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...ताकि डिलीवरी हो आसान

प्रेग्नेंसी के दौरान डिलीवरी को लेकर हर महिला कॉन्शस रहती है, लेकिन कुछ बातों को जानकर इसे आसान बनाया जा सकता है। हम यहां पर कुछ ऐसी ही सामान्य, लेकिन जरूरी जानकारी आपको देने की कोशिश कर रहे हैं:

सब जानें 

लेबर पेन की एक बड़ी वजह डिलीवरी के बारे में पूरी जानकारी न होना भी है। दरअसल, जिसे चीज के बारे में हमें सही जानकारी नहीं होती, उसे लेकर हमारा मन आशंकित रहता है। कुछ ऐसा प्रेग्नेंट महिलाओं के साथ भी होता है। इसलिए महिला और डॉक्टर के बीच डाइट, हेल्थ और बच्चे के साथ डिलीवरी के प्रॉसेस के बारे में भी बेहतर कम्यूनिकेशन होना चाहिए, ताकि उस दौरान उसका डर कंट्रोल में रहे। जाहिर है, इससे उसे दर्द का भी कम अहसास होगा। ऐसे में अपने डॉक्टर से सही कम्यूनिकेशन कायम करने की कोशिश करें।

हज्बंड का साथ 

डिलीवरी के समय हज्बंड के साथ होने पर महिलाओं को एक इमोशनल सपोर्ट मिलता है, जो दर्द को काफी हद तक कम कर देता है। हालांकि कई हॉस्पिटल में उन्हें डिलीवरी रूम में नहीं जाने दिया जाता, लेकिन इस वक्त अगर वे वाइफ के साथ रहें, तो डिलीवरी में आसानी रहती है। मसलन डिलीवरी के दौरान महिलाएं जानकारी होने के बावजूद अक्सर सांस लेने का सही प्रॉसेस फॉलो नहीं कर पातीं। ऐसे में हज्बंड उन्हें प्यार से समझा सकते हैं।

एपिड्यूरल डिलीवरी 

यह अब कॉमन प्रॉसेस है, जिसमें लेबर पेन सहन न कर पाने वाली महिला को लोकल एनेस्थिसिया दिया जाता है। यह खासतौर पर उस स्थिति में कारगर है, जहां महिला को लेबर पेन काफी देर तक चलता है। हालांकि कुछ महिलाएं इससे इसलिए बचती हैं, क्योंकि वे दर्द सहन न कर पाने वाली स्थिति को खुद की हार के तौर पर लेती हैं। लेकिन इस बात को ध्यान में रखना चाहिए कि सभी की सहनशीलता एक जैसी नहीं होती है।

वर्कआउट 

डिलीवरी को आसान व दर्द रहित बनाने के लिए प्रेग्नेंट महिलाओं को स्क्वैट्स यानी कमर व थाइज की मसल्स को मजबूत बनाने वाली एक्सरसाइज करनी चाहिए। इससे बेबी नीचे की ओर जाता है और उसका सिर बर्थ कैनल में फिट हो जाता है। ऐसा होना डिलीवरी को आसान बनाता है। लेकिन ध्यान रखें कि इन्हें किसी एक्सपर्ट की देख-रेख में ही करें।

स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइज 

बड़ों को अक्सर यह कहते सुना जाता है कि ऐसी कोई महिला नहीं होगी, जिसे प्रेग्नेंसी के दौरान कमर दर्द की शिकायत न हुई हो। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि प्रेग्नेंसी के दौरान बॉडी इन हिस्सों पर जोर डालती है।

इस दर्द से बचने के लिए इसे फॉलो करें: 

दोनों टांगों व बांहों के बल खड़े हो जाएं। ध्यान रखें कि आपके हाथ कंधों के नीचे होने चाहिए। अब सिर को नीचे ले जाते हुए बैक को ऊपर उठाएं। कुछ समय के लिए इस पोजिशन में रहें और कमर को नीचे ले जाते हुए नॉर्मल पोजिशन में आ जाएं। ऐसा 10 बार करें।

क्रैम्प्स के लिए 

प्रेग्नेंट महिलाओं को टांगों में दर्द की शिकायत भी बहुत रहती है। इससे बचने के लिए एक्सरसाइज जरूरी है। मसलन, दीवार की ओर मुंह करके खड़ी हो जाएं और अपने हाथों से खुद को सपोर्ट दें। एक टांग आगे की ओर लाएं और घुटने को इस तरह मोड़ें कि टखने से इसका 90 डिग्री का एंगल बन जाए। इस बीच दूसरी टांग को पीछे की ओर खींचें और दोनों पैरों को जमीन पर फ्लैट रखें। अब दस तक गिनें और ऐसा दूसरी टांग के साथ भी करें।

वॉटर बर्थ 

वॉटर बर्थ अपने चलन की शुरुआत से ही चर्चा में रहा है, लेकिन डॉक्टर्स इसकी सलाह नहीं देते हैं। दरअसल, यह प्रॉसेस क्लीयर नहीं है। हालांकि इससे दर्द कम होने का दावा किया जाता है, लेकिन पानी में बच्चे को जन्म देने की बात आसान नहीं लगती। ऐसे में यह पता करना मुश्किल होता है कि बच्चे को कोई तकलीफ तो नहीं हो रही। यही वजह है कि इसे फॉलो करने से मना किया जा रहा है।

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