प्लाटों का वास्तु विश्लेषण

प्लाट खरीदते समय बहुत सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि वास्तु दोष युक्त प्लाट में मकान बनाकर उसमें रहना शुरू करने के बाद जीवन पयन्त उस प्लाट के वास्तु दोषों के दुष्परिणाम भुगतने पड़ते हैं। कई वास्तु विशेषज्ञों का यह मानना है कि प्लाट में कोई पुराना पुंआ है, और उसे मिट्टी से भरकर बंद कर दिया गया हो या फिर उस प्लाट पर पहले कोई श्मशान था, वह प्लाट शुभ फल दायक नहीं हो सकता है। जब कि यह धारणा सरासर गलत है और इन बातों का कोई औचित्य ही नहीं है। इस तरह की बातों से जन-साधारण में वास्तु विषय के पति गलत भ्रांतियां पैदा हो रही हैं।

वास्तु विषय से अंजान वास्तु पंडित वास्तु दोष युक्त प्लाट के वास्तु दोषों से निवारण प्राप्त करने के नाम पर वास्तु-शांति, हवन, कई प्रकार के यंत्रों की स्थापना, पिरामिड इत्यादि उपयोग की सलाह देते हैं। वास्तु दोषों के निवारण के नाम पर इस तरह के उपाय बताना सिर्प इंसान की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ करके, समाज में अंधविश्वास की प्रवृत्ति को बढ़ाना मात्रा है। क्योंकि इस तरह के उपायों से आज तक ना तो किसी भी वास्तु दोष से मुक्ति मिली है और ना ही किसी का भला हुआ है। इस तरह के अंधविश्वासों के चक्करों में फंसकर जीवन को समस्याग्रस्त बनाने से बचने का बेहतर रास्ता यही होता है कि उस समस्या को पैदा करने वाले वास्तु दोषों को ही सुधारें।

कोई भी जमीन व कोई भी मुखी प्लाट अशुभ फलदायक नहीं होता है, बल्कि शुभ या अशुभ फल दायक होता है, उस प्लाट को उपयोग करने का तरीका। प्लाट में अगर कोई वास्तु दोष हो तो उस वास्तु दोष को, वास्तु के अनुसार सुधार कर ही, उस प्लाट में वास्तु के सिद्धांतों का परिपालन करके मकान का निर्माण किया जाए तो उस निर्मित मकान में रहने वालों का जीवन आजन्म खुशहाल व समृद्धिदायक ही व्यतित होगा।

नक्शे में दर्शाये गये क्रमांक संख्या एक से बीस तक के प्लाटों का वास्तु विश्लेषण :-

प्लाट नं 1: वायव्य कट जाना गलत नहीं है , लेकिन पश्चिम-नैऋत में स्थित विधी-शुला अत्यंत घातक।

प्लाट नं 2: पश्चिम-वायव्य में स्थित विधी-शुला शुभ फल दायक।

प्लाट नं 3: पश्चिम-नैऋत में स्थित विधी-शुला अत्यंत घातक।

प्लाट नं 4: नैऋत कट जाना गलत नहीं है, और पश्चिम-वायव्य में स्थित विधी-शुला शुभ फल दायक।

प्लाट नं 5: आग्नेय कट जाना गलत नहीं है।

प्लाट नं 6: ईशान कट जाना सर्वनाशकारी।

प्लाट नं 7: आग्नेय कट जाना गलत नहीं है।

प्लाट नं 8: ईशान कट जाना सर्वनाशकारी।

प्लाट नं 9, 10, 11, 12 : सहीं है।

प्लाट नं 13: नैऋत कट जाना गलत नहीं है।

प्लाट नं 14: वायव्य कट जाना गलत नहीं है।

प्लाट नं 15: नैऋत कट जाना गलत नहीं है।

प्लाट नं 16: वायव्य कट जाना गलत नहीं है।

प्लाट नं 17: ईशान कट जाना सर्वनाशकारी एवं पूर्व-आग्नेय में स्थित विधी-शुला दुष्परिणाम दायक।

प्लाट नं 18: पूर्व-ईशान में स्थित विधी-शुला अत्यंत शुभ एवं सोभाग्य दायक।

प्लाट नं 19: पूर्व-आग्नेय में स्थित विधी-शुला दुष्परिणाम दायक।

प्लाट नं 20: आग्नेय कट जाना गलत नहीं है और पूर्व-ईशान मे स्थित विधी-शुला अत्यंत शुभ एवं सोभाग्य दायक।

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