गर्भनिरोधक गोलियां क्या होती हैं?



संयुकत मौखिक गर्भनिरोधक गोलियां क्या होती हैं?
संयुक्त मौखिक गर्भनिरोधक गोलियां जिन्हें सामान्यतः ‘ द पिल ’ कहा जाता है, वह औइस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन का सम्मिलन है - जिसे कि प्राकृतिक उर्वतकता को रोकने के लिए महिलाएं मुख से लेती है।

संयुक्त मौखिक पिल कैसे काम करता है?
इस पिल का कार्य मुख्यतः इस प्रकार होता है।

  1. शरीर मे हॉरमोन के सन्तुलन को बदल देता है जिससे कि प्राकृतिक रूप उत्पन्न शरीर में हॉरमोन वाला अण्डा उत्पन्न ही नहीं हो।
  2. ग्रीवा से निसृत म्युकस को गाढ़ा कर देता है जो कि ग्रीवा में “म्युकस प्लग” बना देता है जिससे कि वीर्य गर्भ में पहुंचकर अण्डे को उर्वर नहीं बना पाता।
  3. इस पिल में गर्भाशय का अस्तर पतला हो जाता है जिससे उर्वरित अण्डे का गर्भाशय से सम्पर्क कठिन हो जाता है।


संयुक्त मौखित पिल प्रभावशाली है?
इसका उपयोग यदि सही ढंग से किया जाए तो 99 प्रतिशत से अधिक प्रभावशाली होता है। सही ढंग का अर्थ है एक भी गोली लेने से न चूकना और सही समय पर गोली लेना।

पिल से क्या लाभ है?
पिल से लाभ निम्नलिखित हैं
  1. बहुत प्रभावशाली है
  2. सम्भोग में बाधा नहीं डालता
  3. पीरियडस अधिकतर हल्के, कम पीड़ादायक और अधिक नियमित हो जाते है। माहवारी से पहले वाला तनाव दूर हो जाता है।
  4. इससे स्तनों में होने वाले सुसाध्य रोगों से सुरक्षा प्राप्त होती है
  5. अण्डकोश में कुछ प्रकार के काइस्टस के खतरे को कम करता है।
  6. अण्डकोश और गर्भाशय में कैंसर विकास की आशंका को कम करता है।

क्या इस पिल से एस टी आई एवं एच आई वी एड्स से सुरक्षा प्राप्त होती है?
नहीं, इससे कोई सुरक्षा प्राप्त नहीं होती।

पिल के अन्य क्या प्रभाव हो सकते हैं?
पिल लेने वाली अधिकतर महिलाओं पर कोई अन्य प्रभाव नहीं पड़ता। हालांकि कुछ औरतों पर कुछ पड़ते भी हैं -
  • बीमार महसूस करना
  • सिर दर्द
  • स्तनों में सूजन
  • थकावट
  • सम्भोग भावना में परिवर्तन
  • त्वचा में बदलाव जैसे मुहासे और तेलीय त्वचा या त्वचा में रंजकता (पिगमैन्टेशन)
  • मूड में बदलाव
  • पीरियड के बीच रक्त स्राव या धब्बे लगना।

कुछ प्रभाव ऐसे होते हैं जिनमें तत्काल सावधानी की जरूरत होती है। इनमें शामिल है –
  • तेज सिर दर्द
  • छाती में एवं टांगों में भयंकर पीड़ा
  • टांगों में सूजन
  • श्वास लेनें में कठिनाई
  • यदि खांसी में खून आये
  • दृष्टि या वाणी में अचानक खराबी
  • भुजा या टां में कमजोरी या नमी।

किन परिस्थितियों में यह पिल नहीं दिया जाता?
निम्नलिखित परिस्थितियों में पिल नहीं दिया जाना चाहिए –
  1. यदि आप किसी रक्तवाहिनी से पहले थक्का (क्लॉट) आ चुका हो
  2. अत्यधिक मोटापा
  3. चल फिर न सकना (अर्थात व्हील चेयर के सहारे रहना)
  4. काबू से बाहर मधुमेह (
  5. उच्च रक्तचाप
  6. यदि आपके किसी नजदीकी रिश्तेदार को 45 वर्ष की आयु से पहले थरौमबोसिस, दिल का दौरा या लकवा (स्ट्रोक) हुआ हो।
  7. तेज माइग्रेन
  8. यदि आप 35 वर्ष से ऊपर के हैं तो धूम्रपान का इतिहास
  9. स्तनपान कराने वाली माताएं
  10. माइग्रेन का इतिहास होने पर।

पिल का प्रयोग कैसे होता है?
यह संयुक्त पिल सामान्यतः 28 पिल्स के पैकेट में आता है। माहवारी चक्र के पांचवे दिन से पहले पिल लेना होता है (माहवारी के पहले दिन को पहला मानकर चलें)
  • जहां (स्टार्ट) शुरू लिखा है उस ओर से गोलियां लेनी शुरू करें।
  • इक्कीस दिन तक हर रोज एक ही समय पर एक पिल लेते रहें
  • अन्तिम सात दिनों में आयरन रहता है। इसी दौरान माहवारी का समय हो जाता है।
  • फिर से नया पैकेट लेकर शुरू करें।

यदि कोई पिल लेना भूल जायें तो क्या करें?
  • यदि कोई एक पिल लेना भूल जायें तो, यह जरूरी है याद आते ही ले लें और अगला पिल पहले से निश्चित समय पर लें।
  • यदि लगातार दो पिल लेना भूल जाए, ... दो दिन तक दो दो पिल लें और फिर पहले की तरह लेने लगें।
  • यदि कोई तीन या उसके अधिक पिल लेना भूल जाए - तो पिल लेना बन्द कर दें और अगले माहवारी चक्र के शुरू होने तक कोई अन्य जन्म निरोधक लें। यदि माहवारी चक्र समय पर शुरू न हो तो डाक्टर के पास जाना जरूरी है।

यदि पिल लेते समय मितली महसूस हो तो क्या करना चाहिए?
पिल को रात के समय या खाने के साथ लें।

इसके प्रभाव स्वरूप यदि हल्का सिर दर्द हो तो उससे कैसे निपटना चाहिए?
इब्रफिन, पैरासिटामोल जैसी अन्य कोई पीड़ा निवारक दवा ले लेनी चाहिए।

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