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Mahndi Design No. 11

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Mahndi Design No. 10

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Mahndi Design No. 9


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Mahndi Design No. 8

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Mahndi Design No. 7


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Mahndi Design No. 6

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Mahndi Design No. 5

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Mahndi Design No. 4

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Mahndi Design No. 3


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Mahndi Design No. 2


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Mahndi Design No. 1


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मेहंदी रचे हाथ



शादी-ब्याह हो या कोई त्योहार या अन्य कोई अवसर मेहंदी रचे हाथ तो हर किसी को अपनी ओर आकर्षित कर ही लेते हैं। आजकल तो महिलाएं व लड़कियां मेहंदी हाथ और पैर पर ही नहीं बल्कि पीठ, बाजूबंद यहां तक कि नाभि पर भी लगवाती हैं। आज डिजाइनर ड्रेस व ज्वेलरी के साथ-साथ डिजाइनर मेहंदी का भी ट्रेंड जोरों पर है। आइए जानते हैं कुछ ट्रेंडी डिजाइनर मेहंदी के बारे में।

फैंटेसी स्टाइल मेहंदी :
फैशन के इस दौर में जहां फैंटेसी मेकअप का चलन जोरों पर है ऐसे में फैंटेसी मेहंदी कैसे पीछे रह सकती है। फैंटेसी स्टाइल मेहंदी युवाओं में काफी पसंद की जा रही है। इसमें आपकी पोशाक व ज्वेलरी के अनुसार आपके हाथों पर मेल खाते रंगों से डिजाइन बनाया जाता है।

इसमें फैंटेसी मेकअप में प्रयोग किए जाने वाले रंगों का ही प्रयोग होता है। फिर डिजाइन को रंग-बिरंगे स्टोन, नगों या फिर कुंदन आदि से सजाया जाता है। ये मेहंदी देखने में काफी खूबसूरत लगती है।

जरदोजी मेहंदी :
जरदोजी मेहंदी सिल्वर या गोल्डन शेड लिए होती है। मेहंदी रचे हाथों में सिल्वर या गोल्डन चमकीलियों से डिजाइन बनाया जाता है। ये मेहंदी भी देखने में काफी सुंदर लगती है।

अरेबियन मेहंदी :
अरेबियन स्टाइल में मोटे-मोटे फूल-पत्तियों वाले डिजाइन आजकल खूब चलन में हैं। अरेबियन मेहंदी में ब्लैक केमिकल से आउट लाइन कर बीच में हरी मेहंदी से शेडिंग या उसे पूरा भर दिया जाता है। काले व सुर्खलाल रंग लिए इस मेहंदी पर भी आप अपनी पोशाक के रंग व डिजाइन के अनुसार रंग-बिरंगे स्टोन या कुंदन लगवा सकते हैं।

राजस्थानी या मारवाड़ी मेहंदी :
राजस्थानी व मारवाड़ी मेहंदी भी फैशन में है। इस स्टाइल की मेहंदी में बाजूओं पर भी कड़े के स्टाइल में डिजाइन बनाया जाता है।

कीमत :
अरेबियन मेहंदी की कीमत 25 रुपए एक हाथ की है। शादियों/ त्योहारों या भारी डिजाइन के अनुसार इनकी कीमत बढ़ जाती है। फैंटेसी स्टाइल की कीमत भी थोड़ी ज्यादा है।

मेहँदी :
मेहँदी के सुन्दर सुन्दर डिजायन जो देखने और बनाने दोनों में आसान है । यहाँ देखे.... 

Sanjeev Kapoor : Aaluch Patal Bhaji



Preparation Time : 10-15 minutes
Cooking Time : 15-20 minutes
Servings : 4 Persons

Main Ingredient : Colocassia leaves (arbi ke patte)

Ingredient Quantity
  • Colocassia leaves (arbi ke patte),shredded 8
  • Split Bengal gram (chana dal),soaked 1/4 cup
  • Salt to taste
  • Tamarind pulp 3 tablespoon
  • Olive oil 3 tablespoon
  • Mustard seeds 1/2 tablespoon
  • Curry leaves 5-6
  • Asafoetida a pinch
  • Fenugreek seeds (methi dana) 1/2 tablespoon
  • Garlic,peeled & finely chopped 4-5 clove
  • Chilli,chopped 4-5
  • Turmeric powder 1/2 teaspoon
  • Gram flour (besan) 3 tablespoon
  • Raw peanuts 1/4 cup
  • Jaggery (gur),grated 1 tablespoon
  • Coconut,scraped 1/2 cup
METHOD

  • Heat olive oil in a pan. Add mustard seeds, curry leaves, asafoetida, fenugreek seeds, garlic and sautp for one minute. Add green chillies, turmeric powder and sautp for half a minute. Add besan, mix and sautp for a minute. Add the boiled mixture and half a cup of water if required. Adjust salt and stir. Add raw peanuts and adjust water. Cook for five minutes and add grated jaggery. Bring to a boil again and add the remaining tamarind pulp and mix. Add coconut and some more water if required and cook on medium heat for half an hour, stirring occasionally. Serve hot.

आपकी स्किन : आपका फेशियल



नॉर्मल - ड्राई स्किन  
अगर आपकी स्किन नॉर्मल है , तो आपको ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है। आप ले सकती हैं फेशियल मसाज। यह चेहरे की क्लीनिंग कर शाइन लाता है। ब्यूटी एक्सपर्ट शहनाज कहती हैं , ' अगर आपकी स्किन नॉर्मल है और आसानी से ड्राई हो जाती है , तो क्लासिक और प्लांट स्टेम सेल फेशियल के ऑप्शन पर जाएं। '

क्लासिक फेशियल
क्लासिक फेशियल में क्लीनिंग , टोनिंग और मसाज ( इसमें हाथों व गैजट्स से दी जाने वाली मसाज ) शामिल हैं। यह मास्क के साथ स्किन को प्रोटेक्शन भी देता है। इसमें मसाज करते समय उंगलियों को खास डायरेक्शन से मूवमेंट दी जाती है। साथ ही , अलग - अलग एरियाज में विभिन्न स्ट्रोक्स और प्रेशर दिए जाते हैं।

प्लांट स्टेम सेल फेशियल
यह फेशियल स्किन को रिफ्रेश करने में मदद करता है और साथ ही यंग लुक देता है। प्लांट सेल में स्किन को अंदर से हेल्दी करने का प्रयास किया जाता है। यह स्किन की सेल्युलर लेवल पर हेल्प करता है और डेड व डैमेज्ड स्किन सेल्स को रिप्लेस करने में मदद करता है।

यही नहीं , सेल्युलर रिजनरेशन प्रोसेस को चुस्त कर यह एजिंग साइन को भी कम करता है। इसमें एक्सफोलिएटर , क्रीम , मास्क , सीरम और अंडर आई जैल जैसे प्रॉडक्ट्स शामिल रहते हैं।

नॉर्मल से ऑयली स्किन
शाहनाज कहती हैं , ' ऑयली स्किन के लिए क्रीम और मॉइश्चराइजर से मसाज नहीं दी जाती। दरअसल , ऑयली स्किन के फेशियल ट्रीटमेंट में डीप क्लींजिंग विद एक्सफोलिएशन , टोनिंग , मास्क एंड प्रोटेक्शन होता है। इससे जहां एक्सेस ऑयल को हटाने में मदद मिलती हैं , वहीं स्किन की डीप क्लीनिंग होने के बाद यह सॉफ्ट भी हो जाती है। '

पर्ल फेशियल
यह फेस की टैनिंग खत्म कर स्किन को ब्राइटनेस देता है और यह ऑयली स्किन के लिए अच्छा है। इसके अलावा , यह स्किन की डीप क्लीनिंग भी करता है। इसमें पर्ल क्रीम से लाइट फेशियल मसाज की जाती है और फिर पर्ल मास्क लगाया जाता है।

सिल्वर फेशियल
सिल्वर फेशियल में ग्लो स्क्रब , जेल , क्रीम और पैक होता है , जो स्किन की डलनेस को हटाकर ग्लो लाता है। यह फेशियल न केवलसिर्फ स्किन के नेचरल पीएच को बैलेंस करता है , बल्कि पोर्स को खोलकर ब्लैक हेड्स को खत्म करने में भी मदद करता है। ब्यूटी एक्सपर्ट डॉ . शोभा सहगल कहती हैं , ' यह फेशियल स्किन को मॉइश्चराइज देने के साथ स्किन में शाइन भी लाता है। '

कॉम्बिनेशन स्किन
कॉम्बिनेशन स्किन को केयरफुली ट्रीट करने की जरूरत होती है। दरअसल , इसमें ड्राई और ऑयली टिश्यू बराबर होते हैं , इसलिए इस पर अलग तरह से ध्यान दिए जाने की जरूरत है। इसमें क्लीनिंग के बाद ड्राई एरिया के लिए मसाज की जाती है और चेहरे का ऑयल कम करने के लिए फेस पैक का यूज किया जाता है।

प्लेटिनम फेशियल
प्लेटिनम फेशियल स्किन को रिचार्ज और एनर्जेटिक बनाता है। यह स्किन के सेल्युलर लेवल पर असर डालता है और उसके सपोर्टिव टिश्यू को स्ट्रॉन्ग करता है। यही नहीं , मॉइश्चराइज लेवल को ठीक रखने में भी यह फेशियल काम आता है। दरअसल , इसके पावरफुल एंटी - ऑक्सिडेंट्स चेहरे पर ग्लो लाते हैं।

जेम थेरपी
यह फेशियल स्किन बैलेंस को बनाए रखने के साथ स्किन के दाग - धब्बों को भी दूर करता है। इसमें माइक्र्रो फाइन पाउडर और विटामिन रिच ऑयल्स यूज होते हैं , जो स्किन को रिलैक्स करने के साथ इसके टोन और टेक्स्चर में इम्प्रूवमेंट लाते हैं।

अर्ली ऑर्गेज्म को दूर भगाए |



जब आप के पति सहवास से पहले फॉरप्ले करते है और तभी डिस्चार्ज हो जाते है तो यह एक बीमारी के लक्षण है जिसे  अर्ली ऑर्गेज्म (शीघ्र स्खलन) ग्रेड-३ कहते है, इस वजह से सहवास की नौबत ही नहीं आ पाती। कभी-कभी सहवास की स्थिति बनती है तो प्रवेश से पहले ही तनाव खत्म हो जाता है, इसे  अर्ली ऑर्गेज्म (शीघ्र स्खलन) ग्रेड-२ कहते है । और प्रवेश के फौरन बाद हो जाता है तो अर्ली ऑर्गेज्म गेड-1 का नाम देते हैं। 

आपकी समस्या यदि ग्रेड-3 की समस्या है तो  इसके लिए आप डैपॉक्सिटिन-60 मिलीग्राम ( Dapoxetine 60) आदि की एक गोली सहवास से एक घंटा पहले एक गिलास पानी से ले लें। यह इसका जैनरिक नाम है। मार्केट में यह ड्यूरालास्ट-60 ( Duralast 60)और स्टेटॉल ( Staytal 60) नाम से मिलती है। एक बार लेने के बाद इस गोली का असर 1 घंटे बाद शुरू होकर 4 घंटे तक बना रहता है।

जो दूसरी समस्या आपको कभी-कभार सताती है कि प्रवेश से पहले ही तनाव घट जाता है तो उसके लिए आप देसी वायग्रा -100 मिलीग्राम ( Sildenafil Citrate ) की एक गोली सहवास से एक घंटा पहले लें। इस गोली के कुछ ब्रैंड नेम हैं : पेनिग्रा ( Penegra ), कैवेर्टा ( Caverta ) और एडिग्रा ( Edegra ) आदि। इससे आपकी समस्या में काफी बदलाव आ सकता है। इस गोली से सख्ती भी बढ़ती है और तनाव भी बरकरार रहता है। इस गोली का असर भी 1 घंटे बाद शुरू होकर 4 घंटे तक बना रहता है।

दोनों गोलियां एकसाथ ली जा सकती हैं, कोई नुकसान नहीं होता। दरअसल, एकसाथ लेने पर ये दोनों गोलियां सीनर्जेटिक इफेक्ट का काम करती हैं यानी एक-दूसरे की पूरक गोलियां हैं यानी एक-दूसरे के असर को और भी बढ़ा देती हैं, जिससे शीघ्र स्खलन और तनाव में कमी, दोनों समस्याएं एक साथ हल हो जाती है।

जो समस्याएं आपने बताई हैं, ज्यादातर उनका कारण मानसिक समस्या ही होता है। 3-4 बार सहवास करने के बाद इन दोनों गोलियों की मात्रा आधी कर दें। फिर अगले 3-4 सहवास के बाद दोनों की मात्रा एक चौथाई कर दें और फिर बाद में छोड़ दें। अगर यह समस्या वापस उभर जाए तो इन गोलियों का दोबारा इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर शीघ्र स्खलन की समस्या चालू रहे तो डैपॉक्सिटिन-60 मिलीग्राम लें। अगर तनाव की कमी हो तो देसी वायग्रा का इस्तेमाल करे। हां, 24 घंटे में इनका सेवन सिर्फ एक ही बार करना होता है, इससे ज्यादा नहीं।

गोलियों के सेवन का यह इलाज टेम्परेरी ही है। अगर कोई इन समस्याओं का पर्मानेंट इलाज चाहे तो नियमित रूप से योग की अश्विनी और वज्रोलि मुद्राओं का अभ्यास किया करे। इन दोनों मुद्राओं का अभ्यास करने से जननांगों में खून का प्रवाह ज्यादा होने लगता है। साथ ही जो मसल्स क्लाइमेक्स या स्खलन या चरम अवस्था की प्रक्रिया को नियंत्रित करते हैं, उन पर भी कंट्रोल होने लगता है। इन दोनों मुद्राओं का दो-तीन साल तक सही अभ्यास करने से ऐसी समस्याओं में काफी फर्क पड़ सकता है। दोनों मुद्राओं का अभ्यास 10 बार सुबह व 10 बार शाम को करें। खाली या हल्के पेट ही मुद्राओं का अभ्यास करना चाहिए।

नोट : 
ऊपर बताई गई गोलियों का सेवन अपने डॉक्टर की सलाह के बाद ही करें। कोई शख्स अगर हाई बीपी के लिए नाइट्रेट वाली दवा ले रहा है तो वह देसी वायग्रा न ले।

अपना निवेश बेहतर समझदारी से कर सकती है



यदि आप किसी जॉब में कार्यरत है या फिर खुद का कोई व्यवसाय कर रही है तो यह लेख आप के लिए है । निचे दिए गए टिप्स की सहायता से आप अपना निवेश बेहतर समझदारी से कर सकती है :-

1. पूरा ब्योरा जरूरी
फाइनैंशल अडवाइजरों के मुताबिक, टैक्स और फाइनैंशल प्लानिंग में तालमेल जरूरी है। निवेश के दौरान रिटर्न, सिक्युरिटी, लिक्विडिटी, निवेश की अवधि, टैक्स बेनेफिट और रिस्क की पूरी जानकारी रखनी चाहिए। कार्वी प्राइवेट वेल्थ के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर स्वप्निल पवार ने बताया, 'टैक्स छूट के लिए आखिरी पलों में वैसे इंस्ट्रूमेंट में निवेश करना चाहिए, जो ज्यादा स्पष्ट हो।

2. सिंगल प्रीमियम लाइव कवर में बरतें सावधानी
कुछ कंपनियों ने धड़ल्ले से सिंगल प्रीमियम एंडॉमेंट पॉलिसी लॉन्च की है। अगर ये प्रॉडक्ट आपको सही लगते हैं तो भी यह पक्का करना न भूलें कि इसका सम एश्योर्ड सालाना प्रीमियम का कम से कम पांच गुना हो। ऐसा नहीं है तो आपको कुछ खास तरह के टैक्स बेनेफिट जैसे- प्रीमियम की रकम पर आयकर की धारा 80सी और मच्योरिटी की रकम पर 10 (10डी) के तहत मिलने वाली टैक्स छूट से हाथ धोना पड़ सकता है।

3. काम का नहीं आखिरी पलों में पीपीएफ इन्वेस्टमेंट
अक्सर लोग वित्त वर्ष के आखिरी दो महीने में पीपीएफ में मोटी रकम निवेश करने की सोचते हैं। ऐसे में उन्हें सालाना 8 फीसदी रिटर्न का लाभ नहीं मिलता। पीपीएफ पर ब्याज कमाने के लिए हर महीने की 5 तारीख से पहले निवेश करना चाहिए। चेक से पेमेंट में यह ध्यान रखें कि उस तारीख तक चेक क्लियर हो जाए।

4. जॉइंट लोन से डबल फायदा
कुछ दंपति जॉइंट लोन लेते हैं लेकिन यह समझने की भूल कर बैठते हैं कि उन्हें टैक्स छूट अलग नहीं बल्कि जॉइंट मिलेगी। यह धारणा गलत है। इस तरह के लोन पर 1.5 लाख रुपए तक के ब्याज भुगतान पर टैक्स कटौती का लाभ जॉइंट ओनर्स और दोनों कर्जदारों को मिल सकता है। प्रिंसिपल पेमेंट पर भी इसी तरह टैक्स छूट मिल सकती है।

5. प्रॉपर्टी बेचने के बाद सही वक्त पर करें निवेश
प्रॉपर्टी बेचने से मिली रकम को दोबारा निवेश करने के लिए 2 साल का वक्त विंडो (वक्त) मिलता है, लेकिन इसमें शर्त भी जुड़ी है। आरएसएम एस्ट्यूट कंसल्टिंग ग्रुप के फाउंडर सुरेश सुराना ने कहा, 'आयकर अधिनियम की धारा 54 के तहत रिहायशी घर बेचने से हासिल कैपिटल गेन पर तभी टैक्स छूट मिलेगी, जब उसका इस्तेमाल ट्रांसफर (रजिस्ट्री) से एक साल पहले या ट्रांसफर के दो साल बाद तक मकान खरीदने में किया जाता है। बिक्री की रकम से ट्रांसफर से तीन साल बाद मकान बनाने पर भी टैक्स छूट मिलेगी।'

6. 80सी के अलावा और भी बहुत कुछ
80सी के तहत 1 लाख रुपए की टैक्स छूट की सीमा से बाहर भी कई टैक्स बेनेफिट हैं। इनमें हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए), पैरेंट के मकान के किराए और उनके मेडिक्लेम प्रीमियम पेमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड में निवेश पर भी कर छूट मिलती है।

7. टैक्स-फ्रेंडली सेविंग्स की अनदेखी न करें
आमतौर पर निवेशक मामूली टैक्स सेविंग्स का ध्यान नहीं रख पाते। कार्वी प्राइवेट वेल्थ के पवार ने कहा, 'मसलन, लोग एंप्लॉयी प्रॉविडेंट फंड (ईपीएफ) में निवेश करना भूल जाते हैं, जो 80सी के तहत कर छूट के लिए निवेश किए जाने वाले 1 लाख रुपए का हिस्सा है। इसी तरह पैरंट बच्चों की ट्यूशन फीस भी इसमें शामिल करना भूल जाते हैं।'

शीघ्र स्खलन कारण व निवारण



यदि आप के पति सहवास के समय जल्दी स्खलित हो जाते है तो चिंता की कोई बात नहीं है, आप इसके कारण को समझ के इसका निदान स्वयं या फिर डॉक्टर की सलाह से कर सकते है । निचे कुछ कारण व् निवारण दिए गए है जो आपके पति के लिए कारगर हो सकते है :-

आपके भीतर सहवास करने की इच्छा बरकरार है, प्राइवेट पार्ट में तनाव ठीक से आता है, फिर भी प्रवेश के फौरन बाद स्खलन हो जाता है तो इस समस्या को शीघ्र स्खलन कहते हैं।

शीघ्र स्खलन के खास तौर पर 4 कारण हैं:-
1. पुरुष में सहवास के दौरान जोश जरूरत से ज्यादा आना
2. इंद्रिय के अगले हिस्से पर जरूरत से ज्यादा संवेदना होना
3. प्रोस्टेट में इंफेक्शन हो जाना
4. डायबिटीज की शुरुआत

कारण एक या उससे ज्यादा भले हों, उसका इलाज आसानी से पाया जा सकता है। अगर उत्तेजना ज्यादा हो जाती हो तो डपॉक्सिटीन ( Dapoxitene ) 60 मिली ग्राम की गोली सहवास के एक घंटे पहले एक गिलास पानी के साथ लें। इसका असर करीबन 4 घंटे तक रहता है। देखा गया है कि यह गोली 10 में से 6 लोगों में शीघ्र स्खलन को विलंबित कर देता है।

अगर अगले हिस्से में सेंसेशन ज्यादा हो तो उसे कम करने के मलहम ( xylocaine 5 % ) मार्केट में मौजूद हैं। सहवास के 10 मिनट पहले अगले हिस्से में इसे लगाने से सेंसेशन कम हो जाती है। लेकिन मलहम लगाने के बाद प्रवेश के पहले अगले हिस्से को पानी से अच्छी तरह धो लेना चाहिए।

प्रोस्टेट में इंफेक्शन बहुत कम मौकों पर देखा गया है। अगर पेशाब में जलन हो या डिस्चार्ज के समय दर्द का अहसास हो तो प्रोस्टेट में इंफेक्शन हुआ समझना चाहिए। इसका इलाज एंटीबॉयोटिक्स से मुमकिन है।

डायबिटीज को कंट्रोल करना जरूरी है। गौर करने वाली बात यह है कि कारण 3 और 4 का इलाज होने पर भी कुछ मामलों में शीघ्र स्खलन में फर्क नहीं पड़ता। ऐसे मामलों में भी अगर डपॉक्सीटीन ली जाए तो उसमें काफी राहत मिल सकती है।

अगर किसी को शीघ्र स्खलन की समस्या को जड़ से दूर करना हो तो योगाभ्यास (वज्रौली और अश्विनी मुद्रा) कारगर साबित हो सकता है। कुछ यूनानी डॉक्टरों का कहना है कि पुरूष अगर रुक-रुक कर पेशाब करने की आदत डाल दे तो शीघ्र स्खलन में विलंब आ सकता है। उनका यह मानना है कि दिमाग यह नहीं समझता कि आप पेशाब निकाल रहे हैं या वीर्य। इसलिए पेशाब में कंट्रोल आने के साथ-साथ वीर्य में भी रुकावट आ जाता है।

शराब सेक्स के लिए जहर के समान होता है। कुछ लोग अगर थोड़ी मात्रा में ( 30 मिली लीटर) शराब लेते हैं तो उनकी फिक्र, चिंता या एंग्जाइटी कम हो जाती है और वे ज्यादा आत्म-विश्वास से लंबे वक्त तक सहवास कर सकते हैं। सिगरेट और तंबाकू में निकोटीन पाया जाता है, जिससे एंग्जाइटी के चिह्न और जोर पकड़ते हैं और शीघ्र स्खलन और बढ़ जाता है।

नोट: दवाइयों और गोलियों का सेवन अपने डॉक्टर से पूछ कर ही करें।

आपके फेस पर कोई ब्यूटी स्पॉट है?



अगर आपके फेस पर कोई ब्यूटी स्पॉट है , तो खुशी की बात है क्योंकि आजकल ये स्पॉट्स फैशन में हैं। गर्ल्स खुद को फैशनेबल दिखाने के लिए आर्टिफिशल इन्हें बनवा रही हैं। शादी के मौके पर ब्राइड्स भी इन्हें बनवाना खूब पसंद कर रही हैं। ब्यूटीशियन मंजू रावत कहती हैं , ' इस तरह के स्पॉट्स से आप और खूबसूरत दिख सकती हैं। ये आपके लुक में भी बदलाव ला देते हैं। यही नहीं , इसमें खर्चा भी कुछ खास नहीं आता। '

आइब्रो पर तिल
पहले , लिप्स के साइड में तिल बनवाने का ट्रेंड था , लेकिन अब इसे आइब्रो के ऊपर बनवाकर खुद को हॉट लुक दिया जा सकता है। फिलहाल , आईब्रोज के ऊपर की जगह को ही ब्यूटी मार्क के लिए खास पसंद किया जा रहा है। बता दें कि इसे बनवाने में करीब 15 मिनट का समय लगता है और यह 10 से 15 साल तक आपके फेस पर रह सकता है। लेकिन हां , बनवाएं आप किसी एक्सपर्ट से ही।

कॉस्मेटिक टैटूइंग
अगर आप रोज मेकअप करने के झंझट से बचना चाहती हैं , तो कॉस्मेटिक टैटूइंग आजमा सकती हैं। इन दिनों कॉस्मेटिक टैटूइंग का ट्रेंड जोरों पर है। इसमें वेजिटेबल डाई को स्किन की ऊपरी लेयर में डिस्पोजेबल सूई से डाला जाता है। इसके बाद आपको हर रोज मेकअप करने की जरूरत नहीं पड़ती। इसका असर तीन से चार साल चलता है। लेकिन हां , इसे हर छह महीने के गैप में टचअप की जरूरत होती है।

कॉस्मेटॉलजिस्ट निखिल बजाज कहते हैं , ' खुद को हमेशा खूबसूरत दिखाए रखने के लिए यह प्रोसेस बेहद कामयाब है। इसे करवाने में 5 से 12 हजार रुपए का खर्चा आता है। वहीं , इसके साइड इफेक्ट्स भी ना के बराबर होते हैं। '

इसी तरह आप अपनी आंखों पर परमानेंट आईलाइनर भी लगवा सकती हैं। इसके लिए जरूरत होगी , तो बस इसे मेनटेन करने की। इसमें करीब 45 मिनट का समय लगेगा। इसके अलावा आप कॉस्मेटिक टैटू के जरिए आइब्रो घनी या पतली भी करवा सकती हैं।

लिप करें कलर
अगर आप अपने लिप्स को हमेशा फ्रेश लुक व कोई कलर देना चाहती हैं , तो लिप कलरिंग करवा सकती हैं। वैसे , इन दिनों लिप्स में नैचरल पिंक कलर खूब ट्रेंड में है। इसका प्रोसेस करीब 1 घंटे का है। यहीं नहीं , डार्क लिप्स को कम दिखाने में भी यह तकनीक बेहद काम आती है।

एक नजर इन पर
  • आसान है प्रोसेस।
  • करवाने से पहले पूरी जानकारी लें।
  • 2 से 72 घंटे तक बर्निंग सेंसेशन , स्वेलिंग और इचिंग हो सकती है।
  • 24 घंटे तक किसी प्रॉडक्ट का इस्तेमाल ना करें।