शरीर पर तिल होने का अपना ही एक महत्व होता है और इसको निम्न प्रकार समझा जा सकता है :
- माथे पर होने पर बलवान
- ठुड्डी पर
होने पर स्त्री से प्रेम न रहे
- दोनों बांहों के बीच होने पर यात्रा होती रहे
- दाहिनी आंख पर
होने पर स्त्री से प्रेम
- बायीं आंख पर
होने पर स्त्री से कलह रहे
- दाहिनी गाल पर
होने पर धनवान
- बायीं गाल पर
होने पर खर्च बढता जाए
- होंठ पर होने पर विषयवासना में रत रहे
- कान पर होने पर अल्पायु हो
- गर्दन पर
होने पर आराम मिले
- दाहिनी भुजा पर
होने पर मानप्रतिष्ठा मिले
- बायीं भुजा पर
होने पर झगडालू होना
- नाक पर
होने पर यात्रा होती रहे
- दाहिनी छाती पर
होने पर स्त्री से प्रेम रहे
- बायीं छाती पर
होने पर स्त्री से झगडा होना
- कमर में
होने पर आयु परेशानी से गुजरे
- दोनों छाती के बीच
होने पर जीवन सुखी रहे
- पेट पर
होने पर उत्तम भोजन का इच्छुक
- पीठ पर
होने पर प्राय: यात्रा में रहा करे
- दाहिने हथेली पर
होने पर बलवान हो
- बायीं हथेली पर
होने पर खूब खर्च करे
- दाहिने हाथ की पीठ पर
होने पर धनवान हो
- बाएं हाथ की पीठ पर
होने पर कम खर्च करे
- दाहिने पैर पे होने पर बुद्धिमान हो
- बाएं पैर पे होने पर खर्च अधिक हो
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