किसी भी स्त्री के लिए भी यह श्रेष्ठ होता है कि उसका विवाह समय पर हो जाए। इस बात की चिंता उसके माता-पिता के साथ खुद उस कन्या को भी होती है। 

समय पर विवाह होने से ही वह ससुराल में आसानी से घुलमिल जाती है, तथा संतानादि में भी कोई समस्या नहीं होती। अनिश्चितता भी समाप्त हो जाती है। शुक्र ग्रह विवाह का कारक होता है।



जिस कन्या का शुक्र बलवान, स्वग्रही या उच्च का हो तो उसका विवाह समय पर होता है। शुक्र की महादशा में भी विवाह कारक योग बनते हैं। गुरू के सप्तम होने पर या सप्तम स्थान पर दृष्टि से विवाह मे देरी होती है। 

इसके अलावा मंगली या शनि पत्रिका होने पर भी विवाह में देरी होती है।

उचित समय पर विवाह हेतु: उपाय
  • रविवार, सोमवार, मंगलवार को पान एवं सुपारी से शिवलिंग का पूजन करें एवं जल चढ़ाएं।
  • पार्वतीजी का पूजन रोजना करें।
  • गुरुवार का व्रत करें।
  • पुखराज रत्न धारण करें।

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