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करामाती तेल

अगर हम रसोई से जुड़ी किसी एक सामग्री को ढूंढ़ने बैठ जाएं, जो रसोई से निकलकर मंदिर तक पहुंच गई है, तो तेल का नाम ही सबसे पहले दिमाग में आएगा। खाने से लेकर घरेलू नुस्खे और खूबसूरती बढ़ाने तक में सरसों के तेल का इस्तेमाल होता है। हजारों सालों से भारत में तेल का इस्तेमाल न सिर्फ पर्सनल केयर के लिए बल्कि आयुर्वेद में भी हो रहा है। तेल संस्कृत के तैला शब्द से बना है, जिसकी हिंदी में अर्थ है स्नेह। स्नेह का अर्थ है- प्यार, दुलार, देखभाल।   



भारतीय संस्कृति के संदर्भ में सरसों के तेल का महत्व और भी बढ़ जाता है। सरसों तेल सदियों से भारत की संस्कृति का अभिन्न अंग रहा है। आज शहर हो या गांव, भारत के लाखों घरों-परिवारों में सरसों तेल न सिर्फ खाने के स्वाद से बल्कि संस्कृति से भी जुड़ा हुआ है। सरसों के गुणकारी महत्व को ध्यान में रखते हुए कई प्रमुख कंपनियों ने बोतलबंद ब्रांड बाजार में उतारे हैं। सबके अपने-अपने दावे हैं। 
केएस ऑयल्स के प्रवक्ता के अनुसार इस तेल में ओमेगा ३ और ओमेगा ६ भारी मात्रा में पाए जाते हैं, जो दांत और मसूढ़ों को स्वस्थ रखता है। इसका लगातार उपयोग करने से बाल भी नहीं झड़ते। कच्ची घानी तेल का बेहतरीन स्वाद दिल की बीमारियों और एन्जाईना जैसी बीमारियों से रक्षा करता है, दिमाग को तेज रखता है और रक्तवाहिनियों को बंद होने से बचाता है। इसमें सैचुरेटेड फैट्स की मात्रा बहुत ही कम होती है, जिसकी वजह से कोलेस्ट्रॉल लेवल सामान्य रहता है। इसके सेवन से शरीर के अंदर पाए जाने वाले टॉक्सिन्स बाहर निकल जाते हैं और पाचन क्रिया भी बेहतर होती है।
 

  • सरसों का तेल बालों को पोषण देने का काम करता है। इससे बालों का नियमित मसाज करने पर बाल काले, घने और मजबूत होते हैं। 
  • सरसों के तेल को मेहंदी के पत्ते के साथ उबालकर और उसे ठंडा और छानने के बाद नियमित रूप से बालों में लगाने से बालों का टूटना बंद होता है। 
  • सरसों के तेल का इस्तेमाल उबटन में किया जाता है। नियमित उबटन का इस्तेमाल करने से त्वचा को पोषण मिलता है और उसमें चमक आती है। 
  • उबटन बनाने के लिए सरसों के तेल में हल्दी पाउडर, केसर, चंदन पाउडर, चना दाल आदि मिलाकर पेस्ट तैयार करें। पूरे शरीर पर २०-३० मिनट तक लगाकर रखें। उसके बाद ठंडे पानी की मदद से उबटन उतार लें।
  • दांत के दर्द को दूर करने में भी सरसों का तेल उपयोगी होता है। कुछ बूंद सरसों के तेल में थोड़ा-सा सेंधा नमक मिलाएं और इससे मसूढ़े की मालिश करें। दर्द और दांत से जुड़ी अन्य परेशानी में राहत मिलेगी।
  • सरसों के तेल में कपूर मिलाकर अस्थमा से पीड़ित मरीज की छाती की मालिश करें। ऐसा करने से सांस से जुड़ी तकलीफ में आराम मिलता है।
  • सरसों के तेल से मालिश करने पर आर्थराइटिस और पीठ के दर्द में राहत मिलती है। सरसों के तेल में कपूर मिलाकर जोड़ों की मालिश करें। वहीं, पीठ का दर्द दूर करने के लिए ४ चम्मच सरसों के तेल में लहसुन की १०-१२ कलियों को डालकर तेल गर्म करें और उसके बाद पीठ की मालिश करें।

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