' कहा जाता है (दोनों जेन्डर के समलैंगिकी लोगों के वर्णन के लिए भी कई बार 'गे' शब्द का प्रयोग किया जाता है।)
  • बाईसैकसुअल - उभयलिंगी - ऐसे लोग दोनों जेन्डर के लोगों के प्रति भाव एवं शरीर से आकर्षित होते हैं

लड़का/लड़की कब सम्भोग करना शुरू कर सकते हैं?

  • सम्भोग का आरम्भ करने के लिए कोई निश्चित सही उम्र नहीं है। महत्वपूर्ण बात यह है कि क्या यह आपके लिए सही समय है। यह इस पर भी निर्भर करता है कि आप सम्भोग करने का क्या अर्थ लेते हैं बिना यौनपरक सम्भोग के भी कई ऐसे तरीके हैं जिससे आप सैक्सुअल सुख पा और दे सकते हैं। एक दूसरे को सन्देश भेजना, चूमना, आलिंगन में लेना भावभीना हो सकता है। यह प्यार को बांटने और व्यक्त करने का तरीका है।

कामोन्माद की चरम स्थिति क्या होती है?

  • जब कामपरक उत्तेजना भड़कती है और अपने चरम शिखर पर पहुंच जाती है तो उसे चरम स्थिति या होना कहते हैं जब कोई लड़का चरम स्थिति पर पहुंचता है तो स्खलन होता है। इस का अर्थ है कि वीर्य से मिश्रित होकर उसके शुक्राणु चिपचिपे सफेद तरल पदार्थ के रूप में उसके लिंग के अन्तिक छोर से बाहर निकलते हैं। लड़के के स्खलन के बाद लिंग का खड़ापन कम हो जाता है और उसे कुछ समय के लिए रूकना पड़ता है। जब लड़की चरम स्थिति पर पहुँचती है तो उसकी योनि बहुत गीली हो जाती है परन्तु वह जब तक चाहे कामलीला का आनन्द ले सकती है। कुछ लड़कियां बिना रूके एक से अधिक बार चरमस्थिति का अनुभव कर सकती हैं।

क्या चरमस्थिति का अनुभव न पाने में कोई अप्राकृतिक बात है?

  • यदि कोई व्यक्ति चरमस्थिति का अनुभव नहीं कर पाता तो इसका अर्थ यह नहीं है कि कुछ गलत है। वस्तुत चरमस्थिति तक पहुंचने की चिन्ता या परेशान होने से व्यक्ति को इस तक पहुंचने में बाधा देती है।

स्त्री और पुरूष की चरमस्थिति में क्या अन्तर होता है?

  • चरमस्थिति में सबसे साफ स्पष्ट अन्तर तो यहीं है कि पुरूष की चरमस्थिति वीर्य स्खलन से जुड़ी होती है। स्खलन प्रक्रिया में वीर्य मूत्र नली में स्खलित होता है और श्रेणि प्रदेश की मांसपेशियों में लयबद्ध संकुचन द्वारा प्रेरित होकर वह वीर्य लिंग से बाहर आ जाता है। औरत की चरमस्थिति में लयबद्ध संकुचन श्रोणि प्रदेश की मांसपेशियां और योनि की दीवारों के बीच साथ साथ होता है।

गुदापरक सम्भोग क्या होता है?

  • गुदापरक सम्भोग तब होता है जब कोई लड़का अपने लिंग को दूसरे लड़के या लड़की की गुदा और मलद्वार के अन्दर डालता है। यह एक अप्राकृतिक मैथुन विधि है अत: इस विधि को बिना कंडोम के नहीं करना चाहिए।

क्या गुदापरक सम्भोग से कोई लड़की गर्भवती हो सकती है?

  • गुदापरक सम्भोग से सामान्यतः तो कोई लड़की गर्भवती नहीं हो सकती, हां अगर शुक्राणु मलद्बार से बहकर योनि में प्रवेश कर जायें तो हो भी सकती है। अतः लम्बी अवधि तक गर्भ से बचने के लिए गुदारपरक सम्भोग को सर्वोत्तम नहीं माना जा सकता।

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