ट्रेन जर्नी के टिप्स
ई-टिकटिंग
इसके लिए सबसे पहले आपको अपना लॉगइन क्रिएट करना होगा। इसके लिए आप www.irctc.co.in क्लिक करें। पेज खुलते ही लेफ्ट साइट में uesrname और Password के बाद login के नीचे आपको sign up का ऑप्शन मिलेगा। sign up में क्लिक करते ही एक पेज खुलेगा, जिसमें मांगी गई जानकारी भरने के बाद आईआरसीटीसी की इस साइट पर आप रजिस्टर्ड हो जाएंगे। यहां से आप डेबिट, क्रेडिट कार्ड या इंटरनेट बैंकिंग की मदद से बर्थ रिजर्व करवा सकते हैं। विंडो की तरह ही यहां भी एक पीएनआर नंबर पर छह सीटें बुक करवाई जा सकती हैं। यहां से बुकिंग कराने पर रेलवे सर्विस चार्ज लेता है। सेकंड सिटिंग और स्लीपर क्लास के टिकट पर यह चार्ज 10 रु. है और अपर क्लास का 20 रु.। ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा रात 12:30 से रात 11:30 बजे तक उपलब्ध रहती है यानी रात 11:30 से 12:30 के बीच ऑनलाइन रिजर्वेशन नहीं कराया जा सकता। रियायती टिकटों के मामले में सिर्फ सीनियर सिटिजन के टिकट ही ऑनलाइन बुक कराए जा सकते हैं।
टिकट कैंसल और रिफंड
ऑनलाइन बुक कराए गए टिकट ऑनलाइन ही कैंसल कराए जा सकते हैं। ट्रेन कैंसल होने की स्थिति में आपको ट्रेन के डिपार्चर टाइम के 72 घंटे के अंदर इसे कैंसल कराना होगा। वेटिंग लिस्ट में रहने पर ई टिकट खुद कैंसल हो जाते हैं। 72 घंटे के अंदर टिकट कैंसल नहीं कराने पर भी टिकट होल्डर के पास TDR के माध्यम से टिकट कैंसल कराने का ऑप्शन रहता है। TDR का ऑप्शन भी irctc.co.in साइट पर उपलब्ध है। जैसे ही आप लॉग इन करेंगे, यह ऑप्शन आपको राइट साइड में मिल जाएगा। अब ट्रेन में जर्नी करते समय आपको टिकट का प्रिंट लेकर चलने की जरूरत नहीं है। रेलवे ने यह व्यवस्था की है कि मोबाइल, लैपटॉप या आईपैड पर टिकट जर्नी के समय टीटीई को दिखा सकते हैं। पूरे महीने में दस बुकिंग से ज्यादा नहीं करा सकते। यह बुकिंग चाहें तो एक दिन में भी करा सकते हैं। यह लिमिटेशन महीने भर की है।
यात्रा की तारीख से 24 घंटे पहले तक कन्फर्म टिकट कैंसल कराने पर फुल रिफंड मिलता है, लेकिन आपके पास स्लीपर का टिकट है तो 40 रुपये कट जाएंगे और अगर टिकट एसी का है तो 80 रुपये। 24 घंटे से कम समय रह जाने पर टिकट कैंसल कराने पर 50 फीसदी रकम कट जाती है। कैंसिलेशन आप कभी भी करा सकते हैं। चार्ट बनने के बाद भी और ट्रेन छूट जाने पर भी। ट्रेन छूट गई और आपके पास ई टिकट है तो कैंसल कराने के लिए टीडीआर फाइल करना होगा। आमतौर पर 72 घंटे में रकम आपके अकाउंट में आ जाती है। अगर आपने विंडो से टिकट लिया है तो आपको कैंसिलेशन के लिए विंडो पर ही जाना होगा। इसमें किलोमीटर और घंटे का गुणा-भाग किया जाता है।
खानपान और आपके अधिकार
- खाने का ऑर्डर दिए जाने से पहले आप वेंडर से मेन्यू (रेट लिस्ट) की मांग जरूर करें।
- खाने के पैसे देने से पहले वेंडर से बिल की मांग जरूर करें।
- कोई भी पैक्ड फूड आइटम लेने से पहले उसकी एक्सपायरी डेट जरूर चेक करें।
- रेलवे स्टेशनों पर रेस्तरां व ट्रेन में कोई भी शिकायत होने पर 'कंप्लेंट बुक' में जरूर दर्ज करें। रेस्तरां में मैनेजर/इंचार्ज व ट्रेन में पैंट्री कार मैनेजर के पास कंप्लेंट बुक होती है।
- ट्रेन व प्लैटफॉर्म पर सामान बेचने वाले सभी वेंडर्स के लिए यूनिफॉर्म पहनना और उस पर नेम प्लेट (बैज) लगाना जरूरी है।
- ट्रेन या स्टेशन पर बिना लाइसेंसधारी वेंडर सामान नहीं बेच सकते। इन्हें रोकना व उन पर कार्रवाई करना आईआरसीटीसी का काम है।
- सभी कॉन्ट्रैक्टरों व उनके स्टाफ को निर्देश व ट्रेनिंग देना आईआरसीटीसी की जिम्मेदारी है। वेंडर्स को पैसिंजरों के साथ नरमी से पेश आना चाहिए।
- ट्रेन के डिब्बों में खाने-पीने के सामान की रेट लिस्ट होनी चाहिए।
- ट्रेन में होने वाली ओवरचार्जिं, क्वॉलिटी व क्वांटिटी चेक करना आईआरसीटीसी की जिम्मेदारी है।
- वेंडर की ट्रे-प्लेट के मैट व मेन्यू कार्ड पर आईआरसीटीसी के शिकायत केंद्र का नंबर छपा होना चाहिए।
- आप चिकन आर्डर करते हैं तो उसमें गर्दन व विंग पीस नहीं होने चाहिए।
- फूड आइटम्स में दाल, मसाले, चावल, ब्रेड व बन सभी ग्रेड 'ए' कंपनियों के इस्तेमाल होने चाहिए।
- बिस्कुट, नमकीन, केक, आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक, चिप्स सभी ब्रैंडेड कंपनी की होनी चाहिए।
- फूड आइटम्स के साथ अच्छी क्वॉलिटी की पेपर प्लेट, चम्मच व टिश्यू पेपर भी होना चाहिए।
- बिस्कुट, केक, चिप्स, नमकीन, कोल्ड ड्रिंक, आइसक्रीम जैसी सभी चीजें अधिकतम मूल्य (एमआरपी) पर ही बेची जा सकती हैं। इससे ज्यादा दाम नहीं वसूल सकते।
इसके लिए दो चीजें जरूरी हैं :
- आपके मोबाइल में इंटरनेट कनेक्शन होना चाहिए।
- कम्प्यूटर के जरिए irctc.co.in साइट पर आपका रजिस्टेशन हो चुका हो यानी आपके पास यूजर आईडी और पासवर्ड हो। टिकट रिजर्वेशन कराने के लिए अब इंटरनेट के जरिए आप irctc.co.in/mobile सर्च करें। नई व्यवस्था के मुताबिक, आपकी स्क्रीन पर इंटरनेट बुकिंग का पेज खुल जाएगा। यहां से आप टिकट रिजर्व कराने के साथ ही उसे कैंसल भी करा सकते हैं। आप इस पर बुकिंग हिस्ट्री भी चेक कर सकते हैं। अब मोबाइल स्क्रीन पर ढेर सारे फीचर वाला पेज नहीं खुलता। यानी इसे अब मोबाइल फ्रेंडली कर दिया गया है।
यह चौबीसों घंटे की विजिलेंस हेल्पलाइन है और आप इस नंबर पर रेलवे से संबंधित किसी भी तरह के करप्शन की शिकायत कर सकते हैं। इतना ख्याल रखें कि इस नंबर पर आम शिकायत दर्ज न कराएं।
तत्काल के नियम
- तत्काल टिकट के नए नियमों के मुताबिक, बेसिक फेयर का 10 फीसदी सेकंड क्लास पर और दूसरे क्लास के लिए बेसिक फेयर का 30 फीसदी देना होगा। इसमें न्यूनतम और अधिकतम का फंडा भी है।
- तत्काल टिकट की बुकिंग ट्रेन खुलने के एक दिन पहले से होती है। अगर आपकी ट्रेन 10 जनवरी की है तो उस ट्रेन के लिए तत्काल की सीटें 9 जनवरी को सुबह 8 बजे से बुकिंग के लिए उपलब्ध होंगी।
- तत्काल टिकट खो जाने पर आमतौर पर डुप्लिकेट टिकट इश्यू नहीं किया जाता। कुछ खास स्थितियों में तत्काल चार्ज समेत टोटल फेयर पे करने पर डुप्लिकेट टिकट इश्यू किया जा सकता है।
- तत्काल टिकट टिकट विंडो से लेने के लिए आठ वैलिड आइडेंटिटी प्रूफ में से एक दिखाना होगा। ये हैं - पैन कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आई कार्ड, फोटो वाला क्रेडिट कार्ड, सरकारी निकायों का फोटो आई कार्ड, मान्यता प्राप्त स्कूल कॉलेजों का आई कार्ड। इसके साथ ही रिजर्वेशन स्लिप के साथ आपको एक सेल्फ अटेस्टेड आइडेंटिटी कार्ड की फोटो कॉपी भी विंडो पर देनी होगी।
- ऑनलाइन तत्काल टिकट बुक कराने के लिए भी आपको अपने पहचान पत्र की डिटेल देनी होंगी। इसकी डिटेल आपके टिकट पर भी आएंगी और प्लैटफॉर्म और बोगी पर लगने वाले चार्ट पर भी। आपको यह पहचान पत्र लेकर यात्रा करनी होगी।
- तत्काल के तहत सिर्फ चार लोगों का रिजर्वेशन एक पीएनआर नंबर पर हो सकता है।
- तत्काल टिकटों की वापसी पर रिफंड नहीं मिलता।
- लेकिन कुछ स्थितियों में फुल रिफंड की व्यवस्था भी है। ये हैं :
- ट्रेन जहां से खुलती है, अगर वहां से तीन घंटे से ज्यादा लेट हो।
- ट्रेन रूट बदलकर चल रही हो और पैसेंजर उसमें यात्रा करना नहीं चाहता।
- अगर ट्रेन रूट बदलकर चल रही हो और बोर्डिंग और पैसेंजर के डेस्टिनेशन स्टेशन उस रूट पर नहीं आ रहे हों।
- अगर रेलवे पैसेंजर को उसके रिजर्वेशन वाली क्लास में यात्रा करा पाने में असमर्थ हो।
- अगर रिजर्व ग्रेड से लोअर कैटिगरी में सीटें रेलवे उपलब्ध करा रहा हो लेकिन पैसेंजर उस क्लास में यात्रा करना नहीं चाहता। अगर पैसेंजर लोअर क्लास में सफर कर भी लेता है तो रेलवे को उस पैसेंजर को किराए और तत्काल चार्ज के अंतर के बराबर रकम लौटानी होगी।
- फर्स्ट क्लास एसी या सामान्य फर्स्ट क्लास में आप बुक कराकर अपने डॉगी को ले जा सकते हैं।
- फर्स्ट क्लास के अलावा किसी भी क्लास में डॉगी ले जाना मना है, लेकिन आप उसे डॉग बॉक्स में बुक करा सकते हैं। डॉग बॉक्स ब्रेक वैन में होते हैं।
- डॉगी की बुकिंग पार्सल ऑफिस से करानी पड़ती है।
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