वास्तुनुसार दरवाजों की संख्या
वास्तु के सिद्धांतों का परिपालन करते हुए बनाया गया मकान, उसमें निवास करने वालों के जीवन की खुशहाली, उन्नति एवं समृद्धि का पतीक होता है। मकान में दरवाजे अहम भूमिका निभाते हैं। साधारणतया आम इंसान मकान में दरवाजों की संख्या के बारे में भ्रमित रहता है। क्योंकि वास्तु विषय की लगभग सभी पुस्तकों में दरवाजों की संख्या के बारे में विवरण दिया गया है कि मकान में दरवाजे 2, 4, 6, 8, 12, 16, 18, 22 इत्यादि की संख्या में होने चाहिए। जबकि व्यवहारिकता में दरवाजों की संख्या का कोई औचित्य व आधार ही नहीं है। मकान में दरवाजे आवश्यकता के अनुसार, वास्तु द्वारा निर्देशित उच्च स्थान पर लगाने से इससे शुभ फल पाप्त होते हैं। लेकिन इसके विपरीत नीच स्थल पर दरवाजे लगाने से इसके अशुभ परिणाम ही पाप्त होंगे।
उच्च स्थान पर दरवाजे लगाते समय यह भी ध्यान में रखा जाना अत्ति आवश्यक होता है कि मुख्य पवेश द्वार के सामने एक ओर दरवाजा लगाने पर ही यह दरवाजे शुभ फलदायक साबित होंगे। मुख्य द्वार के सामने एक ओर दरवाजा नहीं लगाने की स्थिति में एक खिड़की अवश्य ही लगानी चाहिए। ताकि मुख्य द्वार से आने वाली ऊर्जा मकान में पवेश कर सके। अन्यथा दरवाजे के सामने दरवाजा या खिड़की नहीं होने की स्थिति में यह ऊर्जा परिवर्तित हो जायेगी।
मकान के चारों तरफ वास्तु के सिद्धांत के अनुपात में खुली जगह छोड़ने का तात्पर्य भी यही है कि दरवाजों के माध्यम से इन ऊर्जा शक्तियों का मकान में निर्विघ्न पवेश हो सके। आमने-सामने दो दरवाजे ही रखने से अभीपाय यह है कि आमने-सामने दो से ज्यादा दरवाजे होने पर मकान में पवेश होने वाली सकारात्मक ऊर्जा शक्ति में न्यूनता आती है। चित्र संख्या 1 में निर्देशित उच्च (शुभ) तथा चित्र संख्या 2 में निर्देशित नीच (अशुभ) स्थान पर दरवाजे लगाने से पाप्त होने वाले परिणाम :-
दिशा | श्रेणी | परिणाम |
---|---|---|
पूर्व | उच्च | शुभ, उच्च विचार |
पूर्व-ईशान | उच्च | सर्वश्रेष्ठ, शुभ व सौभाग्यदायक |
पूर्व-आग्नेय | नीच | वैचारिक मतभेद, चोरी, पुत्रों के लिये कष्टकारी |
पश्चिम-वायव्य | उच्च | शुभदायक |
पश्चिम-नैऋत | नीच | आर्थिक स्थिति तथा घर के मुखिया के लिये अशुभ |
उत्तर-ईशान | उच्च | आर्थिक फलदायक, श्रेष्ठ |
उत्तर-वायव्य | नीच | धन हानि, चंचल स्वभाव, तनाव में वृद्धि |
दक्षिण-आग्नेय | उच्च | अर्थ लाभ, स्वास्थदायक |
दक्षिण-नैऋत | नीच | आर्थिक विनाशक, गृहणी की स्थिति कष्टपद |
दक्षिण एवं पश्चिम | उच्च | शुभफलदायक |
उत्तर | उच्च | सुखदायक |
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