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शास्त्रों के अनुसार झाड़ू



घर में कई वस्तुएं होती हैं कुछ बहुत सामान्य रहती है। इनकी ओर किसी का ध्यान नहीं जाता। ऐसी चीजों में से एक है झाड़ू। जब भी साफ-सफाई करना हो तभी झाड़ू का काम होता है। अन्यथा इसकी ओर कोई ध्यान नहीं देता। शास्त्रों के अनुसार झाड़ू के संबंध कई महत्वपूर्ण बातें दी गई हैं।

शास्त्रों के अनुसार झाड़ू को धन की देवी महालक्ष्मी का ही प्रतीक रूप माना जाता है। इसके पीछे एक वजह यह भी है कि झाड़ू ही हमारे घर से गरीबी रूपी कचरे को बाहर निकालती है और साफ-सफाई बनाए रखती है। घर यदि साफ और स्वच्छ रहेगा तो हमारे जीवन में धन संबंधी कई परेशानियां स्वत: ही दूर हो जाती हैं।

प्राचीन परंपराओं को मानने वाले लोग आज भी झाड़ू पर पैर लगने के बाद उसे प्रणाम करते हैं क्योंकि झाड़ू को लक्ष्मी का रूप माना जाता है। विद्वानों के अनुसार झाड़ू पर पैर लगने से महालक्ष्मी का अनादर होता है। झाड़ू घर का कचरा बाहर करती है और कचरे को दरिद्रता का प्रतीक माना जाता है। जिस घर में पूरी साफ-सफाई रहती है वहां धन, संपत्ति और सुख-शांति रहती है। इसके विपरित जहां गंदगी रहती है वहां दरिद्रता का वास होता है। ऐसे घरों में रहने वाले सभी सदस्यों को कई प्रकार की आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसी कारण घर को पूरी तरह साफ रखने पर जोर दिया जाता है ताकि घर की दरिद्रता दूर हो सके और महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त हो सके।

घर से दरिद्रता रूपी कचरे को दूर करके झाड़ू यानि महालक्ष्मी हमें धन-धान्य, सुख-संपत्ति प्रदान करती है। जब घर में झाड़ू का कार्य न हो तब उसे ऐसे स्थान पर रखा जाता है जहां किसी की नजर न पड़े। इसके अलावा झाड़ू को अलग रखने से उस पर किसी का पैर नहीं लगेगा जिससे देवी महालक्ष्मी का निरादर नहीं होगा। यदि भुलवश झाड़ू को पैर लग जाए तो महालक्ष्मी से क्षमा की प्रार्थना कर लेना चाहिए।

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