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जल्दी परेशान हो जाती हूं

मेरी उम्र 25 साल है और उम्र के हिसाब से मैं बहुत सेंसिटिव हूं। थोड़ा-सा भी बुरा व्यवहार मुझे बहुत परेशान कर देता है। तब मैं बहुत ज्यादा नेगेटिव सोचती हूं। घर पर रहने तक तो सब ठीक था, लेकिन इस वजह से मुझे प्रफेशनल लाइफ में दिक्कत हो रही है। इन बातों को मैं घर पर भी डिस्कस नहीं कर पा रही हूं। प्लीज, मुझे बताएं कि मैं अपने इमोशंस कैसे कंट्रोल में करूं? 
विम्मी 

अभी तक आप अपने पैरंट्स के सुरक्षा घेरे में थीं और आपके सामने कोई दिक्कत नहीं थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है और यही आपकी चिंता की वजह है। दरअसल, आपने अभी तक खुद के भरोसे जीना नहीं सीखा और न ही आपको अपने फैसले लेना आया। इस बात को समझें कि अब आप बड़ी हो चुकी हैं और अपनी इस राह पर आप हमेशा पैरंट्स या किसी और की उंगली पकड़कर नहीं चल सकतीं। एक बार आप यह सीख जाएंगी, तो दूसरों की बातें आपको ज्यादा परेशान नहीं करेंगी। हालांकि शुरुआत में आपको कुछ दिक्कत आएगी, लेकिन कड़ी मेहनत और निश्चय से आप अपनी यह लड़ाई जरूर जीत लेंगी। 

मैंने देखा है कि मेरी पांच साल की बेटी अजनबी लोगों के साथ असहज रहती है। बड़ी उम्र के लोगों की बात छोड़िए, वह हमउम्र बच्चों से भी पूरी तरह घुलमिल नहीं पाती है। इस वजह से वह स्कूल में भी अकेली पड़ जाती है। हालांकि वह पढ़ाई में कमजोर नहीं है और उसके रिजल्ट्स बहुत अच्छे आ रहे हैं। 
सुमन 

आपको यह पता लगाना पड़ेगा कि अजनबियों के प्रति उसके मन में डर कब और कैसे बैठा। इसे जल्द से जल्द दूर करना पड़ेगा। वरना उसका यह व्यवहार उसकी पर्सनैलिटी ग्रोथ को कम कर सकता है। इस सिचुएशन को आप हल्के तौर पर न लें। आप चाहें, तो प्रफेशनल हेल्प भी ले सकती हैं। बच्चे पर जबर्दस्ती न करें और उसे प्यार व विश्वास के साथ लोगों से बात करने के लिए प्रोत्साहित करें। उसे छोटी-छोटी बातों के लिए टोके नहीं। इस तरह उसमें हीन भावना भर सकती है। साथ ही, आप उसे विश्वास दिलाएं कि सभी उसे पसंद करते हैं और उसे सभी से खुलकर बात करनी चाहिए। इस बात का भी ध्यान रखें कि आप उसके लिए ओवरप्रोटेक्टिव न हों और न ही उसके प्रति लापरवाह रहें। यानी उसे बढ़ने के लिए अच्छा माहौल दें और अपने पति से भी इस बात का ध्यान रखने के लिए कहें। 

डॉ. संजय चुग से पूछने के लिए अपने सवाल आप इस पते पर भेज सकते हैं, 
डायरेक्ट दिल से, 
हैलो डेल्ही, 
नवभारत टाइम्स, 
सेकंड फ्लोर, 9-10 बहादुर शाह जफर मार्ग, 
नई दिल्ली-02.

यंग करियर वुमन और बच्चा

नौकरी और करियर की आपाधापी में महिलाओं में जल्दी मां बनने की ख्वाहिश कहीं दब सी गई है। यही वजह है कि अब वर्किंग वुमन 30 के बाद ही मां बनने के बारे में सोच पाती हैं। लेकिन हालिया रिसर्च की मानें, तो ज्यादा उम्र मां बनने की राह को मुश्किल बना देती है। 

अगर आप यंग करियर वुमन हैं और बच्चा जल्दी प्लान नहीं करना चाहतीं, तो यह रिपोर्ट आपके लिए ही है। जी हां, सेंट एंड्रयूज और एडिगबर्ग युनिवर्सिटी के मेडिकल साइंटिस्ट्स की टीम की एक रिसर्च के मुताबिक, 30 साल में कदम रखते-रखते महिलाएं अपने 90 प्रतिशत एग सेल्स खो चुकी होती हैं, यानी बेबी और वह भी हेल्दी बेबी की संभावनाएं उम्र बढ़ने के लिए साथ-साथ घटती रहती हैं। 

नानी-दादी कहती हैं न कि पहला बच्चा जल्दी से जल्दी हो, तो वे सही कहती हैं। अब वैज्ञानिक भी कहने लगे हैं कि 30 साल के बाद प्रेग्नेंट होना मुश्किल है। ऐसा क्यों? जवाब में वैज्ञानिकों का कहना है कि 30 साल में कदम रखते न रखते महिलाएं अपने 90 प्रतिशत एग सेल्स खो चुकी होती हैं। हालांकि ओवम प्रॉडक्शन की क्षमता 40 वर्ष की उम्र तक बनी रहती है, लेकिन एग रिजर्व लगातार सिकुड़ता रहता है। 

सेंट एंड्रयूज और एडिगबर्ग युनिवर्सिटी के मेडिकल साइंटिस्ट की टीम द्वारा की गई इस स्टडी के मुताबिक, 95 प्रतिशत महिलाएं 30 का आंकड़ा छूने से पहले ओवेरियन रिजर्व का 88 प्रतिशत खो चुकी होती हैं। इसके बाद एग की क्वॉलिटी खराब होती जाती है और हेल्दी बेबी होने की संभावना भी कम होती जाती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि नेचर एग रिजर्व में से बेस्ट सेल्स को ही ओवा के तौर पर सिलेक्ट करती है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, बेस्ट सेल की उपलब्धता भी कम होती जाती है। 

जाहिर है, इस रिपोर्ट ने पश्चिमी देशों में सनसनी फैला दी है। भारत में भी, जहां अब महिलाएं करियर की वजह से शादी और प्रेग्नेंसी में जल्दबाजी नहीं कर रहीं, इसकी चर्चा होने लगी है। 

बॉम्बे हॉस्पिटल की सीनियर गाइनकॉलजिस्ट डॉ. संगीता अग्रवाल कहती हैं, '21 से 30 साल के बीच प्रेग्नेंसी सबसे अच्छी मानी जाती है। लेकिन अगर कोई दिक्कत है, तो 35 तक भी प्लान किया जा सकता है। इसके बाद की प्रेग्नेंसी जटिल मानी जाती है। महिला को बीपी, डाइबिटीज की समस्या हो सकती है और स्वस्थ बच्चे की संभावना कम हो जाती है।' 

गाइनकॉलजिस्ट्स के मुताबिक, अगर आप 20 साल की हैं, तो एक साल के भीतर प्रेग्नेंट होने के चांस 87 प्रतिशत हैं और अगर 30 वर्ष या उससे अधिक हैं, तो यह चांस घटकर 52 प्रतिशत रह जाता है। लेकिन प्रेग्नेंसी एक बात है और हेल्दी बेबी होना दूसरी। इस बारे में इनफटिर्लिटी स्पेशलिस्ट डॉ नंदिता पल्शेत्कर कहती हैं, 'दुनिया भर के गाइनकॉलजिस्ट्स मानते हैं कि अगर स्वस्थ बच्चा चाहिए तो 30 से पहले प्लान करें। फिर भी 30 के बाद की स्थिति में भी पैनिक की जरूरत नहीं है।' 

वैसे आप किन्हीं वजहों से देर में बेबी प्लान कर रही हैं, तो आपकी मदद के लिए साइंस हाजिर है। एक लॉ आउटसोर्सिंग फर्म में काम कर रही 29 साल की एडवोकेट मीनल शाह को ही लीजिए। मीनल कहती हैं, 'मुझे पता है बाद में दिक्कत आएगी, लेकिन अभी मैं करियर को ज्यादा वक्त देना चाहती हूं। ऐसे में अपनी एक दोस्त की सलाह पर पिछले महीने मैंने एक हॉस्पिटल में अपना ओवम सुरक्षित करवाया। अब चार साल तक मैं बेफिक्र हूं। अगले दस सालों में जब चाहे मैं मां बन सकती हूं और मेरा बच्चा भी हेल्दी होगा।' 

ऐसा माना जाता है कि फ्रोजन ओवा की उम्र वही रहती है, जो फ्रीज करते वक्त महिला की थी। हालांकि इसकी सफलता दर 60-70 प्रतिशत ही है, लेकिन युवा महिलाओं के बीच इसको लेकर खासी सुगबुगाहट है। कुछ महिलाओं के लिए देर से मां बनना मजबूरी भी हो सकती है। ब्रेस्ट कैंसर के लिए कीमोथेरेपी ले रही 32 साल की वरुणा कमल को इसीलिए ओवम बैंक का सहारा लेना पड़ा। गौरतलब है कि कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी के दौरान ओवरी डैमेज हो जाती हैं। इसलिए डॉक्टर ऐसी महिलाओं को ओवम सुरक्षित रखने की सलाह देते हैं, ताकि जब वे कैंसर से मुक्त हो जाएं, तब दोबारा मां बन सकें।

क्या अब तक आपकी शादी नहीं हुई?

विवाह एक ऐसा अवसर है जिसका इंतजार सभी कुंवारों को बड़ी बेसब्री से होता हैं। कहते हैं जोडिय़ां भगवान बनाता है और हर व्यक्ति की जोड़ी किसी ना किसी के साथ जरूर बनी होती है। बस उनके मिलने का समय दूसरों से अलग होता है। किसी की शादी समय पर हो जाता है तो किसी के विवाह में विलंब होता है। 
यदि आप की शादी नहीं हुई है और आप भी अपने विवाह को लेकर चिंतित हैं तो यहां कुछ अचूक उपाय बताए जा रहे हैं, जिन्हें अपनाने पर निश्चित ही आपके जीवन साथी की तलाश पूरी हो जाएगी और आपका विवाह बहुत जल्द हो जाएगा:
  • शुक्र विवाह के लिए कारक ग्रह माना गया है। अत: शुक्र के लिए विशेष पूजा कराएं।
  • अविवाहित लड़कियां बाएं हाथ की अनामिका में व अविवाहित लड़के दाएं हाथ की अनामिका में माणिक्य रत्न के साथ एक्कामेरीन रत्न की अंगूठी धारण करें।
  • चार मुखी रुद्राक्ष सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में विशष पूजा-अर्चना करके धारण करें।
  • सोने की अंगूठी में पुखराज रत्न तर्जनी में धारण करें। लड़के दाएं हाथ एवं लड़कियां बाएं हाथ में धारण करें।
  • कामना पूर्ति यंत्र धारण करें।

..तो लक्ष्मी दौड़ी आएगी आपके घर

  • लक्ष्मी सबसे ज्यादा चंचल होती है। वह कभी एक जगह ज्यादा देर नहीं टिकतीं। हर किसी की तमन्ना होती है कि उसके घर में लक्ष्मी का चिरनिवास हो। हमेशा लक्ष्मी उन पर प्रसन्न रहे। 
  • क्या कारण है कि हमारे घर में लक्ष्मी ज्यादा नहीं टिकती, ऐसे कौन से उपाय हैं जिसके जरिए हम लक्ष्मी को हमेशा के लिए अपने घर में स्थापित कर सकते हैं। हम जीवन में कई छोटी-छोटी भूलें कर बैठते हैं जिससे लक्ष्मी हमसे रूठ जाती है लेकिन हम समझ नहीं पाते। 
  • वे कौन सी बातें हैं जिनसे लक्ष्मी प्रसन्न हो सकती हैं। 
  • घर में कभी झगड़ा न हो। भाई-बहनों, जीवन साथी, माता-पिता और गुरुजनों का हमेशा सम्मान करें। स्नेह बनाए रखें। घर का माहौल जितना हंसीखुशी वाला होगा, लक्ष्मी उतनी ज्यादा प्रसन्न होंगी। 
  • हमेशा सफाई रखें। अपने तन की, घर की, कार्यालय की और दुकान की। गंदगी वाली जगह कभी लक्ष्मी नहीं आती है। 
  • कर्तव्य पूरा करें। आपके जो भी कर्तव्य हैं, घर के प्रति, समाज के प्रति, देश के प्रति और खुद के प्रति, सबको पूरी निष्ठा से निभाएं। कर्तव्यहीन से लक्ष्मी कभी खुश नहीं होती है।
  • सम्मान दें। हर मिलने-जुलने वाले, परिचितों, रिश्तेदारों और मित्रों को पूरा सम्मान दें।
  • नारी का अपमान न करें। कभी अपने घर या दफ्तर में किसी महिला का अपमान न करें। 
  • रात को जल्दी सोएं, सुबह जल्दी उठें। 
  • सूर्य को अघ्र्य दें, तुलसी को जल चढ़ाएं। 
  • घर में जब खाना बने तो पहली रोटी गाय के लिए और आखिरी रोटी कुत्ते के लिए अवश्य निकालें। 
  • आपके घर जब भी कोई बच्च या वृद्ध भिखारी आए उसे खाली हाथ न लौटाएं।

प्रश्न पुकारते हैं

कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है, के अजीब मायने निकाल लिए हैं, आज की पीढ़ी ने। रेत पाने के लिए नदी तक गंवाने को तत्पर हैं हम। युवाओं की विजय का दौर है और इन नए विजेताओं ने मूल्यों की व्याख्या बदल दी है। समाज और संस्कार हाथ बांधे खड़े हैं फिर भी विजय के अट्टहास सुनाई नहीं देते। प्रश्नों की पुकार अब भी कायम है। क्यों? एक पड़ताल।


प्रश्न- १
मैं एक शादीशुदा महिला हूं और जॉब करती थी। निजी कारणों से मुझे यह जॉब छोड़नी पड़ी। जॉब के दौरान मेरा एक लड़के से अफेयर हो गया। हम ऑफिस के बाद अक्सर मिलते थे। दो-तीन बार तो हमारे बीच अंतरंग सम्बंध भी स्थापित हुए, लेकिन इस बीच मैंने जॉब छोड़ दिया। वह लड़का आज भी मुझे सम्बंध स्थापित करने के लिए मजबूर करता है, जिससे अब मैं तंग आ चुकी हूं। मेरे और लड़के के बीच के सम्बंध से मेरे पति अनभिज्ञ हैं। अब लगता है उन्हें बता दूं। लेकिन उसके बाद उनकी प्रतिक्रिया क्या होगी, इसे लेकर डर बना हुआ है। मैं क्या करूं ?
—संगीता* x पंचकूला हरियाणा


प्रश्न- २
मेरी उम्र 21 वर्ष है और मैं एक 40 वर्षीय शादीशुदा व्यक्ति से प्रेम करती हूं। उनकी पत्नी और दो बच्चे हैं व उनसे मेरा पारिवारिक रिश्ता भी है। वह मेरी चाची के मामा हैं और उनका मेरे घर आना-जाना लगा रहता है। इस बीच मैं उन्हें मन ही मन पसंद करने लगी और परिणामस्वरूप उनसे शारीरिक सम्बंध भी स्थापित किए। वह मुझे अपनी पत्नी मानते हैं और पिछले तीन सालों से हमारे बीच सम्पर्क बना हुआ है। लेकिन अब मेरे और उनके परिवार वालों को हमारे सम्बंधों की जानकारी मिल चुकी है। मेरे पिता ने मेरी चाची का उनके मामा के यहां जाना-आना बंद करवा दिया है और जल्द से जल्द मेरी शादी करना चाहते हैं। लेकिन उन्हीं से शादी करना चाहती हूं। क्या करूं, उलझन में हूं। 
—मंदिरा* x जैसलमेर राजस्थान


प्रश्न-३
मैं अभी 11वीं कक्षा में अध्ययनरत हूं। एक प्रतिष्ठित परिवार की लड़की होने के बावजूद पिछले साल एक गरीब परिवार के लड़के से प्यार कर बैठी। हमारे बीच कई बार अंतरंग सम्बंध भी स्थापित हो चुके हैं। इस बात का पता मेरे छोटे भाई को चल चुका है, लेकिन बड़े भाई जो दूसरे शहर में नौकरी करते हैं, उन्हें पता चलने पर मेरी शादी तुरंत करा दी जाएगी, जो मैं नहीं चाहती। मैं उसी लड़के के साथ जीवन बिताना चाहती हूं और किसी भी शर्त पर उसे छोड़ना नहीं चाहती।
—सोनम* x भरतपुर राजस्थान


युवाओं की तादाद ज्यादा है
  • आज देश में युवा जनसंख्या का प्रतिशत 50 फीसदी से भी ज्यादा है। इनकी सोच पर बाहरी हवाओं का असर जल्दी पड़ना कोई आश्चर्य की बात नहीं और युवाओं का विद्रोह भी कोई नया नहीं है। लेकिन मर्यादाओं और संस्कारों की कोई बात ही न हो, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। 
  • क्या पहले कोई युवा नहीं हुआ, विद्रोह का परचम क्या पहले कभी किसी के हाथ न चढ़ा? लेकिन मूल्यों की ज़मीन से पैर कभी नहीं उखड़े थे पहले। विद्रोह सिर उठाता था, पर बड़ों के सामने आवाज़ ऊंची करके नहीं। 
  • सोच आगे चली जाती थी, वहां जहां पुरानी सोच वाले नहीं पहुंच पाते थे, लेकिन मर्यादाओं पर ऐसी आंच नहीं आई थी पहले। प्रगति ऊंचाइयों की तरफ बढ़ने को कहती है, लेकिन रसातल की तरफ बढ़ना, प्रगति नहीं कही जा सकती। 

क्यों आ रहा है बदलाव?
  • सब चल सकता है-वाली सोच अब आम है। युवाओं के माता-पिता खुद एक सांस्कृतिक उलझन में पड़े हैं। किसे मानें, कितना मानें? मीडिया का प्रभाव एक बहुत बड़ा घटक है। 
  • एक छोटी-सी खिड़की, जो हम सबके ड्रॉइंगरूम में मौजूद है, वह दुनिया भर का खुलापन, बेबाकी और व्यक्तिवादी सोच को सामने रख ही रही है। फिल्में तो पहले भी थीं, पर अब टीवी और फैशन की दुनिया भी है, जहां लोकप्रियता के मायने किसी भी अन्य गुण से ज्यादा हैं। 
  • कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है, के अजीब मायने निकाल लिए हैं, आज की पीढ़ी ने। रेत पाने के लिए नदी तक गंवाने को तत्पर हैं हम।

समता की मांग
  • एक पक्ष यह भी है इसका कि पहले घर में लड़के-लड़कियों के बीच जो भेदभाव बरता जाता था, वो लड़कियां स्वीकार कर लेती थीं। लेकिन अब उन्हें इससे इंकार है। भाई को मिली हर तरह की आज़ादी अब उनकी भी मांग है।
  • विवाह पूर्व सम्बंधों के बारे में जब युवतियों से बातचीत की गई, तो उनका कहना था- क्या लड़के शादी से पहले ऐसा कोई कदम नहीं उठाते? फिर सारी उम्मीदें और बंदिशें लड़कियों पर ही क्यों?

सहारे की तलाश
  • छोटी उम्र की लड़कियों में यह एक कारण माना जा सकता है कि घर में अगर भाई या पिता थोड़े से भी कट्टर या स़ख्त मिजाज़ होते हैं, तो लड़कियां सहारे तलाशने के लिए बाहर की ओर प्रवृत्त होती हैं।
  • बाहर पुरुष उनकी कमज़ोरियों का फायदा उठाने से बाज़ नहीं आते।

कैसे रोकें इस तूफान को?
  • मूल्यों की नए सिरे से व्याख्या करनी होगी। उन्हें आज के माहौल में फिर से स्थापित और परिभाषित करना होगा। लड़कियों और लड़कों के लिए समान मूल्य तय करने होंगे। जो लड़कों के लिए गलत है, वही लड़कियों के लिए भी हो। संस्कारों की ज़िम्मेदारियां दोनों मिलकर लें।
  • संस्कृति को एक मज़बूत आधार एक बार फिर देना होगा। सही-गलत की पहचान में आज और कल दोनों को भविष्य की रोशनी में खड़ा होना होगा, तभी नई राह मिलेगी।
........... डॉ. मनीषा मैराल

एसी का नहीं रखेंगे ध्यान, तो रहेंगे परेशान

एसी या कूलर के बिना गर्मियां बिताने के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता, लेकिन हर साल इनके पार्ट्स बदलवाने से अच्छा है कि समय-समय पर इनकी देखभाल की ओर ध्यान दिया जाए। 


गर्मिंयां शुरू होते ही घर में एयर कंडिशनर और कूलर की जरूरत बढ़ने लगती है। फिर मई-जून महीने में चिलचिलाती धूप और भीषण गर्मी में तो इनके बिना रह की तो कल्पना भी नहीं की जा सकती। एसी और कूलर ऐसे घरेलू उपकरण हैं, जिनकी जरूरत इस मौसम में ही महसूस होती है, लेकिन हर साल इनकी रिपेयरिंग से अच्छा है कि इनकी मेनटिनेंस पर ध्यान दिया जाए। आपका एसी या कूलर गर्मी शुरू होने पर अच्छी स्थिति में मिले और पूरे सीजन ठीक से काम करे, इसके लिए जरूरी है कि इनकी रेगुलर मेनटिनेंस की जाए। 

एसी की मेनटिनेंस 

नोएडा के एयर कंडिशनर मकैनिक मनोज शर्मा बताते हैं कि एयर कंडिशनर को मेनटेन रखकर सालों-साल उसका उपयोग किया जा सकता है। एसी को मेनटेन रखने के लिए इस पर बहुत ज्यादा टाइम देने की जरूरत भी नहीं है। बस थोड़ी-सी बातों पर गौर करके आप अपने एसी की लाइफ को आसानी से बढ़ा सकते हैं। इनमें से कुछ ध्यान रखने वाली बातें हैं: 

  • काम पर जाने या कमरे से देर तक बाहर रहने की स्थिति में एसी को बंद करके जाएं। इससे यूनिट के पंखे को आराम का मौका मिलेगा। बिजली की बचत भी होगी। 
  • विंडो एसी लगवाते समय इस बात का ख्याल रखें कि इस पर सूरज की रोशनी सीधे न पड़े। उत्तर या दक्षिण दिशा की दीवारों पर एसी फिट करवाना ज्यादा बेहतर रहता है, क्योंकि इन पर सूरज की रोशनी सीधी नहीं पड़ती। 
  • एसी चारों तरफ से पूरी तरह से सील होना चाहिए, जिससे गर्म हवा बाहर और ठंडी अंदर रहे। 
  • सर्दियों में एसी की विंडो यूनिट हटा दें। अगर यह संभव न हो, तो इसे सर्दी से बचाने के लिए ढककर रखें। 
  • एसी यूनिट के फिल्टर को समय-समय पर साफ करते रहें। इसके लिए एसी के प्लग को निकालकर इसके कवर को अलग करें। फिल्टर फ्रंट या बैक कवर से लगे हुए होते हैं। कभी-कभी यह कॉयल से जुड़ा हो सकता है। फिल्टर को निकालक र गर्म पानी और डिटर्जेंट से साफ करें। पूरी तरह सुखाकर ही इसे दोबारा लगाएं। फिल्टर के खराब होने की स्थिति में उसे बदल दें। 
  • कवर को भी साफ करें। इवॉपरेटर कॉयल को भी खाली करके साफ करें। ध्यान रखें कि ऐल्युमिनियम के बने हुए कॉयल के पंख टेढ़े न हो जाएं। 
  • एसी के ड्रेनेज सिस्टम की सफाई के लिए सबसे पहले ड्रेन ट्यूब को एसी से अलग करें। अगर ड्रेन ट्यूब में कोई अवरोध है, तो इसके बीच से किसी तार को गुजारकर अवरोध दूर करें। ट्यूब में एक कप क्लोरीन ब्लीच डालकर ट्यूब की सफाई करें। 

कूलर की देखभाल 

अट्टा मार्केट में कूलर की मरम्मत और असेंबल्ड कूलर का निर्माण करने वाले जमालुद्दीन खान, कूलर को मेनटेन रखने के उपायों के बारे में ये बातें बताते हैं: 

  • कूलर को हर साल पेंट कराएं। पेंट कराने से कूलर की बॉडी सुरक्षित रहती है और इसमें जंग लगने का खतरा कम हो जाता है। 
  • सीजन में कूलर की घास को कम से एक बार जरूर बदल दें। अच्छी क्वॉलिटी की घास लगवाएं। 
  • कूलर में पंखे की ग्रीसिंग हर साल कराएं। 
  • अगर संभव हो, तो कूलर को खुले में न रखें। 
  • सर्दियों में कूलर को कवर से ढककर रखें।

दोस्ती का सुपर सिक्स !

मुसीबत के समय आप उसके कंधे पर सिर रखकर रो सकती हैं, तो गॉसिप सुनाकर वह आपको लाइफ का चटकारा भी देती है। बेशक लाइफ में फ्रेंड बहुत जरूरी हैं और हर लड़की की जिंदगी में छह खास तरह की फ्रेंड्स तो जरूर होनी चाहिए: 


कहा जाता है कि फ्रेंड्स असल में हमारे भाई-बहन ही होते हैं, जिन्हें भगवान हमारे घर भेज नहीं पाता। अगर किसी लड़की से पूछा जाए, तो वह इस बात से पूरी तरह सहमत होगी और इसी के साथ अपनी फ्रेंड्स के तमाम किस्से भी सुनाने लगेगी। वैसे, इन गर्लफ्रेंड्स की एक खासियत होती है कि इन सभी का अपनी एक अलग पर्सनैलिटी होती है।



दरअसल, उनमें कुछ ना कुछ ऐसी स्पेशलिटी जरूर होती है, जिसके सहारे आप खुद को उनसे जोड़ सकती हैं। फिर बात आपके सीक्रिट शेयर करने की हो या लड़कों के बारे में जानकारियां जुटाने की, ये बातें एक लंबी लिस्ट का हिस्सा हैं। अगर आप मन ही मन अपने फ्रेंड्स की स्पेशलिटी काउंट कर रही हैं, तो जान लें कि ये छह टाइप की स्पेशल फ्रेंड्स आपकी लाइफ में जरूर होनी चाहिए : 

जस्ट लाइक सिस्टर 

वह आपकी ऐसी दोस्त है, जो बहन का रोल भी निभाती है। इसलिए आपकी लाइफ में उसकी मौजूदगी बेहद जरूरी है। दरअसल, वह आपकी जरूरतों व सिचुएशन को कहे बिना समझ जाती है। इसलिए उसके सामने आपको बहुत ज्यादा एक्सप्रेसिव होने की जरूरत नहीं पड़ती। चाहे दिन हो या रात, वह आपसे सिर्फ एक फोन कॉल की दूरी पर होती है। आप उससे अपने तमाम सीक्रेट बिना डरे शेयर करती हैं, क्योंकि आपको पता है कि वह उन्हें कभी किसी से नहीं कहेगी। जब आप किसी परेशानी में फंस जाती है और कोई रास्ता नजर नहीं आता, तो आपको उसी में उम्मीद की किरण नजर आती है।

गॉसिप गर्ल 

वह आपको आपके आसपास चल रहे तमाम गॉसिप्स के बारे में बताती रहती है। किसका किससे अफेयर है, किनका ब्रेकअप हो गया है से लेकर डेटिंग के लिए कौन खाली है, ऑफिस, जिम, नेटवर्किंग साइट, मूवी स्टार्स वगैरह तक की तमाम गॉसिप्स उसके पास होती हैं। खास बात यह है कि वह बिना किसी लागलपेट के यह बात आपको बताती है। हो सकता है कि मुंह पर कोई बात कह देना या उसका जरूरत से ज्यादा ईमानदार होना आपको चिढ़ा दे, लेकिन आपको पता होना चाहिए कि अपनी इन बातों के लिए वह सिर्फ आपको ही ढूंढती है। 

नंबर्स की जादूगर 

भले ही आपको यह बात बुरी लगे, लेकिन यह सच है कि तमाम महिलाओं को हिसाब-किताब से डर लगता है। तभी खुद जूझने की बजाय वे हिसाब-किताब का सारा काम पति, पापा, भाई या सीए पर छोड़ देती हैं। ऐसे में जब कभी आपको इनके बिना सैलरी का हिसाब लगाना होता है, लोन स्टेटमेंट समझनी होती है, इंश्योरेंस स्कीम पर दिमाग लगाना होता या टैक्स से बचने के लिए इंवेस्टमेंट करनी हो, तो इन तमाम बातों को समझने वाली आपकी दोस्त आपके बहुत काम आती है। 

लड़कों वाली बात 

इस तरह की फ्रेंड हर लड़की की जरूरत होती है। दरअसल, उसे लड़कों की खास मानी जाने वाली चीजों मसलन बाइक, स्पोर्ट्स और गिज्मोज के बारे में काफी जानकारी होती है। वह आपको न सिर्फ लेटेस्ट गैजट्स के बारे में बताती है, बल्कि नए फोन के छिपे फंक्शंस जानने में भी मदद करती है। वह आपको स्पोर्ट्स र्वल्ड से अपडेट रखती है, तो कारों व बाइक को लेकर भी उसकी नॉलेज लाजवाब होती है। उसकी बड़ी खासियत यह होती है कि वह रिलेशनशिप में आपको पुरुषों की साइड अच्छी तरह से आपके सामने रख देती है। 

फूड मास्टर 

हरेक लड़की को एक ऐसी फ्रेंड की जरूरत होती है, जो नए-नए टेस्ट ट्राई करने में उसका साथ दे। आप उसे अपनी पसंद का नाम बताइए और वह आपको उस जगह का नाम बता देगी, जहां आप उसका बेहतरीन टेस्ट ले सकती हैं। यही नहीं, वह आपके साथ उस जगह जाकर सब ट्राई करना भी पसंद करेगी और इस दौरान वह खुद को या आपको कैलरीज की टेंशन भी नहीं देगी। उसे पता है कि कौन से रेस्तरां में सबसे सस्ता खाना मिलता है और आपके टेस्ट की डिशेज कौन से रेस्तरां में मिलेंगी। अगर आप उससे रेस्तरां, डिस्को, पब या फिर ढाबे के बारे में भी पूछेंगी, तो भी वह आपको बिल्कुल सही लोकेशन बता देगी। 

एक्सरसाइज पार्टनर 

वर्कआउट फ्रेंड हर लड़की के लिए जरूरी है। दरअसल, आपकी वर्कआउट पार्टनर ही आपको एक्स्ट्रा एक्सरसाइज करवाकर कैलरीज बर्न करने के लिए इंस्पायर करेगी। जब आप थक जाएंगी, तो भी वह आपको थोड़े और क्रंच या रनिंग के लिए कहेगी। हो सकता है कि इस मामले में वह टफ टास्क मास्टर साबित हो, लेकिन इसके रिजल्ट अपनी बॉडी पर देखने के बाद आप उसे थैंक्स कहने से नहीं चूकेंगी।

सच का सामना

नेटवर्किंग साइट्स यंगस्टर्स की लाइफ में बहुत इंपोर्टेंस रखने लगी हैं और वे दोस्ती से लेकर प्यार तक सब यहीं ढूंढते हैं। हालांकि अपने अच्छे इम्प्रेसन के लिए आपको इस दौरान कुछ बातों को ध्यान में रखकर चलने की जरूरत है: 


वर्चुअल वर्ल्ड में यूथ की मौजूदगी बहुत ज्यादा है। इनके जरिए दोस्त बनने वाले यंगस्टर्स की भी कमी नहीं है, तो डेटिंग पार्टनर ढूंढने वालों की भी। इस सीन को देखते हुए बेशक कहा जा सकता है 


कि सोशल नेटवर्किंग साइट्स आजकल लव गेम की प्ले ग्राउंड हो गई हैं। वैसे, हर गेम के अपने रूल होते हैं और प्यार का यह नया मैदान भी इससे अछूता नहीं है। अगर आप इसमें खुलकर खेलना चाहते हैं और यह ख्वाहिश भी रखते हैं कि आप अपनी आइडेंटिटी के साथ सभी के सामने आएं, तो आपको कुद अलग करना होगा। तभी इस गेम में आप दूसरों से आगे निकल पाएंगे। 

जल्दबाजी से बचें 

माना कि आपको अपने सपनों का राजकुमार या राजकुमारी मिल गई है और आप उसके करीब जाने के लिए बेताब हैं, लेकिन जरा संभलकर! आपके दिल में शादी के लड्डू फूटने के बावजूद उसे यह अहसास नहीं होना चाहिए कि आप उससे शादी के सपने देखने लगे हैं। नए फ्रेंड से मिलने के एक-दो दिन बाद उसे कैजुअल फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजिए। लेकिन उसे यह शो न होने दें कि आप उसका प्रोफाइल पहले देख चुके हैं और उसकी फोटो गैलरी भी खंगाल चुके हैं। वरना उसे लगेगा कि आप उसमें कुछ ज्यादा ही इंटरेस्ट ले रहे हैं। 

हौले-हौले 

यह सही है कि नेटवर्किंग साइट्स आपको फ्रेंड्स के टच में रहने का मौका देती हैं, लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं होना चाहिए कि आप अपना सारा टाइम किसी और के प्रोफाइल को देखते हुए ही बिता दें। शुरुआत में आपको उन्हें बहुत ज्यादा मेसेज नहीं भेजने चाहिए। वरना आपका इंप्रेशन गलत पड़ेगा। उसे लगेगा कि आप उसे कुछ ज्यादा ही भाव दे रहे हैं। इसके बजाय दो-तीन दिन छोड़कर उनसे बात करें और अपने कदम धीरे-धीरे बढ़ाएं। 

सच का सामना 

आपको अपने नए फ्रेंड के सामने किसी भी तरह का झूठ बोलने से बचना चाहिए, वरना आप बड़ी परेशानी में फंस सकते हैं। मसलन अगर आप अडवेंचर स्पोर्ट्स पसंद नहीं करते, तो अपने प्रोफाइल को कूल दिखाने के लिए अडवेंचर स्पोर्ट्स को अपनी हॉबी में शामिल न करें। साथ ही, प्रोफाइल में आपके एक्स के साथ आपकी ज्यादा पिक्चर्स नहीं होनी चाहिए। 

आप खाली तो नहीं 

उसके ऑनलाइन होने पर चैट करना बहुत अच्छी बात है, लेकिन उससे बात करने का यह मतलब भी नहीं होना चाहिए कि आप पूरा दिन उसके ऑनलाइन होने का इंतजार करते रहें। चैट पर थोड़ी बहुत बात करने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन इसे रेग्युलर प्रैक्टिस में बनाने से बचें। वरना आप जिंदगी की दूसरी जरूरी बातों को इग्नोर कर देंगे। 

मैच्योर बनें  

ठीक है कि आपके अपने रेग्युलर फ्रेंड्स के साथ चैटिंग करते वक्त स्माइली का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। लेकिन किसी नए इंसान के साथ चैट करते हुए ऐसा करने से बचना चाहिए। वरना उन्हें यही लगेगा कि आप अभी भी बचपने से बाहर नहीं निकल पाए हैं।

इंटरनेट एडिक्शन

कुछ समय पहले मेरे करीबी दोस्त पढ़ाई के लिए बाहर चले गए थे, लेकिन मै यहीं रहा। दोस्तों से बात करने और नए दोस्त बनाने के लिए मैंने इंटरनेट पर वक्त बिताना शुरू कर दिया लेकिन अब इसकी इतनी आदत हो गई है कि इसका असर मेरी पर्सनल लाइफ पर पड़ने लगा है। सुबह उठते ही मुझे नेट ऑन करके किसी से चैट करने का मन करता है। क्या आप इस प्रॉब्लम को दूर करने में मेरी मदद कर सकते हैं, क्योंकि जब मैं किसी से चैट नहीं करता हूं, तो मुझे बहुत बेचैनी व अकेलापन महसूस होता है?


अंकित 

इंटरनेट एडिक्शन के अपने साइकॉलजिकल व इमोशनल साइड इफेक्ट्स हैं। पिछले कुछ समय में की गईं रिसर्च बताती हैं कि ज्यादा समय तक नेट पर रहने वाले लोगो को रीयल लाइफ प्रॉब्लम्स आती हैं। ऐसा खासतौर पर उनके साथ ज्यादा होता है, जो सेक्स को लेकर बात करते हैं। उन्हें नेट की इतनी आदत हो जाती है कि इसके बाद वह शादी, परिवार और काम पर ध्यान ही नहीं दे पाते। ऐसे में बेहतर यही रहेगा कि आप इस मुद्दे पर किसी काउंसिलर से बात करें। वह जरूरत के मुताबिक आपकी मदद करेगा। इसके अलावा, खुद को अपने इंटरेस्ट के कामों में बिजी रखने की कोशिश करें। अपना एक शेड्यूल बनाएं और उसके मुताबिक चलें। इस तरह आपको इस बात से बाहर आने में खासी मदद मिलेगी। 

अगर आपकी भी कोई परेशानी है, जिसे लेकर आप किसी से बात नहीं कर पा रहे हैं, तो हमें लिखें 

सलाह

लिव-इन रहना चाहते हैं
मेरे बॉयफ्रेंड की उम्र 17 साल है और मैं उससे एक साल छोटी हूं। हम दोनों एक-दूसरे से बहुत प्यार करते हैं और सही उम्र आने पर शादी करना चाहते हैं। लिव-इन के बारे में सुनने के बाद हम दोनों लिव-इन रहना चाहते हैं। हमें पता है कि इस बारे में सुनकर हमारे पैरंट्स बहुत नाराज होंगे, लेकिन इस बात को सीक्रिट रखने के हमारे पास बहुत सारे तरीके हैं। हम लोगों की प्लानिंग एक फ्लैट लेने की है और मैं एक दोस्त के तौर पर उससे मिलने वहां जा सकती हूं। पैसे की हमें कोई प्रॉब्लम नहीं है, लेकिन क्या यह सेफ प्लान रहेगा? 
एबीसी 



आप अपने रिश्ते में कुछ ज्यादा ही तेज भाग रहे हैं। लिव-इन भले ही आपको रोमांचक आइडिया लगे, लेकिन आप दोनों के बालिग न होने की वजह से आपके साथ-साथ आपके परिवार भी मुसीबत में फंस सकते हैं। फिर जो चीजें सोचने में आपको इतनी आसान लग रही हैं, वे इतनी आसान होंगी नहीं। फ्लैट खरीदने या किराए पर लेने में तमाम तरह का पेपर वर्क करना होगा, जिसमें आइडेंटिफिकेशन प्रूफ के साथ आपको दूसरी औपचारिकताएं भी पूरी करनी होंगी। ये भी आपके लिए बहुत मुश्किल होगा। इसलिए अपने रिलेशनशिप के मौजूदा दौर को एंजॉय करें। अपने दोस्त के साथ अच्छा वक्त गुजारें। इस तरह आप एक-दूसरे के बारे में काफी कुछ जान पाएंगे और तभी आपको यह भी पता लगेगा कि एक-दूसरे के साथ ज़िदगी बिताने का आपका फैसला कितना सही है।


रिअलिटी शो में जाना है 



मैं 15 साल की लड़की हूं और बहुत अच्छा गाती हूं। मैं कई सिंगिंग कॉम्पिटीशन भी जीत चुकी हूं और अब मैं रिअलिटी शोज में जाना चाहती हूं। लेकिन मेरे पैरंट्स इसके बिल्कुल खिलाफ हैं, क्योंकि इन शोज में जाने की वजह से मेरी पढ़ाई को नुकसान होगा। मुझे अपने टैलंट पर भरोसा है और मुझे लगता है कि मैं जीत जाऊंगी। फिर इस तरह जब मेरा करियर सेट हो जाएगा, तो मुझे पढ़ाई के बारे में ज्यादा सोचने की भी क्या जरूरत है। मेरे सभी फ्रेंड्स मुझे वहां जाने के लिए कह रहे हैं, लेकिन मुझे समझ में नहीं आ रहा कि मैं अपने पैरंट्स को इस बारे में कैसे समझाऊं? 
मधुमिता 


आपके टैलंट के बारे में जानकर वाकई खुशी हुई और आपका आत्मविश्वास भी वाकई तारीफ के काबिल है। आप अपने पैरंट्स के साथ इस बात को आराम से डिस्कस करें। उनकी बात भी बेकार नहीं है, क्योंकि इस तरह के शोज में वाकई बहुत वक्त और मेहनत चाहिए होती है। और अगर आप हार गईं, तो तब क्या होगा? इस बात को ध्यान में रखते हुए पढ़ाई को इग्नोर करने का आपका फैसला सही नहीं ठहराया जा सकता।

आप खुद को और अपने पैरंट्स को इस बात का भरोसा दिलवाएं कि आपकी पढ़ाई इग्नोर नहीं होगी और इसके बाद ही आप इस लाइन में आगे बढ़ने के बारे में सोचें।